आम आदमी पार्टी ने नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में भी सक्रिय राजनीति की भूमिका निभाने का फैसला लिया है। पार्टी इन राज्यों में अपने संगठन का विस्तार करने के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी। पार्टी ने इसकी शुरूआत मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव से करने का फैसला लिया है। सोमवार को नॉर्थ-ईस्ट राज्यों के प्रभारी राजेश शर्मा ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर मिजोरम विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में संगठन विस्तार और चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। संगठन विस्तार के लिए कोऑर्डिनेशन कमिटी और नॉर्थ-ईस्ट प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट की जनता शिक्षा, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी समेत कई समस्याओं से जूझ रही है। लोगों को यकीन है कि इन समस्याओं का समाधान सिर्फ आम आदमी पार्टी दे सकती है। उनकी आकांक्षओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने ये फैसला लिया है। इस दौरान ‘‘आप’’ नागालैंड के प्रदेश संयोजक आसु कीहो, त्रिपुरा के सह प्रभारी अबुजम उमापाडा लुवांग भी मौजूद रहे।
आम आदमी पार्टी नॉर्थ ईस्ट राज्यों के प्रभारी राजेश शर्मा ने कहा कि हम लोगों ने रविवार को ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। इस दौरान नॉर्थ ईस्ट राज्यों के लोगों की विभिन्न समस्याओं के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के संगठन और आगामी चुनाव के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में हम लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि आम आदमी पार्टी नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में विस्तार के लिए एक नॉर्थ ईस्ट कोआर्डिनेशन कमिटी का गठन करेगी। दूसरा, नॉर्थ ईस्ट के लोगों के लिए एक नॉर्थ ईस्ट सेल या नॉर्थ ईस्ट प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। साथ ही आम आदमी पार्टी आगामी मिजोरम विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी। पार्टी कितनी सीटों पर और कहां-कहां से चुनाव लडेगी, इसकी डिटेल देने के लिए राज्य समिति को कहा गया है। चुनाव को लेकर जल्द घोषणा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारे सीमित संसाधनों को ध्यान में रखते हुए उत्तर पुर्वांचल में संगठन का निर्माण करना और चुनाव लड़ना काफी कठिन है। इसके बावजूद नॉर्थ ईस्ट के लोगों की आशा और अकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी मिजोरम से चुनाव लडने की शुरुआत करने जा रही है। नॉर्थ-ईस्ट में समस्याएं हद से ज्यादा हैं। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में भ्रष्टाचार और लूटतंत्र जैसी कई गंभीर समस्याएं हैं। इन राज्यों के मुख्यमंत्री राज्य को अपनी खानदानी जागीर समझते हैं और सारे सरकारी ठेके अपने परिवार वालों और मित्रों को देते हैं। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और सड़कों की हालत खराब है। महंगाई हद से ज्यादा बढ़ रही है। नॉर्थ-ईस्ट के राज्य बेरोजगारी के मामले में अव्वल नंबर पर आते हैं। इन सारी समस्याओं के समाधान के लिए अब काम करना जरूरी हो गया है।
‘‘आप’’ नॉर्थ-ईस्ट के प्रभारी राजेश शर्मा ने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट की जनता को लगता है कि ये काम केवल आम आदमी पार्टी ही कर सकती है। क्योंकि उन्होंने देखा है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में जिस तरह से काम हुआ और पंजाब में भी जिस तरह से काम हो रहे हैं, वो एक उदाहरण बनता जा रहा है। इसीलिए अब इन राज्यों के लोग भी अपेक्षा कर रहे हैं कि अगर दिल्ली और पंजाब में हो सकता है तो हमारे राज्यों में क्यों नहीं हो सकता? इसलिए वो यह चाहते हैं कि नॉर्थ-ईस्ट के सभी राज्यों में आम आदमी पार्टी के संगठन का विस्तार हो और चुनाव लड़े। इसी जन अकांक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने मिजोरम में चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट के अरुणांचल प्रदेश, असम और मणिपुर जैसे राज्यों में जहां भी आज भाजपा की सरकार है, वहां उन्होंने जबरदस्त तरीके से विभेद की राजनीति शुरु की है। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में भाजपा ने समुदायों को आपस में बांटने और कुकी-मैतेई की लड़ाई समेत विभिन्न तरीके विभेदकारी राजनीति शुरू की है। इससे नॉर्थ-ईस्ट के लोग काफी परेशान हैं। क्योंकि नॉर्थ-ईस्ट के लोग कभी भी इस तरह की राजनीति का समर्थन नहीं करते हैं। इसलिए आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में अपने संगठन का विस्तार करने जा रही है। इन राज्यों की जनता भी अरविंद केजरीवाल की विकास, काम और ईमानदार राजनीति से प्रभावित है। यही राजनीति आम आदमी पार्टी नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में भी करने का मन बना चुकी है। हम लोग नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में आम आदमी पार्टी के विस्तार को गति देंगे।