केजरीवाल सरकार के स्कूलों में छात्रों के नेतृत्व कौशल को बढाने और विभिन्न भूमिकाओं में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘छात्र सलाहकार बोर्ड’ की शुरुआत की गई| पायलट फेज में इसे 20 स्कूलों में शुरू किया गया जिसके शानदार नतीजे देखने को मिले| पायलट फेज की सफलता के बाद बुधवार को शिक्षा मंत्री आतिशी ने सर्वोदय विद्यालय को-एड मोती बाग-II नानकपुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में इन छात्रों से चर्चा की और उन्हें प्रोत्साहित किया| बता दे कि पायलट फेज की सफलता के बाद शिक्षा निदेशालय इस परियोजना को दिल्ली सरकार के और स्कूलों में विस्तारित करने की योजना बना रहा है।
छात्रों के साथ बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, ‘इस तरह के छात्र सलाहकार बोर्ड पहले बड़े प्राइवेट स्कूलों में ही देखे जाते थे। दिल्ली सरकार के स्कूलों में ऐसे स्टूडेंट एडवाइजरी बोर्ड की कल्पना शायद ही किसी ने की होगी, लेकिन हर छात्र को विश्वस्तरीय शिक्षा देने और सीखने के सर्वोत्तम अवसर देने के विजन के साथ दिल्ली सरकार के स्कूलों में यह संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा कि छात्र सलाहकार बोर्डों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य छात्रों की लीडरशिप स्किल को बढ़ाने के लिए एक मंच तैयार करना है। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने छात्रों को जिम्मेदारी, विभिन्न मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता और टीम मैनेजमेंट जैसे महत्वपूर्ण स्किल डेवलप करने का मौका दिया है जो भविष्य में आगे बढ़ने की दिशा में उके लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा| उन्होंने कहा कि छात्र सलाहकार बोर्ड छात्र नेतृत्व को बढ़ावा देने और स्कूल की गतिविधियों में छात्रों की भागीदारी को बढाने की दिशा में एक सफल पहल साबित हुई है।
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, “छात्रों द्वारा बनाए गए बोर्ड द्वारा स्कूल कार्यक्रमों और गतिविधियों के आयोजन में किए गए उनके प्रयासों पर हमें गर्व है। यह स्कूल के प्रति उनकी जिम्मेदारियों, ओनरशिप को दर्शाता है| उन्होंने कहा कि हम छात्रों को नेतृत्व की भूमिका निभाने और उनके स्कूलों और समुदायों के विकास में योगदान देने के लिए आवश्यक संसाधन और सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे।”
शिक्षा मंत्री आतिशी ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें अपने स्कूलों में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने निर्णय लेने की प्रक्रिया में छात्रों की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया और छात्रों को उनके नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया करवाने की बात भी की|
स्कूल एडवाइजरी बोर्ड के अपने अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों ने बताया कि, इस अनूठी पहल ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाने का काम किया। साथ ही इससे उनका प्रोफेशनल डेवलपमेंट हुआ व लीडरशिप स्किल, टाइम मैनेजमेंट जैसी स्किल भी विकसित हुई।
छात्रों ने कहा कि इस कार्यक्रम ने उन्हें उनकी क्षमताओं का एहसास करवाया, ख़ुद को समझने में मदद की। और वो हर स्किल डेवलप करने में मदद की जो उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में आने वाली चुनौतियों को दूर करने का काम करेगा।
बता दे कि स्कूलों में छात्र सलाहकार बोर्ड के सदस्यों को छात्रों द्वारा ही चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाता है| और फिर सदस्य 2 महासचिवों का चयन करते है| इसके पश्चात बोर्ड में चयनित सदस्य टीचर कोआर्डिनेटर के मार्गदर्शन में कल्चरल कमिटी,अकेडमिक एडवाइजरी कमिटी, डीसीप्लीन और वेलनेस कमिटी,एंटी-बुली कमिटी, देशभक्ति और ईएमसी कमिटी, स्पोर्ट्स एंड फिटनेस कमिटी, एनवायरनमेंट कमिटी आदि का गठन करते है| साथ ही बहुत कम समय के अन्दर भी इन छात्रों ने वार्षिक समारोह, खेल दिवस, विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के स्कूल के दौरे, युवा संसद, प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनियों के साथ मेगा पीटीएम, वाद-विवाद जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन की भी जिम्मेदारी ली है।
उल्लेखनीय है कि स्कूल स्तर पर छात्रों के नेतृत्व की भूमिका को बढ़ाते हुए पिछले साल शिक्षा निदेशालय द्वारा एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में छात्र सलाहकार बोर्ड शुरू किए गए थे। छात्र सलाहकार बोर्ड का उद्देश्य विभिन्न स्कूल एक्टिविटीज को डिज़ाइन करने, मैनेजमेंट करने और उन्हें क्रियान्वित करने की दिशा में छात्रों की भूमिका बढ़ाना है| इस कार्यक्रम से छात्रों में जिम्मेदारी की भावना लाने, मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता, नेतृत्व और टीम प्रबंधन जैसे कौशल विकसित करने में मदद मिली है और छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा है। बोर्ड ने छात्रों को अपनी राय और विचार व्यक्त करने के लिए एक मंच भी प्रदान किया है| इस कार्यक्रम में सरदार पटेल विद्यालय और टीच फॉर इंडिया ने पार्टनर की भूमिका निभाई। साथ ही स्टूडेंट एडवाइजरी बोर्ड के सभी सदस्यों को टीच फॉर इंडिया द्वारा प्रशिक्षित किया गया, जो स्टूडेंट लीडरशिप पर काम करने वाली संस्था है।