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निजीकरण पर जनता का पक्ष प्रदेश सरकार के समक्ष रखने का ‘आप’ को मिला आश्वासन

जयपुर। बीजेपी राज्य राज्य की अपनी सरकार से पेयजल को निजी क्षेत्र में देने की नीति पर पुनर्विचार करने को कहेगी। यह आश्वासन आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिया।

आम आदमी पार्टी ने अपने घोषित कार्यक्रम के मुताबिक अशोक परनामी के आवास के सामने पेयजल निजी करण के विरोध में मटका फोड़ जल स्वराज इंकलाब का आयोजन किया। विधायक के घर के बाहर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने मटके फोड़े और अशोक परनामी को ज्ञापन सौंपा।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश समन्वयक देवेंद्र शास़्त्री ने ज्ञापन सौंपने के बाद कहा कि अगर बीजेपी अपनी सरकार से पुनर्विचार करने को कहती है तो ‘आप’ भी राज्य सरकार को सात दिन की मोहलत देती है कि इस दौरान सरकार पेयजल निजीकरण की नीति पर फिर से विचार करे। आम आदमी पार्टी ने कहा कि सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए आम आदमी पार्टी भी अपना प्रतिनिधि मंडल भेजने पर विचार कर रही है।

आप समन्वयक देवेंद्र शास़्त्री ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पेयजल निजीकरण के फैसले पर आम आदमी पार्टी का पक्ष प्रदेश सरकार के समक्ष रखने के आश्वासन पर यदि 7दिनों के अंदर कोई अमल नहीं करते और सरकार की ओर से इस दिशा में जनहित में कोई कदम नहीं उठाया जाता तो आम आदमी पार्टी अपना आंदोलन और तेज करने के लिए विवश होगी।

परनामी के घर के बाहर किए गए इस ‘जल स्वराज इंकलाब’ के दौरान आप नेता व कार्यकर्ता देवेन्द्र शास्त्री, जवाहर शर्मा, गोपाल शर्मा, अजय दास, रचना टांक, अमित शर्मा ‘लिओ’, प्रशांत शर्मा, प्रदीप कटारिया, राहुल, अभिषेक जैन, विनीत शर्मा, शम्भू सहित कई अन्य कार्यकार्त मौजूद थे.

स्मरण रहे कि राजस्थान सरकार पेय जल को निजी हाथों में सौंपने का नीतिगत फैसला कर चुकी है। आम आदमी पार्टी मानती है कि भारतीय जनता पार्टी की वसुंधरा सरकार अपने दायित्व पूरा करने में सक्षम नहीं है। इससे भी गंभीर बात यह है कि वसुंधरा सरकार का जल वितरण में भ्रष्टाचार करने का रिकार्ड पहले ही रहा है। पार्टी का कहना है कि निजीकरण भ्रष्टाचार की तरफ एक  और कदम साबित हो सकता है। पुराने रिकार्ड के मुताबिक राजस्थान जलदाय विभाग को एडीबी से 820 करोड़ की पहली किस्त सितंबर2017 में मिली थी, एशियन डेवलप मेंट बैंक फंड के इस्तेमाल के तरीकों से खुश नहीं थी और काम काज में सुधार की मांग की थी। चूंकि सरकार को यह आशा नहीं है कि एडीबी उसे दूसरी किस्त देगी इस लिए अब निजी क्षेत्र में जल वितरण नीति बनाई गई है। आम आदमी पार्टी जानना चाहती है कि एडीबी से मिले 820 करोड़ रूपये का क्या इस्तेमाल हुआ यह जनता को बताया जाना चाहिए।

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sudhir

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