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आम आदमी पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका ख़ारिज करने के फ़ैसले से सम्मान पूर्वक असहमती जताई हैं। ‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि कथित शराब घोटाला भाजपा का राजनैतिक षड्यंत्र है। इसका मकसद ‘‘आप’8 को खत्म करना है। जब भाजपा दिल्ली-पंजाब में हमें हराने में असफल हो गई तो ईडी-सीबीआई के जरिए इस षड़यंत्र को रचा। ये पूरा केस केवल गवाहों से दबाव में लिए गए बयानों पर आधारित है। जब तक गवाहों ने ‘‘आप’’ नेताओं के खिलाफ बयान नहीं दिए, तब तक उनको मारा-पीटा और डराया-धमकाया गया। इस मामले में हज़ारों छापे पड़े, लेकिन आज तक एक रुपया नहीं मिला है। फिर भी झूठे आरोप लगा कर ‘‘आप’’ नेताओं को जेल भेजा गया। इससे साफ है कि यह पूरा मामला राजनैतिक षड़यंत्र है। लेकिन भाजपा का अंत अब करीब आ गया है। देश की जनता ने उसे सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया है। चार जून को इंडिया गठबंधन की सरकार बनने के बाद देश के सबसे बड़े इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले की जांच होगी और भाजपा के नेता जेल जाएंगे।

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री आतिशी ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि आज दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत की अर्जी को खारिज किया है। हम हाईकोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले से सम्मानपूर्वक असहमत हैं। क्योंकि यह तथाकथित शराब घोटाला भाजपा का आम आदमी पार्टी पर हमला करने और उसे कुचलने का एक राजनैतिक षड़यंत्र है। जब भाजपा दिल्ली और पंजाब में चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी को हराने में अक्षम हो गई तो ईडी-सीबीआई के माध्यम से इस षड़यंत्र को रचा गया। यह पूरी तरह एक राजनैतिक षड़यंत्र है, ये इस बात से पता चलता है कि दो साल से इसकी जांच हो रही है। इस जांच में 500 से ज्यादा अफसर लगे हुए हैं। हजार से ज्यादा रेड हो चुकी है और आठ से ज्यादा चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, लेकिन अभी तक एक रुपए की भी बरामदगी आम आदमी पार्टी के किसी नेता या विधायक, मंत्री के पास से नहीं हुई है।

आतिशी ने प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि आखिर यह कैसा घोटाला है। भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के इतिहास में आजतक कोई ऐसा घोटाला नहीं हुआ होगा, जिसमें एक रुपए भी नहीं मिला। इसके बाद भी आम आदमी पार्टी के नेताओं पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और उन झूठे आरोपों पर उनको जेल भेजा जा रहा है। यह राजनैतिक षड़यंत्र है, जो इस बात से पता चलता है कि यह पूरा केस केवल आरोपियों से दबाव में लिए गए बयानों के आधार पर बना हुआ है। हमने देखा कि किस तरह से आरोपियों पर दबाव बनाया जाता है। जब तक कि आरोपी आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयान नहीं दे देते हैं, तब तक उनको मारा-पीटा जाता है। हमने इस केस में देखा कि एक गवाह ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ बयान देने के बाद कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर बताया कि उसे किस तरह से डराया-धमकाया गया। उसे इतना मारा गया कि उसके कान की कनपटी तक फट गई और उससे झूठी गवाही ली गई।

आतिशी ने कहा कि इस केस में पहले गवाह मगुंटा रेड्डी पहले एक बयान देते हैं। जिसमें वो कहते हैं कि मेरी अरविंद केजरीवाल से शराब नीति को लेकर कोई बात नहीं हुई। फिर वो दूसरा बयान देते हैं, जिसमें वो कहते हैं कि मेरी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से शराब नीति को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। इसके बाद उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया और उसको छह महीने तक जेल में रखा गया। मगुंटा रेड्डी पर दबाव बनाया गया और छह महीने बाद वो अपने पुराने दोनों बयानों से मुकर जाते हैं। वो अपने तीसरे बयान में कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल से मेरी शराब नीति पर बात हुई थी। जैसे ही मगुंटा रेड्डी यह बयान देते हैं, उनके बेटे को जमानत मिल जाती है। यह बिल्कुल साफ केस है, जहां एक तरफ दबाव बनाया जा रहा है और दूसरी तरह आरोपी को लुभाया जा रहा है, उससे कहा जा रहा है कि जैसे ही आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयान दोगे, तुम्हें जमानत मिल जाएगी और बाहर निकल जाओ।

आतिशी ने कहा कि मगुंटा रेड्डी के बेटे सरथ रेड्डी इस केस के दूसरे अहम गवाह हैं। सरथ रेड्डी बार-बार बयान देते हैं, जिसमें वो कहते हैं कि उनका आम आदमी पार्टी के नेताओं से कोई लेना-देना नहीं है, कोई बातचीत नहीं है। लेकिन उनको गिरफ्तार कर जेल में रखा जाता है। जब वो कई महीने जेल में रहते हैं। वो थक हार कर अपने पुराने बयान से पलट जाते हैं और आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयान देते हैं और उनको जमानत मिल जाती है। इस तरह यह बिल्कुल साफ है कि इस केस में आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक षड़यंत्र रचा जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट भी जब अरंिवद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई कर रहा था तो बार-बार ईडी से यही पूछ रहा था कि आपने कैसे तय किया कि किस बयान को सही और किसको गलत मानें। आपने कैसे मान लिया कि जो बयान आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरवाल, मनीष सिसोदिया के पक्ष में हैं, उसको आपने सबूत ही नहीं माना। लेकिन जो बयान उनके विरोध में हैं, उसे सबूत में शामिल कर लिया। ईडी के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं था।

आतिशी ने कहा कि पीएमएलए एक ऐसा कानून है, जिसमें जमानत मिलना लगभग असंभव है और इसीलिए भाजपा पीएमएलए और ईडी को एक राजनैतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है, विपक्ष पर हमला करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। भाजपा से कहना है कि अब आपका अंत करीब आ गया है। अब देश की जनता ने अपना मन बनाया लिया है और अपने वोट की ताकत से भाजपा की सरकार को बाहर करने वाली है। 4 जून तक भाजपा को जितने षड़यंत्र रचने हैं, रच ले, क्योंकि 4 जून के बाद देश के सबसे बड़े घोटाले की जांच होगी। चार जून के बाद जब इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो इलेक्टोरल बॉन्ड की जांच होगी। जिसमें न सिर्फ भाजपा के नेता जेल में जाएंगे, बल्कि ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स विभाग के अफसर भी जेल जाएंगे। क्योंकि वो भी इस घोटाले में शामिल हैं।

आतिशी ने कहा कि अब हम जल्द ही मनीष सिसोदिया की जमानत की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे। हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। जब-जब इस देश के लोकतंत्र पर हमला हुआ है, सुप्रीम कोर्ट उसे बचाने आया है। आज ईडी और पीएमएलए का प्रयोग इस देश के विपक्ष को खत्म करने के लिए किया जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट से संजय सिंह का जमानत मिली और ईडी से बार-बार मनी ट्रेल के बारे में पूछा कि मनी ट्रेल कहां है? और जिस तरह से अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली, उसी तरह हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को भी जरूर न्याय मिलेगा।

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