प्रेस विज्ञप्ति
04-05-2019
उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा में वर्तमान सांसद होने के नाते जनता द्वारा सवाल करना और उन सवालों का जवाब देना मनोज तिवारी की जिम्मेदारी है। आम आदमी पार्टी के उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोकसभा प्रत्याशी दिलीप पाण्डेय उत्तर पूर्वी जनता की ओर से पहले भी चार सवाल पूछ चुके है लेकिन एक भी सवालों का जवाब सांसद मनोज तिवारी ने नहीं दिया है।
फिर भी सवालों का सिलसिला जारी रखतें हुए दिलीप पाण्डेय ने मनोज तिवारी से पूछा पांचवा सवाल –
सवाल नंबर- 5. उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे है माननीय सांसद महोदय। घोंडा विधानसभा में जो कूड़े का पहाड़ है ये सिर्फ एक बदबूदार पहाड़ ही नहीं ये एक जानलेवा पहाड़ है। ये जानते हुए भी सांसद महोदय जो डीडीए के खुद भी सदस्य है और उन्हीं के पार्टी के द्वारा नियुक्त किए गए एलजी साहब उनके चैयरमैन है। उसी डीडीए ने कूड़े का पहाड़ बनाने के लिए जमीन क्यों दिया ? वहीं भाजपा शासित नगर निगम सब जानते हुए भी डीडीए के इस प्रस्ताव को स्वीकृति क्यों दी?
इन सबके बावजूद जनता को बेवकूफ बनाने वाले सांसद महोदय ये कहते हुए नजर आते है कि हमारा इसमें कोई रोल नहीं और हम इसे बनने नहीं देगें। मनोज तिवारी जी आप एक बार जनता को बेवकूफ बना सकते है बार बार नहीं। इस बार उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा की जनता इस कूड़े के पहाड़ के खिलाफ भी वोट करेगी। इस बार उत्तर पूर्वी दिल्ली की जनता बड़ा आदमी नहीं अपना आदमी चुनेंगी।
गौतरलब है कि इससे पहले भी दिलीप पाण्डेय सांसद मनोज तिवारी से तीन और सवाल पुछ चुके है –
सवाल नम्बर -1. पूर्ण राज्य एक बहुत बड़ा मुद्दा है, भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए। दिल्ली को पूर्णराज्य बनाने के मुद्दे पर आपकी पार्टी वादा करके क्यों पलट गयी ? बीजेपी के तमाम बड़े नेताओ से दिल्ली को पूर्णराज्य बनाने का वादा किया था, अब उस पर चुप्पी क्यों है?
सवाल नम्बर-2. पूर्वांचल के नाम पर वोट की राजनीति की, फिर पूर्वांचलियों के दक्षिणी दिल्ली में बुरी तरह से मारने पीटने वाले सांसद को आपने टिकट क्यों दिलवाया? रमेश बिधूड़ी पर कोई करवाई क्यों नहीं की?
सवाल नम्बर -3. सांसद मनोज तिवारी नोटबंदी के दौरान जो लोग बैंके की लाईनों में खड़े हुए थे उनका मजाक उड़ाते नजर आये बाकी के बीजेपी नेताओं के साथ, ढेढ़ सौ से भी ज्यादा लोग नोटबंदी के दौरान मरे और इसके कई गुना ज्यादा लोग परेशान हुए, लगभग ढेढ़ करोड़ नौकरिया बर्बाद हुई, तो क्या आप इन सबका मजाक उड़ा रहे थे? इस अपमान के लिए मनोज तिवारी क्या आप जनता से माफी मांगेंगे?
सवाल नंबर- 4. दिल्ली के अंदर जनता ने 2014 में अपनी आंखे बेचकर सपने खरीद लिए, सात सांसद चुन लिए, लेकिन जनता पुछ रही है कि जब जब हमें अपने सांसदों की जरुरत थी तब वो कहा थे? दिल्ली के अंदर सात लाख से भी अधिक छोटे बड़े व्यापारी भाजपा शासित नगर निगम द्वारा चलाई जा रही सीलिंग की मार से परेशान है। इस दौरान भाजपा का एक सांसद भी व्यापारियों के बीच नहीं पहुंचा क्यों? जबकी भारतीय जनता पार्टी चाहती तो एक अध्यादेश लाकर दिल्ली में चल रही सीलिंग को रोककर उन सात लाख व्यापारियों को राहत दिला सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया?
मेट्रो का किराया बढ़ा आम आदमी पार्टी ने विरोध किया, केंद्र सरकार को चिट्ठियां लिखी। उस वक्त भी भाजपा का एक भी सांसद ने इसके खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाई? दिल्ली अपराध की राजधानी बनती जा रही है। खासकर महिलाओं के प्रति अपराध लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन कोई भी सांसद दिल्ली के अंदर बढ़ते अपराध को लेकर चिंतित क्यों नहीं दिखा?
ये सारे सवाल भाजपा के सातों निक्कमें व अहंकारी सांसदों की पोल खोलती है। तो भारतीय जनता पार्टी के ऐसे सातों सांसदों को वोट देने का क्या फायदा जो दिल्ली वालों के हक की आवाज संसद में बुलंद नहीं कर सकते।
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