केंद्र सरकार ने ही तुड़वाया था संत रविदास मंदिर।
भाजपा इस मुद्दे का कर रही राजनीतिकरण।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर 2019
भाजपा द्वारा गुरु संत रविदास जी के मंदिर मुद्दे पर की गई एक प्रेस वार्ता के जवाब में बयान जारी करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए संत गुरु रविदास मंदिर को खुद ही तुड़वाया और अब जनता को यह कहकर बरगला रही है कि वह गुरु संत रविदास में आस्था रखती है और दलित समाज के हितों के लिए काम करती है।
भाजपा ने इस मुद्दे पर संत गुरु रविदास मंदिर के मानने वाले 40 करोड़ अनुयायियों की आस्था से खिलवाड़ किया है व उन्हें गुमराह किया है।
अगर, भाजपा चाहती तो इस मंदिर को टूटने से बचाया जा सकता था। ऐसा होने से संत रविदास जी को मानने वालों की भावनाएं आहत नहीं होती और राजधानी में इतने धरने-प्रदर्शन नहीं करने पड़ते। प्रदर्शन में समाज का रोष और एकजुटता देखकर भाजपा बौखला गई और आनन फानन में समाज के 96 बेकुसूर दलित युवाओं को जेल में डाल दिया।
जबकि सच्चाई यह है कि समाज को बांटने की राजनीति और तोड़ने की साजिश भाजपा और आरएसएस जैसे संगठन हमेशा ही करते रहे हैं। आम आदमी पार्टी भारत के संविधान को मानने वाली पार्टी है। डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर जी के बनाए संविधान में आस्था रखती है और इस पूरी प्रक्रिया से यह साबित हो गया कि अगर भाजपा चाहती तो करोड़ों लोगों की आस्था को बचाया जा सकता था।
इस अति संवेदनशील मुद्दे पर भाजपा ने हर मोड़ पर राजनीति की और संत गुरु रविदास जी के मंदिर को टूटने से बचाने की बजाय उन्होंने इसे खुद ही तुड़वाया और अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे भुनाने के लिए बयान दे रही है कि भाजपा दलित समाज के साथ है।
पीछे भी समय-समय पर यह साबित हुआ है कि भाजपा समाज को बांटने की कोशिश करती रही है और समाज के हितों के खिलाफ काम करती रही है। चाहे 200 प्वाइंट रोस्टर की बात हो या एससी/एसटी एट्रोसिटी एक्ट को कमजोर करने की बात हो। लेकिन जब-जब भाजपा ने ऐसा करने का साहस किया है, समाज ने एकजुट होकर इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है जिसका नतीजा है कि रोस्टर और एससी/एसटी एक्ट को केंद्र सरकार को जस का रस रखना पढ़ा।
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