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गांधी परिवार और कांग्रेस ने 60 साल तक देश को लूटा लेकिन योगी सरकार ने एक विपत्ति में ही गांधी परिवार को भ्रष्टाचार के मामले में पीछे छोड़ दिया, यूपी के 65 जिलों के एक लाख ग्राम पंचायतों में कोरोना किट खरीद में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ- सौरभ भारद्वाज

  • मार्केट में यह कोरोना किट (आँक्सीमीटर, थर्मामीटर, सैनिटाइजर और मास्क) 2700 से 2800 रुपये में मिल सकती है, लेकिन इसे 300 से 500 प्रतिशत अधिक कीमत में खरीदा गया- सौरभ भारद्वाज
  • क्या इसमें सीएम योगी की मिलीभगत नहीं है? एक मुख्यमंत्री जो रोज सुबह 11 बजे टीम-11 की बैठक करता है, उसको कैसे पता नहीं चला कि प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है- सौरभ भारद्वाज
  • इस भ्रष्टाचार में पंचायतें शामिल नहीं हैं, बल्कि भाजपा सरकार के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं- सौरभ भारद्वाज
  • बीजेपी के ही विधायक देवमणि द्विवेदी और भाजपा नेता रामपाल सिंह पुंडीर ने महंगे दामों पर सामग्री खरीदे जाने की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से की है, इसके बाद भी अधिक कीमतों का भुगतान किया जाता रहा- सौरभ भारद्वाज
  • जब मुख्यमंत्री पर ही भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लग रहे, तो उनके द्वारा गठित तीन अधिकारियों की कमेटी निष्पक्ष जांच कैसे कर सकती है, इसकी स्वतंत्र जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराई जाए- सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली, 12 सितंबर, 2020

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उत्तर प्रदेश के करीब 65 जिलों के एक लाख ग्राम पंचायतों में कोरोना किट की खरीद में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। मार्केट में यह कोरोना किट (आॅक्सीमीटर, थर्मामीटर, सैनिटाइजर और मास्क) 2700 से 2800 रुपये में मिल सकती है, लेकिन इसे 300 से 500 प्रतिशत अधिक कीमत में खरीदा गया। सौरभ भारद्वाज ने सवाल किया है कि क्या इसमें सीएम योगी की मिलीभगत नहीं है। एक मुख्यमंत्री जो रोज सुबह 11 बजे टीम-11 की बैठक करता है, उसको पता ही नहीं चला कि प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि गांधी परिवार और कांग्रेस पर आरोप है कि उन्होंने 60 साल तक देश को लूटा, मगर योगी जी ने तो इस विपत्ति के समय में गांधी परिवार को पीछे छोड़ दिया। इस भ्रष्टाचार में पंचायतें शामिल नहीं हैं, बल्कि भाजपा सरकार के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के ही विधायक देवमणि द्विवेदी और भाजपा नेता रामपाल सिंह पुंडीर ने महंगे दामों पर सामग्री खरीदे जाने की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से की है। इसके बाद भी अधिक कीमतों का भुगतान किया जाता रहा। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब मुख्यमंत्री पर स्वयं भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लग रहे हैं, तो उनके द्वारा गठित तीन अधिकारियों की कमेटी इसकी निष्पक्ष जांच कैसे कर सकती है। आम आदमी पार्टी मंाग करती है कि इसकी निष्पक्ष जांच करने के लिए किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी जाए।

पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जैसा कि सभी को पता है कि भारत में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। लगभग 90 हजार कोरोना के केस प्रतिदिन निकल कर आ रहे हैं। इस महामारी के काल में हमने देखा कि सभी लोग किसी न किसी प्रकार से एक-दूसरे की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। कोई खाना बांटकर लोगों की मदद कर रहा है, कोई मास्क और सैनिटाइजर बांटकर लोगों की मदद कर रहा है, कोई अपने यहां काम करने वाले लोगों को बिना काम किए महीने पर वेतन समय से देाकर उनकी मदद कर रहा है। डॉक्टर्स और अस्पताल के अन्य कर्मचारी अपनी जान पर खेलकर कोरोना के मरीजों को बचाने की कोशिश कर रहे। जहां हर व्यक्ति कोशिश कर रहा है कि किसी न किसी तरह से नेक काम किया जाए, वही उत्तर प्रदेश से जो खबरें सामने आ रही हैं, वह हैरान कर देने वाली और दिल दहला देने वाली हैं।

