सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली वालों को परेशान करने, बीजेपी की गुंडागर्दी में साथ देने और गैर-संवैधानिक काम करने के लिए एलजी से तुरंत इस्तीफा मांगा है। इसी मांग को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को एलजी हाउस का घेराव किया। इस दौरान आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने साबित किया कि भाजपा-एलजी मिलकर कर रहे थे गैर संवैधानिक और गैर कानूनी निर्णय। इसलिए एलजी को संवैधानिक पद पर बैठने का अधिकार नहीं है। दिल्ली की जनता की मांग है कि विनय सक्सेना तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दें। क्योंकि वह संविधान और कानून का सम्मान नहीं करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा-एलजी के मुंह पर तमाचा मारा है। उनको आइना दिखा दिया है कि देश में कानून और संविधान से ऊपर कुछ नहीं है। संवैधानिक पद पर होते हुए भी एलजी ने संविधान और कानून की अवहेलना की और एक बाद एक गलत निर्णय लिए हैं। संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले एलजी विनय सक्सेना को इस संवैधानिक पद पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। शायद देश के इतिहास में पहली बार एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का वकील कोर्ट के सामने खड़े होकर एक असंवैधानिक निर्णय की मांग कर रहा था। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दिल्ली एमसीडी में पिछले दरवाजे से अपनी सरकार बनाने की कोशिश की। उनके इस प्रयास में एलजी विनय सक्सेना सबसे आगे थे। बीजेपी को पता था कि वो चुनाव हार रहे हैं। इसलिए परिसीमन-एकीकरण के नाम पर चुनाव को महीनों तक टाला। बीजेपी की सारी कोशिशों के बावजूद दिल्लीवालों ने उनके 15 साल के भ्रष्टाचार और कुशासन से तंग आकर एमसीडी से निकालकर बाहर फेंक दिया। विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली के एलजी लगातार भारत के संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उनमें इस पद पर रहने की कोई नैतिकता नहीं बची है। दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना के हाथ में भारत का संविधान सुरक्षित नहीं है। उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। ‘आप’ के वरिष्ठ नेता आदिल खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला दर्शाता है कि भाजपा-एलजी गद्दारी कर रहे थे और दिल्ली को बर्बाद करने का प्लान बना रहे थे। एलजी दिल्ली वासियों के कामों को रोक रहे हैं। अपने पद से इस्तीफा देकर दिल्ली सरकार को काम करने दें।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता व विधायक आतिशी ने दिल्ली की जनता को बधाई देते हुए कहा कि जिस संघर्ष को हमने सड़क से लेकर एमसीडी हाउस और सुप्रीम कोर्ट में लड़ा, उस संघर्ष में हम सफल हुए। सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया कि मेयर का चुनाव तत्काल प्रभाव से होगा। दिल्ली में एमसीडी का चुनाव हुए करीब ढाई महीने से ज्यादा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने किसी तरह से पिछले दरवाजे से एमसीडी में अपनी सरकार बनाने की हर संभव कोशिश की थी। एमसीडी चुनाव अप्रैल में होना था लेकिन बीजेपी ने चुनाव स्थगित कर दिया। चुनाव को लेकर पार्लियामेंट में एक बिल लेकर आ गए। उस एक्ट में तीनों एमसीडी का एकीकरण और 272 से 250 सीटें कर दी गई। बीजेपी को पता था कि वो चुनाव हार रहे हैं। ऐसे में किसी तरह से चुनाव को कुछ महीनों तक टाला जाए। उन्होंने अपनी मनमर्जी से परिसीमन कर सीटों को कम किया ताकि भारतीय जनता पार्टी एमसीडी चुनाव जीत जाए। गुजरात के चुनाव के समय पर एमसीडी का चुनाव करवाया।
उन्होंने कहा कि एलजी ने एमसीडी चुनाव के 4 महीने पहले से दिल्ली सरकार के अफसरों के साथ साजिश कराकर केजरीवाल सरकार के कामों को रोकने की पूरी कोशिश की। मोहल्ला क्लीनिक पेमेंट, बिजली के बिल, दवाइयां, मेडिकल टेस्ट्स, डॉक्टरों की तनख्वाह, सिविल डिफेंस वालंटियर की सैलरी और बुजुर्गों की पेंशन रोक दी। एलजी ने चुनाव में घटियापन की कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके बावजूद दिल्ली की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के 15 साल के भ्रष्टाचार और कुशासन से तंग आकर एमसीडी से निकालकर बाहर फेंक दिया और आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत से जिताया।
विधायक आतिशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, संविधान और कानून का सम्मान नहीं करती है। बीजेपी गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से चोर दरवाजे से सरकार बनाने की कोशिश करती रही है। इस गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से सरकार बनाने के प्रयास में एलजी विनय सक्सेना सबसे आगे थे। विनय सक्सेना को शर्म आनी चाहिए। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता या कार्यकर्ता नहीं है। वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं। लेकिन उन्होंने संविधान और कानून की अवहेलना करते हुए एक के बाद एक गलत निर्णय लिए ताकि भारतीय जनता पार्टी चोर दरवाजे से सरकार बना सके। इसके खिलाफ आम आदमी पार्टी लगातार आवाज उठाती रही। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी और एलजी साहब के मुंह पर कल तमाचा मारा है। उनको आइना दिखा दिया है कि देश में कानून और संविधान से ऊपर कुछ नहीं है।
“आप” की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि मैं विनय सक्सेना से कहना चाहती हूं कि शायद इस देश के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का वकील कोर्ट के सामने खड़े होकर एक असंवैधानिक निर्णय की मांग कर रहा था। यह हमारे देश के लिए शर्म की बात है। रोज-रोज संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले और कानून व संविधान के खिलाफ जाने वाले विनय सक्सेना जैसे व्यक्ति को इस संवैधानिक पद पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। दिल्ली की जनता मांग कर रही है कि विनय सक्सेना तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दें। क्योंकि दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर संविधान और कानून का सम्मान नहीं करते हैं। एलजी विनय सक्सेना आप एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं। अगर संविधान का सम्मान नहीं करेंगे तो उस पद पर बैठने का आपको कोई अधिकार नहीं है
आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी और विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कल फैसला सुनाया है कि एलजी पिछले कई महीनों से दिल्ली में जो कोशिश कर रहे हैं वो भारत के संविधान के खिलाफ है। दिल्ली के एलजी लगातार भारत के संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे व्यक्ति की दिल्ली के एलजी पद पर रहने की कोई नैतिकता नहीं बची है। ऐसे व्यक्ति के हाथ में भारत का संविधान सुरक्षित नहीं है। उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आदिल खान ने कहा कि दिल्ली वासियों और ‘आप’ की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद प्रकट करते हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। यह फैसला दर्शाता है कि दिल्ली वालों के साथ भाजपा-एलजी गद्दारी कर रहे थे। दिल्ली को बर्बाद करने का प्लान बना रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 24 घंटे के अंदर चुनाव की तिथि घोषित की जाए। एमसीडी मेयर चुनाव में एल्डरमैन वोट नहीं डाल सकते। एलजी को अपने गैर संवैधानिक फैसलों के लिए तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एलजी को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। दिल्ली वासियों और दिल्ली सरकार के कामों को एलजी रोक रहे हैं। उनको पद से इस्तीफा देकर दिल्ली सरकार को काम करने देना चाहिए। वहीं भाजपा को दिल्ली वासियों से माफी मांगनी चाहिए।