दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाले को लेकर “आप” के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली की अदालत के 6 मई के आदेश के बाद भाजपा और पीएम का काला चेहरा देश के सामने आ गया है। इस पूरे मामले में घोटाले जैसी कोई बात ही नहीं है। यह प्रधानमंत्री और पूरी भाजपा की मनगढ़ंत और हवा-हवाई बातें थी। इसके पीछे आरविंद केजरीवाल और “आप” को बदनाम करने की गहरी साजिश रची गई थी। अदालत ने माना है कि इस पूरे मामले में ईडी और सीबीआई के पास कोई सबूत ही नहीं है। इसी आधार पर कोर्ट ने राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को जमानत भी दे दी है। उन्होंने कहा कि ऐसी घिनौनी साजिश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरी भाजपा को पूरे देश सहित अरविंद केजरीवाल से माफी मांगनी चाहिए।
“आप” के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को यहाँ पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि 6 मई 2023 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट का आदेश आने के बाद पूरी दुनिया के सामने मनगढ़ंत फर्जी शराब घोटाले का सच देश के सामने आ गया है। अब पूरी दुनिया को पता चल गया है कि शराब घोटाले जैसी कोई चीज ही नहीं थी। शराब घोटाले के नाम पर भाजपा, पीएम नरेंद्र मोदी और पीएमओ ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने की एक गहरी साजिश रची थी। दिल्ली में कोई शराब घोटाला हुआ ही नहीं है। कोर्ट का आदेश आने के बाद से भाजपा के लोग चुप हैं। यही भाजपा के लोग हवा में शराब घोटाले और उसकी जांच की बात करते थे।
उन्होंने कहा कि ईडी-सीबीआई ने जांच के दौरान कहा कि 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली गई है। कुछ दिन बाद ईडी-सीबीआई ने कहा कि 100 करोड़ में से 70 करोड़ रुपए का उसके पास कोई सबूत ही नहीं है। ईडी ने 30 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार की झूठी जानकारी अपनी चार्जशीट में रखी। जांच एजेंसी ने कहा कि वेंडर राजेश जोशी को साउथ के शराब कारोबारियों ने 30 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। साथ ही इस पैसे को गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च किया गया। प्रधानमंत्री के निर्देश पर पिछले छह महीने से ईडी-सीबीआई गोवा जाकर जांच कर रही थी। कई लोगों से पूछताछ की और उन्हें डराया-धमकाया। ईडी ने सारी जांच के बाद कोर्ट के सामने कहा कि आम आदमी पार्टी ने कुल 19 लाख रुपए ही गोवा चुनाव में कैश में खर्च किए हैं। ईडी-सीबीआई का कहना है कि आम आदमी पार्टी दुनिया की अकेली ईमानदार पार्टी है, जिसने गोवा के विधानसभा चुनाव में मात्र 19 लाख रुपए ही कैश में खर्च किए।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि 30 करोड़ रुपए की रिश्वत के संबंध में कोर्ट के मांगने पर ईडी कोई भी सबूत नहीं दे पाई। कोर्ट ने बिना सबूत के गिरफ्तारी पर भी सवाल किए और पूरी जांच को बेबुनियाद और निराधार करार दिया। क्योंकि इसमें कोई तथ्य और सबूत नहीं है। इसी आधार पर कोर्ट ने शराब घोटाले को लेकर ईडी के पास कोई तथ्य व प्रमाण नहीं होने पर राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को जमानत दे दी। कोर्ट के इस आदेश के बाद भाजपा और प्रधानमंत्री के अंदर यदि जरा भी शर्म है तो उन्हें नाक रगड़ कर पूरे देश के सामने ‘‘आप’’ और अरविंद केजरीवाल से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही, झूठा और मनगढ़ंत शराब घोटाला खड़ा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ईडी-सीबीआई एक ऐसे घोटाले की जांच कर रही है, जिसका सिर-पैर नहीं है। आम आदमी पार्टी पहले दिन से ही कह रही है