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नई दिल्ली, 28 मार्च 2024

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट के सामने स्वयं अपनी दलीलें रखते हुए मात्र 7 मिनट में ईडी के सारे केस को ध्वस्त कर दिया। अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट को बताया कि कैसे ईडी का केस निराधार है, बेबुनियाद है और बिना किसी कारण के एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ़्तार किया गया है।

कोर्ट की कार्यवाई बंद कमरे में होती है, ऐसे में वहाँ मौजूद जज, वकीलों और मीडिया ने जो अरविंद केजरीवाल जी की बात को सुना लेकिन पूरा देश और दुनिया अरविंद केजरीवाल जी की बात को सुन सके इसलिए जो स्टेटमेंट केजरीवाल जी ने कोर्ट में दिया उसे आप नेता आतिशी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से साझा किया। आतिशी ने बताया कि सीएम केजरीवाल ने कोर्ट में कहा, यह केस पिछले पौने दो सालों चल रहा है। 17 अगस्त को 2022 को सीबीआई का पहला केस फाइल हुआ था और 22 अगस्त 2022 को पीआईएल फाइल हुई थी। सीएम ने कहा कि, ना तो किसी कोर्ट ने मुझे दोषी करार दिया है और ना ही मेरे ऊपर कोई मुकदमा चला है। ना ही मेरे ऊपर कोई आरोप तय हुआ है, ना ही मेरे ऊपर कोई आरोप लगे हैं।

सीएम ने कहा कि, अभी तक इस केस में सीबीआई 31000 पेज कोर्ट में फाइल कर चुकी है और 294 विटनेस को एग्जामिन कर चुकी है। ईडी लगभग 162 विटनेस को एग्जामिन कर चुकी है और 25000 पेज फाइल कर चुकी है। इन सारे विटनेस और कागजों को मिलाकर मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया है? मेरे नाम सीधे-सीधे 4 स्टेटमेंट में आता है।

सीएम ने कहा कि, मेरा नाम चार जगह आ रहा है। सबसे पहले हैं सी अरविंद। सी अरविंद मनीष सिसोदिया जी के सेक्रेटरी थे। उन्होंने यह बयान दिया है कि एक दिन वह मेरे घर में, मेरी मौजूदगी में मनीष सिसोदिया जी ने उनको कुछ एक्साइज के डॉक्यूमेंट हैंडओवर किए। उन्होंने यह नहीं कहा कि कुछ पैसे दिए, ऐसा कोई आरोप नहीं है। मैडम मेरे घर पर ढेरों विधायक, मंत्री और अधिकारी आते हैं, उनके सेक्रेटरी आते हैं, वह आपस में खुसर फुसर करते रहते हैं और डॉक्यूमेंट भी एक्सचेंज करते हैं। मुझे क्या पता कि कौन किसको क्या दे रहा है? क्या यह एक बयान मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए काफी है?

मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी (एमएसआर) जगत रेड्डी की पार्टी से सांसद थे। एमएसआर एक दिन 16 मार्च 2021 को 4:30 मेरे दफ्तर आते हैं। इससे पहले उन्होंने 10 दिन पहले मुझे मेल लिखी थी कि मैं एक सांसद हूं और मुख्यमंत्री से मिलना चाहता हूं। मेरे ऑफिस से उन्हें 10 दिन बाद मिलने का समय दे दिया गया। वह 4:30 बजे मेरे पास मिलने के लिए आए। मैं किसी वजह से जल्दी में था तो उन्होंने मेरे से कहा कि मुझे दिल्ली में अपना फैमिली चैरिटेबल ट्रस्ट खोलना है, उसके लिए मुझे जमीन चाहिए। हमने कहा कि जमीन हमारे अंडर नहीं आती, LG साहब के अंडर आती है। आप चिट्ठी दे दीजिए, मैं LG को यह चिट्ठी पहुंचवा दूंगा। 16 सितंबर 2022 को उनके घर पर रेड होती है। उनसे पूछा जाता है कि क्या आप केजरीवाल जी से मिले? उन्होंने कहा कि हां मैं मिला और मैं केजरीवाल जी से अपनी फैमिली ट्रस्ट के लिए जमीन मांगने के लिए गया था। यह 16 सितंबर 2022 को सेक्शन 17 में जिक्र है।

सीएम ने कहा कि, 5 महीने के बाद 10 फरवरी को उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया जाता है। उसके बावजूद वह अपने स्टेटमेंट पर कायम रहते हैं। जब 5 महीने तक उनका बेटा गिरफ्तार रहता है तो आप टूट जाता है। 16 जुलाई उसके पिताजी अपना स्टेटमेंट बदल लेते हैं। 16 जुलाई को अपना बयान बदल लेते हैं और 18 जुलाई को उनका बेटा छूट जाता है। उनके बाद उनका कोई स्टेटमेंट नहीं आता। बयान पर बयान हो रहे थे, जब तक वह अपना बयान मेरे खिलाफ नहीं दे रहे थे तब तक। जैसे ही उन्होंने मेरे खिलाफ बयान दिया बेटा भी छूट गया और बयान होने भी बंद हो गए और 3 अक्टूबर को उनका माफीनामा भी हो गया। मिशन कामयाब हो गया।

ईडी का मकसद केवल और केवल मुझे फँसाना था

सेक्शन 50 के तीन स्टेटमेंट हैं। तीनों बराबर हैं। उनमें से एक एक स्टेटमेंट को तवज्जो क्यों दी गई? क्या जांच की गई है कि इनमें से एक सही है और बाकी दो गलत हैं? जो 25000 पेज ईडी ने फाइल किए हैं उन 25000 में जो केजरीवाल के खिलाफ वाला स्टेटमेंट है सिर्फ उसको लगाया गया है। बाकी दोनों स्टेटमेंट्स दबा दिए गए हैं। आखिर ऐसा क्यों, यह तो गलत है? कोर्ट के सामने तीनों स्टेटमेंट लाने चाहिए थे ताकि कोर्ट डिसाइड करे कि सच्चाई क्या है?

