दिल्ली विधानसभा में पानी और सीवर की समस्या पर मुख्य सचिव अधिकारियों समेत पेश हुए। उन्होंने पानी- सीवर की समस्या पर दीर्घकालिक समाधान की रिपोर्ट भी जल मंत्री आतिशी को सौंप दी। जल मंत्री आतिशी ने विधानसभा को बताया कि पानी और सीवर की समस्या पर अधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है। पिछले एक साल से इस समस्या के बनने के कारणों की जांच के भी आदेश हुए। पानी और सीवरेज पर चर्चा को लेकर शुक्रवार को आयोजित विशेष सत्र के दौरान मुख्य सचिव ने बीते एक सप्ताह के दौरान की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा गया है कि काफी शिकायतों का समाधान कर दिया गया है, जबकि कुछ का जल्द कर दिया जाएगा। इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा के दौरान सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने अपने-अपने इलाके की समस्याओं को रखा और जल मंत्री आतिशी ने उसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह में जलापूर्ति और सीवरेज को लेकर इतने काम हो सकते हैं तो पिछले 6 महीने से बंद क्यों थे? पिछले 1 साल से जल बोर्ड, शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग के बीच तालमेल न होने का खामियाजा दिल्ली की जनता भुगत रही है। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस दौरान सीवर ओवर फ्लो, दूषित जल और पाइपलाइन लीकेज संबंधित समस्याओं के तात्कालिक और दीर्घकालीन समाधान को लेकर संकल्प पत्र रखा गया, जिसे विधानसभा ने ध्वनि मत से पास किया।
9 मार्च को विधानसभा में सीवरेज और पानी की बढ़ती समस्याओं के समाधान को लेकर संकल्प पत्र पेश किया गया था। विधानसभा ने मुख्य सचिव को एक सप्ताह में पानी की आपूर्ति और सिवरेज की समस्या ठीक करने का निर्देश दिया था। विधानसभा के निर्देश पर मुख्य सचिव द्वारा सप्ताह भर में शहर में सीवरेज और पानी से जुड़ी समस्याओं के लिए कुछ काम कराए हैं और कुछ का आश्वासन दिया है। जिसकी जानकारी आज जल मंत्री आतिशी द्वारा सदन के समक्ष रखी गई। हालांकि कई शिकायतें अभी भी बनी हुई हैं और इन शिकायतों को अगले एक सप्ताह के भीतर हल करने की आवश्यकता है। यहां तक कि जिन शिकायतों का समाधान हो चुका है, उन समस्याओं के दीर्घकालिक समाधान पर काम करने की जरूरत है। ऐसे में आज सदन में संकल्प लिया गया कि-
- मुख्य सचिव पूरी दिल्ली में पानी और सीवर समस्याओं के अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान की निगरानी और पर्यवेक्षण करना जारी रखेंगे।
- दिल्ली को पानी की आपूर्ति की कमी का सामना करना पड़ता है, खासकर गर्मी के महीनों में, ऐसे में भूजल से जल संसाधनों की वृद्धि के लिए एक विस्तृत योजना बनाई जाएगी। दिल्ली के लोगों को इस गर्मी से राहत सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाए।
- टैंकर की कमी की शिकायतें भी सामने आ रही है, इसलिए पहले जितनी संख्या में पानी के टैंकरों को बहाल किया जाए। मुख्य सचिव क्षेत्रीय विधायकों से परामर्श के बाद ही टैंकरों की संख्या कम करे।
- चूंकि दिल्ली के कई हिस्सों में स्टॉर्म वाटर ड्रेन के अभाव के कारण सीवर ओवरफ्लो का सामना करना पड़ता है, इसलिए मुख्य सचिव इस समस्या के समाधान के लिए एमसीडी के साथ समन्वय करेंगे।
- स्टॉर्म वाटर ड्रेन के मुद्दे का समाधान होने तक, दिल्ली भर में सीवर ओवरफ्लो को रोकने के लिए सीवर सफाई मशीनों की संख्या और कितनी आवृत्ति के साथ सीवर की सफाई और गाद निकालने की आवश्यकता है, इसका आकलन करने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य के लिए दिल्ली जल बोर्ड के पास पर्याप्त संख्या में छोटी और बड़ी मशीनें उपलब्ध होनी चाहिए।
- सभी ट्रंक और परिधीय सीवरों से गाद निकालने का काम समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए।
- एक्शन टेकन रिपोर्ट में श्निविदा प्रक्रिया मेंश् बताए गए कार्यों के अवार्ड किए जाने और समापन के संबंध में समय-सीमा प्रदान करने की आवश्यकता है।
- मुख्य सचिव दिल्ली जल बोर्ड, शहरी विकास विभाग और वित्त के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करें, ताकि पानी और सीवरेज जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रभावित न हों।