यह भ्रष्टाचार पंचायत के स्तर पर नहीं, बल्कि यूपी सरकार में उच्च स्तर पर किया जा रहा- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारी जानकारी के मुताबिक अब तक लगभग उत्तर प्रदेश के 65 जिलों के लगभग एक लाख गांव ऐसे हैं, जहां पर बड़े स्तर पर कोरोना जैसी महामारी के काल में भी भ्रष्टाचार किया गया है। उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से हर ग्राम पंचायत के लिए आदेश जारी किया गया था कि एक कोरोना किट हर ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराई जाएगी। इस किट के अंदर एक ऑक्सीमीटर और एक इंफ्रारेड थर्मोमीटर, 5 लीटर सैनिटाइजर और लगभग 500 मास्क आदि होंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी सामानों की कीमत सामान्य तौर पर 2700 से 2800 रुपए बाजार में आंकी जाती है। परंतु हैरान कर देने वाली बात यह है कि इन्हीं वस्तुओं को उत्तर प्रदेश में कहीं 500 प्रतिशत कहीं 400 प्रतिशत और कहीं 300 प्रतिशत अधिक कीमतों पर खरीद कर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इससे भी बड़ी हैरान करने वाली बात यह है कि यह भ्रष्टाचार पंचायत के स्तर पर नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च स्तर पर किया जा रहा है। यह सभी सामग्री उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इतने महंगे दामों पर खरीद कर पंचायतों को दी गई है। भ्रष्टाचार केवल यहीं तक सीमित नहीं है। अब उत्तर प्रदेश सरकार के आला अधिकारियों द्वारा इन महंगे दामों पर खरीदी गई सामग्री के लिए जबरदस्ती ग्राम पंचायतों से 10000, 12000 और 15000 रुपए तक वसूले जा रहे हैं।

यूपी के करीब 65 जिलों में अधिक कीमत पर थर्मामीटर व आँक्सीमीटर खरीद कर भ्रष्टाचार किया गया और यह सिलसिला जारी है- सौरभ भारद्वाज

एक प्राइवेट कंपनी भगवान महावीर इंफ्रा कॉन प्राइवेट लिमिटेड का बिल मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जुलाई के इस बिल में ऑक्सीमीटर की कीमत लगभग 3990 रुपए और इंफ्रारेड थर्मामीटर की कीमत 4500 रुपए है। उन्होंने बताया कि जुलाई के माह में ऑक्सीमीटर बाजार में 500 से लेकर 600 रुपए की कीमत में बड़ी आसानी से खरीदे जा रहे थे। एक अन्य बिल मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह बिल उत्तर प्रदेश में स्थित खजूरी नामक क्षेत्र का है। इस बिल में ऑक्सीमीटर 2600 रुपए की कीमत में और थर्मामीटर 6900 रुपए की कीमत में खरीदा गया है। उत्तर प्रदेश के ही एक अन्य स्थान छोरइया गुरसराय से संबंधित एक बिल मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि यहां पर ऑक्सीमीटर 3482 रुपए का और थर्मोमीटर 3726 रुपए का खरीदा गया है।

इसी से संबंधित कई और भ्रष्टाचारों की जानकारी देते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इसी प्रकार की सामग्री की लगभग 33 किट मंत्रम एडवेंट प्राइवेट लिमिटेड से 3,28,350 रुपए में खरीदी गई। अर्थात एक किट लगभग 10,000 रुपये में खरीदी गई, जबकि इसकी कीमत अधिक से अधिक 2800 रुपए मात्र हो सकती है। इसी प्रकार से सुल्तानपुर में भी भ्रष्टाचार किया गया। सुल्तानपुर में ऑक्सीमीटर 2800 रुपए में और थर्मामीटर 6900 रुपए में खरीदा गया। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के अन्य कई क्षेत्रों से जुड़े आंकड़े प्रस्तुत करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि झांसी में ऑक्सीमीटर 4000 रुपए और थर्मामीटर 4500 रुपए का खरीदा गया, बाराबंकी में 2800 रुपए वाली किट 8800 रुपए में खरीदी गई, गाजीपुर में थर्मामीटर 5800 रुपए का खरीदा गया, बिजनौर में यही किट थर्मामीटर के साथ 12390 रुपये की खरीदी गई, जिसमें ऑक्सीमीटर की कीमत 3360 रुपए तय की गई। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार, यह चोर बाजारी किसी एक गांव या एक जिले की नहीं है। लगभग 65 जिलों से संबंधित भ्रष्टाचार की जानकारियां हमारे पास आ चुकी हैं और यह सिलसिला अभी थमा नहीं है। अन्य जगहों पर हुए भ्रष्टाचार की जानकारियां भी धीरे-धीरे हमारे पास आ रही हैं।

