आम आदमी पार्टी ने ओड़िशा में हुए ट्रेन हादसे के लिए मोदी सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है। ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य एवं रेलवे स्थायी कमेटी के सदस्य डॉ. संदीप पाठक ने अपनी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों को समर्पित करते हुए कहा कि ओड़िशा में हुआ रेल हादसा दिल दहलाने वाला है। मोदी सरकार के एजेंडे में रेलवे की सुरक्षा है ही नहीं। इसलिए सरकार का ट्रेनों की सुरक्षा के लिए तकनीकी उपायों पर कोई ध्यान नहीं है। मोदी सरकार सिर्फ दिखावा करके रेल चलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि मैंने रेलवे कमेटी की पिछली मीटिंग में कहा था कि सबसे पहले ट्रेनों की सेफ्टी से संबंधित काम पूरे करवाए जाएं। अभी तक सभी ट्रेनों में एंटी कॉलिजन और एंटी डिरेलमेंट उपकरण नहीं लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा उपकरण के रेल भगवान भरोसे चल रही है। इस तरह के दिखावे से देश बर्बाद हो जाएगा।
“आप” के राज्यसभा सदस्य एवं रेलवे स्थायी कमेटी के सदस्य डॉ. संदीप पाठक ने एक बयान जारी कर कहा कि ओडिशा में जो रेल दुर्घटना हुई है उसमें 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 900 से अधिक लोग घायल हैं। इस दुख की घड़ी मैं सभी दुखी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि आज मन में कई बार यह प्रश्न आया कि आज इस दुख की घड़ी में इस मुद्दे को उठाऊं या नहीं। मगर यह इतना महत्वपूर्ण मुद्दा है कि इसे आज उठाना पड़ेगा क्योंकि भारत सरकार के एजेंडे में कहीं भी सुरक्षा और बचाव का विषय नहीं है।
सांसद संदीप पाठक ने कहा कि मैं रेलवे स्टैंडिंग कमेटी का सदस्य भी हूं। कमेटी का सदस्य होने के नाते मैं पिछली बैठक में मैंने यह मुद्दा उठाया था कि भारत सरकार सबसे पहले सुरक्षा और बचाव के विषय पर ध्यान दे। मगर भारत सरकार का पूरा ध्यान सिर्फ प्रचार (प्रेस विज्ञप्ति) और दिखावे में लगा हुआ है। इस दौरान ड्रॉ संदीप पाठक ने भारतीय रेल की सुरक्षा से जुड़े कुछ उदाहरण भी बताया। उन्होंने कहा कि इसमें पहली चीज है एंटी- कोलिजन उपकरण है। यह दो ट्रेनों को आपस में टकराने से रोकने के लिए बहुत जरूरी होता है। हमारे देश में लगभग 65 हजार किलोमीटर का नेटवर्क है। उसमें भारतीय रेलवे ने सिर्फ 1400 किलोमीटर पर यह उपकरण लगाई है। यह पूरे रेल नेटवर्क के 2 फीसद से भी कम है। पिछले 9 साल में पीएम मोदी की सरकार ने सिर्फ 2 फीसद की रेल नेटवर्क को कवर किया है, तो इसका मतलब है कि भारत के पूरे रेल नेटवर्क में यह उपकरण लगाने के लिए इन्हें 400 से भी ज्यादा साल लग जाएंगे।
“आप” सांसद संदीप पाठक ने कहा कि अगर रेलगाड़ी के हिसाब से देखा जाए तो हमारे देश में 23 हजार के लगभग रेलगाड़ियां है। जानकारी के मुताबिक इन्होंने सिर्फ 65 रेलगाड़ियों में यह उपकरण लगाया है जोकि कुल रेलगाड़ियों की संख्या के 2 फीसद से भी कम है। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि भारत सरकार की प्राथमिकता सुरक्षा और बचाव पर नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह एक और उपकरण है “एंटी ए एमिनेंट डिटेक्टिंग डिवाइस”। साल 2014 में भारत सरकार ने यह कहा था कि 2014 से ही सभी रेलवे नेटवर्क पर इस उपकरण को लगाया जाएगा। मगर अभी तक इसका कोई ब्योरा नहीं है कि इन्होंने कितनी जगह पर यह उपकरण लगाया है और इस पर कितना काम हुआ है।
रेलवे स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य संदीप पाठक ने कहा कि इसी तरह रेलवे ट्रैक को समय के साथ उन्नत करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। रेलगाड़ी को पटरी से उतरने से रोकने के लिए यह बहुत जरूरी है कि रेलवे ट्रैक को समय के साथ उन्नत और विकसित किया जाए। अभीतक भारतीय रेलवे के 65 हजार किलोमीटर के रेलवे ट्रैक नेटवर्स में सिर्फ 37 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक को उन्नत (अपग्रेड) किया गया है, जोकि सिर्फ 50 फीसद है।
“आप” सांसद संदीप पाठक ने कहा कि भारतीय रेलवे के पास सिर्फ 50 फीसद रेलवे ट्रैक ही अपग्रेडिड हैं, केवल 2 फीसद में एंटी- कोलिजन डिवाइस लगे हुए हैं। लेली ये कहते हैं कि सभी जगह एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम लगे हुए हैं, अगर ऐसा है तो फिर यह काम क्यों नहीं कर रहे हैं? यह प्रश्न जरूर उठता है, जिसे आज पूछा जाना चाहिए। आज इस दुख की घड़ी में मैं इस प्रश्न को नहीं उठाना चाहता था लेकिन मुझे लगता है कि बहुत जरूरी प्रश्न है। इसलिए सरकार से हमें यह पूछना चाहिए।