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नई दिल्ली 3 मई 2019

शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी ने, भाजपा द्वारा AAP के विधायकों को खरीदने की कोशिश का खुलासा किया था। उस पर भाजपा के नेता विजय गोयल का यह बयान कि आम आदमी पार्टी के 7 नही 14 विधायक हमारे संपर्क में हैं, इस बात का साक्ष्य है, कि भाजपा बेशर्मी के साथ इस बात को स्वीकार कर रही है कि वह विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल है।

पिछले 5 सालों में भाजपा के सातों प्रत्याशियों ने दिल्ली में एक भी विकास का काम नहीं किया। भाजपा के खिलाफ दिल्ली की जनता में भारी रोष एवं गुस्सा है। जनता को बहलाने के लिए भाजपा ने अपने दो प्रत्याशियों को बदलकर पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर और उत्तर पश्चिमी दिल्ली से गायक हंसराज हंस को प्रत्याशी बनाकर दिल्ली के चुनाव में उतारा। परंतु भाजपा का यह हथकंडा भी फेल साबित हुआ।

पूर्वी दिल्ली से भाजपा के प्रत्याशी गौतम गंभीर ने दिल्ली में ही दो अलग-अलग स्थानों से दो वोटर कार्ड बनवाए हुए हैं। जोकि चुनाव आयोग के कानूनों के अनुसार अपराध है, और जिसके चलते हमें उम्मीद है कि आज नहीं तो कल गौतम गंभीर का नामांकन रद्द होना ही है। इसी प्रकार उत्तर पश्चिमी दिल्ली से भाजपा के प्रत्याशी हंसराज हंस एक एससी रिजर्व सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि 2014 में ही वह हिंदू धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म अपना चुके हैं, और कानून के मुताबिक एक सामान्य जाति का व्यक्ति एससी रिजर्व सीट से चुनाव नहीं लड़ सकता। तो आज नहीं तो कल उनका नामांकन भी रद्द होना ही है।

आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी दिल्ली की जनता से अपने 5 साल की नाकामियों की माफी मांगते फिर रहे हैं। वहीं मीनाक्षी लेखी जी को दिल्ली में सभाएं करना भी मुश्किल हो रहा है। भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की बात करें तो पूर्वांचल के लोगों ने इस बार उनका हिसाब किताब करने का ठान रखा है। साहिब सिंह वर्मा जी के नाम पर वोट लेकर पश्चिमी दिल्ली से सांसद बने प्रवेश वर्मा जी को आज अपनी ही लोकसभा में रहना मुश्किल हो गया है।

आज दिल्ली में भाजपा चारों तरफ से घिरी हुई है, और भाजपा को दिखाई दे रहा है कि आम आदमी पार्टी जीत की ओर बढ़ रही है। तो अपने पुराने हथकंडे, विधायकों की खरीद फरोख्त करके माहौल बनाने की कोशिश में लगी हुई है। भाजपा ऐसा पहली बार नहीं कर रही है। इससे पहले भी भाजपा इस तरह के हथकंडे अपना चुकी है। अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पश्चिम बंगाल में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, कि ममता जी की पार्टी के 40 विधायक मेरे संपर्क में हैं। भाजपा को देश के संविधान और लोकतंत्र से कोई लेना देना नहीं है। चाहे नफरत फैलाकर हो, चाहे कत्लेआम करके हो या देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करके सत्ता हासिल हो, भाजपा को केवल और केवल सत्ता चाहिए।

कर्नाटका में भी जब भाजपा को सफलता नहीं मिली तो वहां पर भी विधायकों की खरीद-फरोख्त की मंडी लगाने की कोशिश करी। परंतु भाजपा वहां पर भी सफल नहीं हो पाई। अब दिल्ली में भी भाजपा एक बार फिर से वही कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने दिल्ली में विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए मंडी सजाई थी। भाजपा के प्रदेश नेता शेर सिंह डागर का स्टिंग भी मीडिया के माध्यम से जनता के सामने आया था। जिसकी वजह से शेर सिंह डागर को इस्तीफा देना पड़ा था।

एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो दिखाते हुए गोपाल राय ने भाजपा के नेताओं से सवाल किया, कि वीडियो में जो शेर सिंह डागर हैं और जो 5 करोड़ देने की और चुनावी टिकट देने की, चेयरमैनशिप देने की बात कर रहे हैं, वह किस पार्टी के नेता है? क्या वह भाजपा के नेता नहीं है? क्या यह खरीद-फरोख्त की जो मंडी लगाई गई, वह भाजपा के द्वारा प्रायोजित नहीं थी?

मीडिया के माध्यम से गोपाल राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन किया की दिल्ली में जो आप की रैली होने वाली है, उसमें आप दिल्ली की जनता को बताएं, कि दिल्ली के कोने कोने में आप के सांसदों ने जो विकास कार्यों के आधार पर बोर्ड लगाए हुए हैं, क्या आपको अपने उन विकास कार्यों पर, अपने सांसदों के विकास कार्यों पर भरोसा नहीं है? अगर आपने विकास कार्य किए हैं, तो जगह-जगह यह जो विधायकों की खरीद-फरोख्त की मंडी लगाई जा रही है, इसके पीछे की वजह क्या है? क्या यह आपकी हताशा है? क्या यह आपकी हार का डर है? और अगर नहीं है, और अगर आप लोकतंत्र पर विश्वास करते हैं, तो फिर भाजपा यह खरीद-फरोख्त की मंडी क्यों लगा रही है?

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sudhir

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