योगी जी की नाक के नीचे इतना बड़ा भ्रष्टाचार हो गया और उन्हें पता नहीं चला, क्या यह संभव है?- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं मीडिया के लोगों से और मीडिया के माध्यम से देश की जनता से यह जानना चाहता हूं कि ऐसा कैसे संभव है कि जो ऑक्सीमीटर आप बाजार में किसी भी केमिस्ट की दुकान से 400 से लेकर 500 रुपए में आसानी से खरीद सकते हैं, तो यह कैसे हो गया कि हजारों पंचायतों के भीतर यह ऑक्सीमीटर चार-चार हजार रुपए में बिके, बिल बनाए गए, भुगतान किया गए, उच्च अधिकारियों को दबाव देकर पंचायतों से भुगतान करवाया गया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, जो प्रतिदिन टीम 11 के साथ मीटिंग करते हैं, रोज सुबह वह अपने आला अधिकारियों के साथ सिर्फ और सिर्फ कोरोना को लेकर मीटिंग करते हैं, उनकी नाक के नीचे इतना बड़ा भ्रष्टाचार हो गया और उन्हें पता भी नहीं चला। क्या ऐसा संभव है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की जानकारी के बिना इतना बड़ा भ्रष्टाचार उत्तर प्रदेश के हर गांव में हो रहा था?

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह भ्रष्टाचार केवल ग्राम सभा के स्तर पर ही नहीं, बल्कि बहुत बड़े स्तर पर पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में यूपी मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन नामक एक संस्थान है, जो कि पूरे उत्तर प्रदेश में मेडिकल से संबंधित सामग्रियां उपलब्ध कराने का काम करता है, इस संस्थान में जो आला अधिकारी हैं, वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के बेहद करीबी अधिकारियों में से माने जाते हैं। यूपी मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन का अप्रैल महीने का एक बिल मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि इस संस्थान ने 1800 रुपए में मिलने वाला थर्मामीटर 5208 रुपए की कीमत में खरीदा। जबकि उत्तर प्रदेश के ही बहराइच में यही थर्मामीटर मार्च के महीने में 2500 रुपए की कीमत में खरीदा गया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रतिदिन सुबह कोरोना के संबंध में टीम-11 के साथ मीटिंग करते थे, उनकी नाक के नीचे इतना बड़ा भ्रष्टाचार चल रहा था, तो क्यों नहीं ऐसा माना जाए कि इस भ्रष्टाचार में योगी आदित्यनाथ जी भी शामिल हैं?

ऐसी महामारी के समय में इस प्रकार का भ्रष्टाचार करना, सीधे मौत की दलाली करनी है, जो यूपी के सीएम योगी की सरकार कर रही है- सौरभ भारद्वाज

उन्होंने कहा कि आज तक हम सुनते आए थे कोयले की दलाली, सीडब्ल्यूजी की दलाली, टूजी की दलाली, परंतु यह तो जिंदगी और मौत का सवाल था, यहां रोजाना लोग मर रहे थे, टीवी में रोजाना सैकड़ों लाशें दिखाई जा रही थी और ऐसे महामारी के समय में इस प्रकार का भ्रष्टाचार करना, ऐसा लगता है कि यह तो सीधे सीधे मौत की दलाली थी, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी की सरकार कर रही है।