कि शराब घोटाला पूरी तरह से फर्जी और बेबुनियाद है। इसमें कोई तथ्य और प्रमाण नहीं है। इसके बावजूद भाजपा और प्रधानमंत्री की ओर से ईडी पर झूठा सबूत तैयार के लिए दबाव बनाया गया, ताकि किसी भी तरह ‘‘आप’’ और अरविंद केजरीवाल की छवि खराब की जा सके। झूठे सबूत बनाने के लिए ईडी ने पहले चंदन रेड्डी को पकड़ा और मारपीट कर उसकी दोनों कान के पर्दे तक फाड़ दिए। उससे जबरदस्ती मनमाफिक बयान लिखवाए गए। चंदन रेड्डी ने हाईकोर्ट में केस कर अपनी मेडिकल रिपोर्ट लगाई। इसी तरह समीर महेंद्रू और अरुण पिल्लई ने भी कोर्ट को बताया कि ईडी ने उनसे जबरदस्ती गलत बयान लिया। तमाम झूठी कहानियां बनाकर भाजपा के लोग नाच रहे थे और ऐसा लगता था कि भाजपाई आपे से बाहर आ जाएंगे। वो चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि मनीष सिसोदिया ने 14 फोन तोड़ दिए। मैंने सबूतों के साथ बताया कि 14 फोन में से 5 तो ईडी-सीबीआई ने अपने पास रखे हुए हैं और बाकी फोन भी इस्तेमाल में हैं।
आप सांसद सदस्य संजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने शोर मचाया कि ईडी की चार्जशीट में संजय सिंह का नाम है। ईडी सबको नोटिस भेजती है, लेकिन मैंने खुद ईडी को मानहानि का नोटिस भेजा और देश को सच्चाई बताने के लिए कहा। इसके बाद ईडी ने खुद लिखकर अपनी गलती मानी और कहा कि उसको राहुल सिंह लिखना था लेकिन गलती से संजय सिंह लिख दिया। मैंने ईडी को चेताया कि कभी नीरव मोदी की जगह नरेंद्र मोदी लिख दिया तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी। हमें भी पता कि ईडी पर प्रधानमंत्री और भाजपा का दबाव है, लेकिन इतना झूठा काम मत करो। इस तरह किसी को बदनाम मत करो और हवा हवाई झूठ मत बोलो। झूठ फैलाकर आम आदमी पार्टी बदनामी करने की कोशिशों के लिए भाजपा को सभी से माफी मांगनी चाहिए। इसी प्रकार फर्जी शराब घोटाले को लेकर पूरी साजिश के लिए प्रधानमंत्री को भी सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ईडी ने राजेश जोशी पर रिश्वत के 30 करोड़ रुपए का इस्तेमाल गोवा चुनाव में लगाने का आरोप लगाया था, लेकिन कोर्ट के सामने एजेंसी एक भी सबूत नहीं पेश कर पाई। इसी तरह गौतम मल्होत्रा के मामले में भी ईडी कोई सबूत नहीं दे पाई। इसका मतलब साफ है कि ईडी किसी को भी पकड़ लेती है। उससे मारपीट करती है, परिवार के लोगो, यहाँ तक की बेटे-बेटियों, माँ-बाप तक की धमकी दी जाती है। मनचाहा बयान दर्ज कराने के लिए व्यापार को चौपट करने तक की धमकी दी जाती है। यह अलग बात है कि इन सबको साबित करने के लिए कोई भी साक्ष्य या सबूत नहीं होता है। सांसद ने कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश के बाद कथित शराब घोटाले को लेकर रची गई भाजपा की गहरी साजिश पूरे देश के सामने आ गई है। साथ ही, यह सच भी देश के सामने आ गया है कि अरविंद केजरीवाल एक कट्टर ईमानदार नेता और आम आदमी पार्टी एक कट्टर ईमानदार पार्टी है। भाजपा के लोग और पीएम मोदी झूठे आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी को बदनाम करने में सफल नहीं होंगे। उन्होंने एक कहावत सुनाते हुए कहा कि “सावन के अंधे को जिस तरह सब कुछ हरा-हरा नजर आता है।” उसी प्रकार से भ्रष्ट भाजपा को उसे दूसरी पार्टी भी भ्रष्ट ही नजर आती है।जिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रक्षा सौदे में रिश्वतखोरी के लिए सजा पा चुका हो, शहीदों के ताबूत ख़रीद में घोटाला करती हो, जो पार्टी व्यापम घोटाला करती हो, उसके दिमाग़ में दिन रात घोटाला ही चलता रहता है। हालात ये है कि जिस पार्टी के बारे में कर्नाटक के गली-मोहल्ले और गांव-गाँव में किसी भी बच्चा-बच्चा भी भाजपा को लोग 40 प्रतिशत कमीशन वाली पार्टी कहता है।