- यह प्रशंसनीय है कि दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली के निवासियों की शिकायतों को हल करने के लिए पिछले 5 दिनों में युद्ध स्तर पर काम किया है; हालाँकि, उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने पिछले कुछ महीनों में दिल्ली के लोगों की पानी और सीवरेज संबंधी शिकायतों को हल करने में अपना कर्तव्य नहीं निभाया है।
- मुख्य सचिव उपरोक्त सभी मुद्दों के साथ-साथ लंबित शिकायतों पर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे। 22 मार्च 2024 को सदन की बैठक बुलाई जाएगी, जहां मुख्य सचिव इस पर एक रिपोर्ट देंगे।
इस मौके पर जल मंत्री आतिशी ने कहा कि जल बोर्ड से जुड़े जो भी मुद्दे विधानसभान में उठाए गए पिछले एक सप्ताह के दौरान उनपर काम हुआ। लेकिन अगर ये सभी काम सिर्फ एक सप्ताह में हो सकते हैं तो ऐसा क्या था कि ये पिछले 6 महीने से बंद थे। ये जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि, जल बोर्ड, शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग के बीच आपसी सामंजस्य न होने की वजह से पिछले 1 साल में शहर में पानी-सीवरेज की जो विकट समस्या पैदा हुई वो शायद दिल्ली के इतिहास में पहले कभी नहीं हुई होगी। पिछले 1 साल में दिल्ली जल बोर्ड के छोटे-छोटे काम भी प्रभावित हुए है- जैसे सीवर की मशीनों का न होने, छोटे-छोटे हिस्से में भी पाइपलाइन न बदल पाना, पाइपलाइन का लीक होना, जहाँ जरुरत वहां टैंकरों का न पहुँच पाना। पिछले 1 साल में जल बोर्ड, शहरी विकास विभाग और फाइनेंस विभाग के बीच तालमेल न होने से इसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ता है। लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा, सीवर की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लोगों के घरों के सामने सीवर बह रहा है।
उन्होंने कहा कि, अधिकारीयों की, हम जन प्रतिनिधियों की तनख्वाह तक दिल्ली के लोगों के टैक्स के पैसे से आती है। ऐसे में हम सभी की दिल्ली की जनता के प्रति जबाबदेही है और पिछले 1 साल में दिल्ली की जनता के साथ दिल्ली जल बोर्ड की समस्या न सुलझाने के कारण जो अतिवाद और अत्याचार हुआ है, इसपर जांच की आवश्यकता है और इस जाँच में जिसकी गलती सामने आती है उसपर सख्त कारवाई होनी चाहिए।
जल मंत्री ने साझा किया कि, दिल्ली में पानी की कमी को दूर करने के लिए सरकार हिमाचल प्रदेश से बात कर रही है और अपर यमुना बोर्ड में भी दिल्ली द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया है। उन्होंने कहा कि, दिल्ली दिल्ली में बहुत से इलाके ख़ास तौर पर यमुना नदी के आसपास के इलाके और उत्तरी दिल्ली में ग्राउंड वाटर का स्तर अच्छा है और पानी की क्वालिटी भी ठीक हैं। ऐसे में सरकार द्वारा ग्राउंड वाटर ऑग्यूमेंटेशन का प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसकी मुख्य सचिव द्वारा व्यक्तिगत जिम्मेदारी ली गई है।
उन्होंने कहा कि सीवर की समस्या को दूर करने के लिए, ट्रंक और पेरिफेरल सीवर की डी-सिल्टिंग की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। इससे जुडी टाइमलाइन भी सदन को पेश की जाएगी। इस बाबत मुख्य सचिव को निर्देशित किया गया है कि, एमसीडी के साथ कोआर्डिनेशन के जरिए जहाँ ड्रेन नहीं है, वहां ड्रेन बनाने और जहाँ ड्रेन का पानी सीवर में जा रहा है, वहां ड्रेन को रोका जाए ताकि सीवर ओवरफ्लो न हो। लेकिन जबतक ये काम पूरा नहीं हो जाता तब तक हर इलाके में जल बोर्ड द्वारा मशीनों की उपलब्धता करवाई जाए ताकि दिल्ली के लोगों को कोई भी समस्या न होद्य साथ ही पर्याप्त रूप से कॉन्ट्रैक्ट लेबर की भी उपलब्धता भी करवाई जाएद्य साथ ही टैंकर से जुडी सभी समस्याओं को दूर करने के लिए भी काम किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि, दिल्ली सरकार द्वारा नियमित रूप से सदन को दिल्ली में पानी और सीवरेज से जुडी समस्याओं और उनके समाधान की रिपोर्ट सौंपी जाएगी और हमारा प्रयास रहेगा कि, दिल्ली में इन समस्याओं के शार्ट-टर्म समाधान के साथ-साथ जिन इलाकों में ज्यादा समस्याएं है, वहां दीर्घकालीन समाधान भी अपनाए जायेंगे।