इसी भ्रष्टाचार से जुड़ी एक और कड़ी का खुलासा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सरकारी विभाग ने एक यंत्र खरीदा, जिसका नाम है हीमोटोलॉजी एनालाइजर। यह यंत्र खून की जांच करने के काम आता है। यह यंत्र उत्तर प्रदेश सरकार ने डीएन एंटरप्राइजेज प्रतापगढ़ नामक एक कंपनी से खरीदा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आप सब को जानकर बेहद ही हैरानी होगी कि यह यंत्र मेक इन इंडिया का यंत्र नहीं, बल्कि एक चाइनीस कंपनी द्वारा बनाया हुआ यंत्र है। उन्होंने कहा कि इससे भी बड़ी हैरानी की बात यह है, कि यह यंत्र उत्तर प्रदेश सरकार ने 3,30,000 रुपए प्रति यंत्र की कीमत में खरीदा है, जबकि सरकार की ही एक वेबसाइट जीईएम, जहां से आप कोई भी मेडिकल से संबंधित सामान सीधे तौर पर और सस्ते दामों पर खरीद सकते हैं, उस वेबसाइट पर भारत में बने हुए इस यंत्र की कीमत मात्र 1,45000 रुपए है। उन्होंने कहा कि मैं योगी जी से पूछना चाहता हूं कि यह भ्रष्टाचार किसके लिए किया जा रहा है, किसके लिए यह पैसा इकट्ठा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले कहते हैं जिनके बीवी बच्चे नहीं होते वह किसके लिए कमाएंगे, किसके लिए भ्रष्टाचार करेंगे, तो भाजपा वाले बताएं की योगी जी किसके लिए पैसा कमा रहे हैं?

महामारी में योगी जी ने उत्तर प्रदेश में जो लूट का उदाहरण पेश किया है, शायद ही कांग्रेस ने कभी इस प्रकार की लूट का उदाहरण पेश किया हो- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब जब भ्रष्टाचार की बात होती है भाजपा हमेशा गांधी परिवार को कोसती है। भाजपा हमेशा कहती है कि गांधी परिवार ने यह भ्रष्टाचार किया, गांधी परिवार ने वह भ्रष्टाचार किया। उन्होंने कहा कि ऐसी महामारी के काल में योगी जी ने अपने उत्तर प्रदेश में जिस लूट का उदाहरण पेश किया है, शायद ही कांग्रेस ने भी कभी इस प्रकार की लूट का उदाहरण पेश किया होगा। उन्होंने कहा की इस भ्रष्टाचार के संदर्भ में सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इस भ्रष्टाचार की जानकारी लगातार दी जा रही थी। बावजूद इसके यह भ्रष्टाचार पूरे उत्तर प्रदेश में चलता रहा। भाजपा के एक विधायक देवमणि द्विवेदी द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को लिखे गए एक पत्र की जानकारी मीडिया के साथ साझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि देवमणि द्विवेदी जी ने अपने पत्र में योगी आदित्यनाथ जी से भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायत की थी, उन्होंने इसकी शिकायत योगी आदित्यनाथ जी के प्रमुख सचिव से भी की थी। विधायक ने कहा कि शिकायत के बावजूद भी लंबे समय तक महंगे दामों पर सामग्री का भुगतान किया जाता रहा। विधायक महोदय ने न केवल पत्र लिखा, बल्कि जिला व्हाट्सएप ग्रुप का स्क्रीनशॉट भी योगी जी को संलग्न करके भेजा और बताया कि सरकार के आला अधिकारी जिला पंचायतों को दबाव दे रहे हैं कि जल्द से जल्द महंगे दामों पर खरीदी गई इन सामग्रियों की कीमत का भुगतान किया जाए। भाजपा के ही एक अन्य नेता रामपाल सिंह पुंडीर का शिकायत पत्र मीडिया के समक्ष रखते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इन्होंने भी महंगे दामों पर सामग्री खरीदे जाने और सरकार के आला अधिकारियों द्वारा महंगी कीमतों का भुगतान करने का दबाव देने की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से की। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब भाजपा के ही विधायक इस बात की पुष्टि कर रहे हैं, कि इस भ्रष्टाचार के संबंध में योगी आदित्यनाथ जी के कार्यालय को, उनके प्रमुख सचिव को यह सभी जानकारियां दे दी गई थी, तो क्यों नहीं माना जाए कि यह सभी भ्रष्टाचार योगी आदित्यनाथ जी की जानकारी में और उनकी सहमति से हो रहा था?

