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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 155 और दुकानों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खोलने की मंजूरी दी है। इस मंजूरी का मुख्य उद्देश्य रात के समय में भी दिल्ली के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक जॉब के अवसर पैदा करने के साथ-साथ श्रमिकों की हितों की रक्षा सुनिश्चित करना है। दिल्ली सरकार दिल्ली में कारोबारी माहौल को लगातार बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे संचालित करने की अनुमति दी गई है। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में 24 घंटे काम करने की अनुमति लेने वाले प्रतिष्ठानों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से पिछले दो वर्षों में कुल 523 दुकानों को 24 घंटे संचालित करने की अनुमति दी गई है। यह अब तक चली आ रही व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव है। जहां 1954 से 2022 तक 68 वर्षों में केवल 269 प्रतिष्ठानों को इस तरह की अनुमति दी गई थी। वहीं, वर्ष 2022 में 313 आवेदनों को मंजूरी दी गई, जबकि 2023 में 55 आवेदन पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं। अब फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी गई है कि क्या वे चुनी हुई सरकार के फैसले से सहमत हैं या नहीं हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली में व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उसके अनुकूल माहौल तैयार करने को लेकर गंभीर हैं। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। नए वाणिज्यिक आवेदकों को 24 घंटे संचालन की मंजूरी देने के पीछे दिल्ली सरकार का लक्ष्य जॉब के अधिक से अधिक अवसर पैदा करना, श्रमिकों के हितों की रक्षा करना और दिल्ली की अर्थव्यवस्था के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। इस विकास से व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों पर समान रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। अब व्यापारियों को ज्यादा समय तक सुविधा प्रदान करने की अनुमित से दिल्ली के निवासियों को भी सुविधा मिलेगी और वे 24 घंटे आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे।

दिल्ली सरकार ने आवेदकों को दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 की धारा 14, 15 और 16 के तहत प्रतिष्ठानों को छूट प्रदान की है। इन धाराओं के तहत नाइट शिफ्ट में कर्मचारियों को काम पर रखने पर प्रतिबंध लगा हुआ था। साथ ही ऑफिस खोलने व बंद करने से संबंधित नियम व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए समय अवधि और छुट्टियों के नियम शामिल थे। सीएम अरविंद केजरीवाल की दखल के बाद अब दिल्ली सरकार में इंस्पेक्टर राज पूरी तरह से खत्म हो गया है और आवेदन की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया गया है। यानी अब व्यापारियों को सरकारी कार्यालयों में जाने की जरूरत नहीं होगी, उनके आवेदन जमा होने के चार सप्ताह के अंदर ही सत्यापन और ऑनसाइट निरीक्षण हो जाएगा। यह कदम सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में फेसलेस सर्विसेज की तरह प्रशासनिक सुधार लाने के मिशन के अनुरूप उठाया गया है। इससे पहले दिल्ली में फेसलेस सेवा पहल के तहत दिल्ली में आरटीओ कार्यालय की आवश्यकता को समाप्त करते हुए परिवहन विभाग को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है। इस पहल के बाद सरकार ने दिल्ली के लाखों नागरिकों को घर बैठे ही आरटीओ सेवाएं प्रदान की हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर दिल्ली में इन प्रतिष्ठानों के 24 घंटे संचालन की अनुमति देने का निर्णय दिल्ली में व्यापार और “इज ऑफ डूइंग बिजनेस” को बढ़ावा देने के सरकार के विजन को दर्शाता है। साथ ही, यह भी दर्शाता है कि दिल्ली में व्यापार करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है। इसके अलावा, यदि कोई आवेदन अपेक्षित अनुमोदन प्राप्त करने में विफल रहता है, तो भी सरकार आवेदक को गाइडलाइन के अनुसार अपनी कमियों को सुधारने और दोबारा अनुमोदन प्राप्त करने का अवसर देती है। इस तरह के प्रतिबंधों को समाप्त करने से व्यापारियों के पास अपने ग्राहकों की जरूरतों और मांगों को पूरा करने व विभिन्न क्षेत्रों में विकास के साथ नवाचार को बढ़ावा देने में आसानी होगी।

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