केजरीवाल सरकार के दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन ने सोमवार को 10वीं और 12वीं के अपने पहले साल के रिजल्ट की घोषणा की| शिक्षा मंत्री आतिशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से इसकी जानकारी दी| डीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया| 10वीं का रिजल्ट 99.49% और 12वीं का रिजल्ट 99.25% रहा|
इस मौक़े पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक नए प्रयोग के साथ दिल्ली सरकार ने अपने स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में डीबीएसई के तहत पढ़ाई शुरू कराई, दुनिया के नामी आईबी बोर्ड के साथ मिलकर उनका सिलेबस तैयार कराया। आज दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड के ये बेहतरीन नतीजे ये साबित करते हैं कि हम सही दिशा में काम कर रहे हैं। सभी बच्चों के साथ दिल्ली की टीम एजुकेशन को बहुत-बहुत बधाई। बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा देने के साथ हमें उन्हें एक कामयाब इंसान बनाना है।
इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि, आज भारत की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा दिन है| आज दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन अपना पहला 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी कर रही है| ये देश की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाने का दिन है| उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास में शिक्षा एक बहुत बड़ा योगदान करती है| उन्होंने कहा कि आज जितने भी विकसित देश है उन्होंने पिछले 50-100 सालों से अपने देश के हर बच्चे को विश्वस्तरीय शिक्षा मुहैया करवाई है चाहे वो अमीर परिवार से आते हो या गरीब परिवार से आते हो|
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से एक समर्थ और विकसित राष्ट्र के निर्माण की दिशा में दिल्ली में पिछले 8 सालों से अरविन्द केजरीवाल जी की सरकार ने बहुत काम किया है| दिल्ली सरकार ने हर साल अपने बजट का लगभग 25% शिक्षा को दिया गया है| इसकी वजह से स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर, टीचर्स ट्रेनिंग, टेक्स्टबुक इत्यादि में बड़ा परिवर्तन आया है| इसका नतीजा है की पिछले 3 साल में लाखों बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है|
उन्होंने कहा कि,आज दिल्ली सरकार के स्कूल देशभर के स्कूलों की तुलना में शानदार प्रदर्शन कर रहे है| पिछले 5 साल से दिल्ली सरकार के स्कूलों के सीबीएसई 12वीं बोर्ड के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आए है| 2018 से अबतक हर साल दिल्ली सरकार के स्कूलों का रिजल्ट 90% से ज्यादा आया है| इस साल भी जब सीबीएसई का 12 का रिजल्ट आया है तो दिल्ली सरकार के स्कूलों का रिजल्ट न सिर्फ नेशनल एवरेज से ज्यादा है बल्कि देशभर के प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर है| देशभर के प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट 87.95 आया वही दिल्ली सरकार के स्कूलों का रिजल्ट 91.59% रहा है जो प्राइवेट स्कूलों से कही बेहतर है|
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा का अभिप्राय सिर्फ नंबर लाना नहीं है| इसका उदाहरण है कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था में हमेशा रट्टा मारने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाता है| यही कारण है कि देशभर के प्रख्यात शिक्षा संस्थान अपने एंट्रेंस एग्जाम खुद लेते है क्योंकि उन्हें मौजूदा परीक्षा प्रणाली पर भरोसा नहीं है| इसलिए अगर हमें भारत को दुनिया का नंबर.1 देश बनाना है तो हमारे स्कूलों से निकल रहे है बच्चों को अपनी किताबों में दी गई जानकारी से बहुत कुछ ज्यादा आने की जरुरत है|
उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था उद्देश्य ऐसे युवा तैयार करना है जो क्रिटिकल थिंकर हो, अपने आस पास की समस्या को समझ सके, उन्हें जो भी इन्फोर्मेशन मिल रही है उसमें सही क्या है और गलत क्या है उसे जाँच सकें आंक सकें| और इन्ही सब चीजों के लिए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन की शुरुआत की|
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2021 में जब दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन की शुरुआत हुई| तब मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी के नेतृत्व में हमने विश्व के जाने माने बोर्ड इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) के साथ एमओयू किया गया| और इसी एमओयू के आधार पर डीबीएसई का पूरा करिकुलम और परीक्षा प्रणाली डिजाईन की गई| उन्होंने साझा किया कि डीबीएसई के साथ एक छोटी शुरुआत करते हुए पहले साल में हमने अपने 20 स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस को जोड़ने का काम किया| और आज मुझे इसके 10वीं और 12वीं के पहले साल के रिजल्ट की घोषणा करते हुए ख़ुशी हो रही है|