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बड़ा ही हास्यास्पद है कि जिस भ्रष्टाचार के लिए खुद मुख्यमंत्री पर आरोप लग रहे हैं, उस भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए खुद मुख्यमंत्री ने ही 3 लोगों की एक कमेटी गठित कर दी। यह सोचने वाली बात है, कि जिस मुख्यमंत्री ने इन तीन अधिकारियों की कमेटी गठित की है, वह अधिकारी जो उस मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह हैं, वह कैसे मुख्यमंत्री के द्वारा ही किए गए इस भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कर सकेंगे। मीडिया के माध्यम से सौरभ भारद्वाज ने मांग की, कि इस भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच के लिए एक स्वतंत्र संस्थान को इसकी जांच की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

Gandhi family and Congress looted the country for 60 years but Yogi govt in UP has surpassed them with a massive scam during a pandemic; major corruption in purchase of Corona kits in over one lakh villages in all 65 districts of UP: Saurabh Bhardwaj

The corona kit comprises of an (Oximeter, Thermometer, Sanitizer and Mask) and can be found in the market for Rs 2700 to 2800 but it was purchased at 300 to 500 percent higher price: Saurabh Bhardwaj

It is hard to believe that a CM who holds a meeting of Team 11 every day at 11am, does not know about this scam: Saurabh Bhardwaj

BJP MLA and a senior BJP leader flagged the issue is corruption in purchase of Corona kits, yet CM Yogi Adityanath went ahead with the purchase of expensive kits: Saurabh Bhardwaj

When the CM himself is accused of promoting corruption, how can a Commiittee of his officers carry out an independent investigation? We demand an independent probe: Saurabh Bhardwaj

NEW DELHI; September 12, 2020

Aam Aadmi Party chief spokesperson Mr Saurabh Bhardwaj on Saturday said that a massive scam took place in Yogi Adityanath-ruled UP in the name of procurement of medical items during COVID. He also demanded an independent probe on the matter. Mr Bhardwaj asked that when the UP CM himself is accused of protecting corruption then how can he select the IAS officers for the SIT for an impartial probe? He said that in Uttar Pradesh, corruption was being done by increasing the price of thermometers and oximeters by 500%, 400% and 300% at 65 districts. He said that BJP MLA Mr Devmani Dwivedi wrote a letter to CM Yogi’s Principal Secretary regarding the procurement of medical items at a much higher price at Sultanpur. Mr Bhardwaj said that Sultanpur District Magistrate immediately held a press conference, stating the purchase of medical equipment followed the instructions of the government and rubbished the allegations of BJP MLA. He said that screenshots of WhatsApp sent by the MLA show how the District Magistrates were pressurizing the panchayats to pay the money for the equipment quickly.

Amid COVID19 pandemic, massive corruption is taking place in Uttar Pradesh: Saurabh Bhardwaj

Mr Bhardwaj said, “The COVID-19 cases are increasing in India every day and now nearly 90,000 positive cases of COVID are coming every day. From day one of this pandemic people have come forward to help each other in various ways. Doctors and nurses are putting their lives at risk to serve the people. Amid all this, from Uttar Pradesh several unfortunate news is coming. In Uttar Pradesh, there are one lakh villages and around 65 districts from where news of massive corruption has emerged.”

In Uttar Pradesh, corruption was being done by increasing the price of thermometers and oximeters by 500%, 400% and 300%: Saurabh Bhardwaj

He said, “The BJP government of the Uttar Pradesh issued an order saying that every panchayat will get a Corona kit from the state government. This kit will have one oximeter, one infrared thermometer, around 500 masks, 5 litre of sanitizer etc. One kit costs around Rs 2,700 to Rs 2,800, however, the same can be done within Rs 2,000. But unfortunately, at various places of Uttar Pradesh, corruption was being done by increasing the price of thermometers and oximeters by 500%, 400% and 300%.”