तीसरा स्टेटमेंट है उनके बेटे का। राघव मगुंटा से 16 सितंबर को उसके घर पर रेड होती है और बयान लिया जाता है। 10 फरवरी को उसको गिरफ्तार किया जाता है। उसके बाद उसके पांच बयान लिए जाते हैं। उसमें वह यही बोलता है जो पहले बोला है। 5 महीने तक वह जेल में रहता है। उसके बाद 16 जुलाई को जब पिताजी बयान बदलते हैं तो 18 जुलाई को उनको छोड़ दिया जाता है।

उनके 7 बयान हुए जिसमें वह 6 में मेरे खिलाफ नहीं बोलते हैं और सातवें में जैसे ही वह मेरे खिलाफ बोलते हैं उसके बाद उनका कोई स्टेटमेंट नहीं होता। उनको जेल से छोड़ दिया जाता है। उनको माफीनामा दे दिया जाता है। यह जो 6 स्टेटमेंट है यह रिकॉर्ड में नहीं लगाए जाते।

चौथा है शरद रेड्डी। शरद रेड्डी के केस में 16 सितंबर में उसके यहां रेड हुई। उसने मेरे खिलाफ कुछ नहीं बोला। 9 नवंबर को उसने मेरे खिलाफ कुछ नहीं बोला। 10 नवंबर को उसकी गिरफ्तारी हुई, उसके बाद उसके 9 बयान दर्ज किए जाते हैं जिसमें वह मेरे खिलाफ नहीं बोलता। उसके बाद 6 महीने गिरफ्तार रहने के बाद 25 अप्रैल को वह टूट जाता है और वह केवल इतना कहता है कि मैं विजय नायर के साथ सीएम साहब के पास गया था। सीएम साहब जल्दी में थे तो सीएम साहब ने कहा कि विजय के टच में रहो, विजय अच्छा लड़का है।

मैं केवल यह जानना चाहता हूं क्या यह चार स्टेटमेंट एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त हैं?

नंबर दो नंबर दो जो 30000 पेज फाइल किए गए हैं। यह 30000 पेज के अलावा एक लाख पेज ईडी के दफ्तर में पड़े हुए हैं, जो हमारी बेगुनाही के सबूत हैं, उनको कोर्ट के सामने नहीं लाया गया।

शराब घोटाले का पैसा आखिर कहां है? आरोप लगाया जा रहा है कि 100 करोड रुपए किसी साउथ लॉबी ने शराब की पॉलिसी बनाने के लिए आम आदमी पार्टी को दिए। यह जस्टिस संजीव खन्ना का आर्डर है, पेज 22 के पैराग्राफ 12 में कहा गया है कि 100 करोड रुपए रिश्वत का मामला डिबेट के लायक है। इसका मतलब ये रिश्वत का मामला संदेह है। उसके सबूत ही नहीं है।

असली शराब घोटाला शुरू होता है ईडी की जांच के बाद। जब ईडी की जांच शुरू होती है। ईडी की जांच के दो मकसद थे। पहला मकसद आम आदमी पार्टी को क्रश करना। आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचारी साबित करना। खुद फैलाना कि आम आदमी पार्टी ने शराब घोटाला किया है। ईडी का दूसरा मकसद था उसके पीछे एक्सटॉर्शन रैकेट चलाना जिसके जरिए वह पैसे इकट्ठा कर रहे हैं।

शरद रेड्डी के केस में शरद रेड्डी को जमानत दो कारण से मिली। सबसे पहले शरद रेड्डी ने मेरे खिलाफ बयान दिया और शरद रेड्डी ने गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड रुपए का चंदा भाजपा को दिया। गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड रुपए के बॉन्ड शरद रेड्डी ने खरीदे और उसके बाद उसे जमानत मिल गई। इससे मनी ट्रेल साबित हो जाता है।

गिरफ्तार होने के बाद उसने 55 करोड़ का चंदा भाजपा को दिया। भाजपा के अकाउंट में यह पैसा सीधे तौर पर गया। इससे मनी ट्रेल साबित हो गया। यही पूरी जांच का मकसद था कि एक तरफ आम आदमी पार्टी को क्रश करना। एक स्मॉग स्क्रीन क्रिएट करना और पीछे से एक्सटोर्शन करना।

आप नेता आतिशी ने कहा कि, ये बयान साफ़-साफ़ साबित कर देता है कि, अरविंद केजरीवाल जी को सिर्फ़ 4 ऐसे बयान के आधार पर गिरफ़्तार किया गया है, जिन बयानों का कोई आधार नहीं है। जिन बयानों को देने से पहले उन व्यक्तियों ने कई बार कहा कि हम अरविंद केजरीवाल को नहीं जानते, हम उनसे नहीं मिले। लेकिन महीनों तक जेल में रहने के बाद उनके बयान पलट जाते है।

तो आज अरविंद केजरीवाल जी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने अपना बयान रख कर ईडी के सारे केस को ध्वस्त कर दिया। आज अरविंद केजरीवाल जी ने अपना बयान सामने रख कर पूरे देश के सामने ये साबित कर दिया कि ईडी का असली मतलब एक्सटॉरशन डायरेक्टोरेट है। ईडी का प्रयोग उगाही करने के लिए किया जाता है और असली शराब घोटाला ईडी की जाँच के बाद शुरू हुआ जब इस शराब घोटाले की जाँच के माध्यम से शराब कारोबारियों से पैसों की उगाही की गई

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