शिक्षा मंत्री आतिशी ने साझा किया कि, इस साल डीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 1582 व 12वीं की परीक्षा में 667 विद्यार्थी शामिल हुए| 10वीं की परीक्षा में सभी छात्रों के पास 6 फाउंडेशनल विषय थे| इसमें हिंदी,अंग्रेजी, गणित,विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व एंत्रप्रोन्योरियल माइंडसेट एंड डिजिटल डिजाईन शामिल है| साथ ही स्पेशलाइज्ड विषयों के रूप में 6 फाउंडेशनल विषय के अलावा डीबीएसई ने कई अन्य स्पेशलाइज्ड विषयों की परीक्षा भी ली| इन विषयों के तहत ह्यूमैनिटीज के विद्यार्थियों ने वर्ल्ड ऑफ़ वर्क, सिस्टम एंड सोसाइटीज, हाई-एंड 21st सेंचुरी के विद्यार्थियों ने एडवांस टेक्नोलॉजी, डिजाईन एंड कॉमर्स,स्टेम के विद्यार्थियों ने एडवांस्ड मैथ्स व एडवांस्ड साइंस व परफोर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के विद्यार्थियों ने मीडिया,क्रिएटिव राइटिंग-क्रिएटिव एक्सप्रेशन की परीक्षा दी| डीबीएसई द्वारा 12वीं की परीक्षा स्टेम स्पेशलाइजेशन में आयोजित की गई| इसमें 667 छात्रों ने परीक्षा दी|
डीबीएसई की मूल्यांकन पद्धति और बोर्ड से कैसे अलग
शिक्षा मंत्री ने बताया कि, देशभर में बोर्ड परीक्षाएं साल में केवल एक बार होती है| साल में एक बार होने वाले 3 घंटे की परीक्षा के आधार पर बच्चे का पूरा भविष्य निर्धारित हो जाता है| यदि किसी कारणवश की बच्चा ये परीक्षा नहीं दे पाया तो उसका पूरा साल खराब होता है| इस समस्या से निपटने के लिए डीबीएसई 2 टर्म परीक्षाओं का आयोजन करती है| साथ ही साल भर में विद्यार्थियों ने जो काम किया व उनके प्रोजेक्ट वर्क को डीबीएसई अपने रिजल्ट में शामिल करती है| ये दूसरे बोर्ड की तुलना में एक बहुत बड़ा बदलाव है कि डीबीएसई का असेसमेंट सिस्टम साल में केवल एक बार होने वाले 3 घंटे की परीक्षा पर आधारित नहीं है बल्कि सालभर लगातार चलता रहता है|
यहाँ एक और महत्वपूर्ण बदलाव ये है कि डीबीएसई की परीक्षा रटने के आधार पर नहीं होती| यहाँ हर विषय में अलग-अलग क्राइटेरिया निर्धारित किया जाता है जिसके आधार पर विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाता है| उदाहरण के लिए सामाजिक विज्ञान के लिए डीबीएसई की 4 क्राइटेरिया है| जानना और समझना,जांच करना,कम्युनिकेटिंग व थिंकिंग क्रिटिकली|
शिक्षा मंत्री आतिशी ने मीडिया के सामने सामाजिक विज्ञान की एक उत्तर पुस्तिका दिखाते हुए बताया कि कैसे डीबीएसई में मूल्यांकन की प्रक्रिया परंपरागत मूल्याङ्कन प्रक्रिया से अलग है| जहाँ विद्यार्थियों के रटने की क्षमता के आधार पर नहीं बल्कि उसकी समझ के आधार पर मूल्याङ्कन किया जाता है| यहाँ बच्चे केस स्टडी के माध्यम से अपने उत्तर लिखते है| साथ ही उनका रिपोर्ट कार्ड ग्रेड पॉइंट एवरेज के आधार पर तैयार किया जाता है|
कैसा रहा 10वीं का रिजल्ट
केजरीवाल सरकार के स्कूलों के 1582 बच्चों ने इस बार डीबीएसई के तहत 10वीं की परीक्षा दी| इसमें से 776 बच्चों ने अधिकतम ग्रेड पॉइंट एवरेज (6 व 7) प्राप्त किए| और केवल 8 बच्चे क्वालीफाई ग्रेड पॉइंट एवरेज (3 पॉइंट) प्राप्त नहीं कर सके| उनके लिए एक महीने बाद सप्लीमेंट्री परीक्षा आयोजित की जाएँगी| यानी कि पहले साल में ही डीबीएसई के कक्षा 10वीं का रिजल्ट 99.49% रहा|
डीबीएसई के कक्षा 10वीं के टॉपर्स
अंश बंसल,एसओएसई शालीमार बाग़, स्टेम
आँचल तंवर,एसओएसई, सेक्टर-22 द्वारका, ह्यूमैनीटीज
शर्गुन शर्मा,एसओएसई सेक्टर-19 द्वारका,
ख़ुशी चौधरी, एसओएसई सेक्टर-11 रोहिणी, हाई-एंड 21st सेंचुरी स्किल्स
कैसा रहा 12वीं का रिजल्ट
12वीं में 667 बच्चों ने परीक्षाएं दी| 299 बच्चों ने अधिकतम जीपीए प्राप्त किया और केवल 5 बच्चे क्वालीफाई ग्रेड पॉइंट एवरेज (3 पॉइंट) प्राप्त नहीं कर सके| उनके लिए एक महीने बाद सप्लीमेंट्री परीक्षा आयोजित की जाएगी| यानि पहले साल में ही डीबीएसई के कक्षा 10वीं का रिजल्ट 99.25% रहा|
डीबीएसई के कक्षा 12वीं के टॉपर्स
- मोहम्मद फरहान, एसओएसई कालकाजी
- श्याम कुमार, एसओएसई खिचड़ीपुर
- उज्जवल प्रताप, एसओएसई सेक्टर 23 रोहिणी
- शिम्पी, एसओएसई सेक्टर 23 रोहिणी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज का डीबीएसई का ये रिजल्ट देश के शिक्षा सुधारों के लिए एक बड़ा दिन है| नए एग्जाम और असेसमेंट की शुरुआत के साथ ये दिल्ली नहीं पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था को बदलेगा और शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा| साथ ही शिक्षा मंत्री ने सभी बच्चे, उनके पेरेंट्स व डीबीएसई की टीम को इस शानदार रिजल्ट के लिए शुभकामनायें दी|