In this corruption, the panchayats are not involved but the top brass of the BJP government is involved: Saurabh Bhardwaj

Mr Bhardwaj said, “In this corruption, the panchayats are not involved but the top brass of the BJP government is involved. They are doing bulk buying at a much higher price and then pressurizing the panchayats to pay these officials Rs 10,000 to Rs 15,000 per kit. This is being done by the senior officials of the BJP government. For example in a bill of Bhagavan Mahavir Infra Con Pvt limited the price of Oximeter is Rs 3,990 and the cost of the infrared thermometer is Rs 4,500. This is a bill of July when the thermometers were available in just Rs 500-600. In another bill from Khajuri, the cost of oximeter is Rs 2,600 and thermometer is Rs 6,900. This is also a bill of July. In another bill, the cost of the thermometers was Rs 3,626 and oximeter is of Rs 3,482. These kits were bought in Rs 10,000 and the actual price should have been maximum Rs 2,000. In Sultanpur, the oximeters were bought in a price of Rs 2,800 and thermometer Rs 2,900. In Jhansi, the oximeters were bought for Rs 4,000 and thermometers were bought for Rs 4,500. In Barabanki the kits were bought in Rs 8,800. In Ghazipur thermometers were bought in at Rs 5,800.”

How can the BJP government under CM Mr Yogi Adityanath overlook such a massive corruption under his nose? Saurabh Bhardwaj

Mr Bhardwaj said, “These are some examples but the same thing is happening in every village of Uttar Pradesh. The oximeters are available within Rs 500 but in BJP-ruled UP these oximeters are being bought at such a higher price to do corruption. How can the BJP government under CM Mr Yogi Adityanath overlook such a massive corruption under his nose? His own senior officials finalized these deals and sold these kits in such a higher price to the panchayats and pressurized the panchayats to pay these hiked prices. Mr Adityanath takes a meeting with senior officials every day at 11 AM on COVID but overlooks such corruption.”

The Chief Minister of Uttar Pradesh has shielded this corruption: Saurabh Bhardwaj

He said, “This is impossible to believe that without the knowledge of Uttar Pradesh Chief Minister Mr Yogi Adityanath such a huge corruption was taking place at every village of Uttar Pradesh. This whole procurement process was done under the consultation of the senior officials of the BJP government. This means that the chief minister of Uttar Pradesh was also aware and has shielded this corruption.”

This scam in UP is taking place amid a medical health emergency; this is an act of promoting death: Saurabh Bhardwaj

Mr Bhardwaj said, “There is an organization in UP named UP medical supplies corporation. This organisation handles the procurement of medical items and the officials of the organization are very close to the UP CM. This company has procured thermometers of Rs 1,800 in Rs 5,200. This bill of April 29, 2020 proves that. But at the same time, these same thermometers were bought in just Rs 2,500 at Bahraich on March 17. This shows that while the price of thermometers was much lesser then the UP medical supplies corporation has bought around 850 thermometers at a massive hiked price. Mr Yogi Adityanath should answer how such massive corruption took place under his nose. We have heard about 2G corruption, CWG scam, coal scam and others but this is a scam related to public health. This happened in a time when thousands of people were dying in Uttar Pradesh every day. This is an act of promoting death.”

The way Yogi Government has done Corruption during the pandemic the Gandhi family has not done in the last 60 years: Saurabh Bhardwaj

Mr Bhardwaj said, “The CMO of Uttar Pradesh bought a machine called haematology analyser from a company named D N Enterprise, Pratapgarh. This company has sold these haematology analysers which were from a Chinese company. These analysers were sold Rs 3,30,000 per machine. Whereas the UP government’s e-marketplace website such machines made in India were available in just Rs 1,45,000 thousand. The question is why this corruption is taking place and for whom such corruption is taking place. Whenever the question of corruption arises the BJP names the Gandhi family. But I am very certain that the way Yogi Government has done Corruption during the pandemic the Gandhi family has not done such corruption in the last 60 years.”

BJP MLA Devmani Dwivedi wrote a letter to CM Yogi’s Principal Secretary regarding the procurement of medical items at a much higher price at Sultanpur: Saurabh Bhardwaj

“It is ridiculous that the Chief Minister himself constituted an SIT 3 officers to investigate the corruption case in which the Chief Minister himself is being accused. How can we expect that the officers who were chosen by the UP CM will do an impartial probe? The Aam Aadmi Party wants an independent probe on this case,” said Mr Bhardwaj.

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sudhir

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