तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के लोगों का साथ देंगे। शनिवार को हैदराबाद में ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुलाकात के बाद भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने यह घोषणा कर कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। हम प्रधानमंत्री मोदी से इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग करते हैं। यह अध्यादेश दिल्ली के लोगों का अपमान है। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर देश का प्रधानमंत्री ही कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट देता है तो फिर न्याय के लिए कोई जगह नहीं बचती है। इससे पहले, जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी, शिवसेना और एनसीपी भी अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की जनता को समर्थन देने का एलान चुकी हैं। इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा भी मौजूद रहे।
हैदराबाद में संयुक्त प्रेस वार्ता कर बीआरएस प्रमुख एवं तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि सामाजिक आंदोलन से आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में लगातार तीसरी बार ‘‘आप’’ की सरकार है। अब आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी भी बन चुकी है। आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव भी जीता, लेकिन एमसीडी मेयर चुनाव के दौरान भाजपा ने अड़ंगा लगाया। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के अधिकार के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने स्पष्ट आदेश दिया है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास होगा। एलजी का नहीं होगा। यह दुर्भाग्यपूण है कि केंद्र ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया। हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को इस अध्यादेश को वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा हालात आपातकाल के दिनों से भी बदतर हैं। केंद्र सरकार जनता द्वारा चुनी गई राज्य सरकारों को काम नहीं करने रही है। हम राज्यसभा में अरविंद केजरीवाल का समर्थन करेंगे। केंद्र को बेवजह मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और राज्य सरकार को काम करने देना चाहिए। मोदी सरकार ने दिल्ली के लोगों का अपमान किया है। दिल्ली के लोग भाजपा को अवश्य सबक सिखाएंगे।
वहीं, ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ समर्थन देने क लिए बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव का धन्यवाद किया और कहा कि केंद्र के अध्यादेश को लेकर हमने अपनी पूरी बात उनके समक्ष रखी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि दिल्ली के लोगों को न्याय दिलाने के लिए वे और उनकी पार्टी दिल्ली के लोगों के साथ है। यह बात केवल दिल्ली की नहीं है, यह बात देश के जनतंत्र को बचाने की है। केंद्र सरकार द्वारा जो अध्यादेश पारित किया गया है, वो देश के जनतंत्र और संविधान के खिलाफ है। सीएम के. चंद्रशेखर राव के इस समर्थन से दिल्ली के लोगों को बहुत ताकत मिली है और इस समर्थन के लिए मैं पूरी दिल्ली के लोगों की तरफ से उनका तहे दिल से शुक्रिया यदा करता हूं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फरवरी 2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और मात्र तीन महीने बाद मोदी सरकार ने एक नोटिफिकेशन लाकर हमारी सारी शक्तियां छीन ली। हमारे से पहले दिल्ली में शीला दीक्षित जी की सरकार थी और उनका नौकरशाही पर पूरा नियंत्रण था। उनका सेवाओं से संबंधित अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग, अनुशासनात्मक कार्रवाई और नए पद सृजित करने पर पूरा नियंत्रण था। लेकिन दिल्ली में हमारी सरकार आने के बाद 23 मई 2015 को केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन लाकर सारी शक्तियां छीन ली। दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं कर सकता। इसके बाद मोदी सरकार ने आठ सालों तक दिल्ली वालों को अपंग करके रखा।
उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के लोग आठ साल तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अधिकार पाने के लिए लड़ते रहे। आठ साल की हमारी लड़ाई के बाद 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से दिल्ली वालों के हक में फैसला दिया। आठ साल की लंबी लड़ाई के बाद दिल्ली वालों को न्याय मिला और दिल्ली वालों की चुनी हुई सरकार को काम करने का अधिकार मिला। हमें केंद्र के उस नोटिफिकेशन को कैंसल कराकर न्याय लेने में आठ साल लग गए और उसके 8 दिन के अंदर (19 मई) को मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलट दिया। पूरे देश के लोग कह रहे हैं कि जिस देश का प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानता फिर न्याय लेने के लिए लोग कहां जाएंगे? अगर देश का प्रधानमंत्री कहता है कि मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानता और कानून लाकर वो आदेश को पलट देता है तो फिर न्याय के लिए कोई जगह ही नहीं बचती है। लोग कहां न्याय लेने के लिए जाएंगे? प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता, ऐसे देश कैसे चलेगा? यह तो बिल्कुल गलत है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र का यह अध्यादेश दिल्ली के लोगों का घोर अपमान है। एक तरह से प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के लोगों को चुनौती दे रहे हैं कि जो मर्जी सरकार चुनो, मैं काम नहीं करने दूंगा। यह बात सिर्फ दिल्ली की नहीं है, बल्कि हम लोग पूरे देश में देख रहे हैं कि अगर किसी राज्य के अंदर लोग गैर भाजपा की सरकार बना देते हैं तो ये काम नहीं करने देते हैं। गैर भाजपा की सरकारों को परेशान करने के लिए ये तीन तरह के काम करते हैं। पहला, दूसरी पार्टी के विधायक खरीद लेते हैं और सरकार गिरा देते हैं। हम कई राज्यों में ऐसा देख चुके हैं। दूसरा, ईडी-सीबीआई से डराकर दूसरी पार्टी के विधायकों को तोड़ लेते हैं और सरकार गिरा देते है। तीसरा, अध्यादेश ले आते हैं और राज्यपाल का गलत इस्तेमाल करके सरकार को तंग करते हैं। गवर्नर सरकारों को काम नहीं करने देते हैं। संदेश यह है कि अगर किसी राज्य के लोग गैर भाजपा की सरकार बनाएंगे तो हम उसको काम नहीं करने देंगे और सरकार तोड़ देंगे। ऐसे देश नहीं चल सकता। पूरे देश के सामने यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि मैं समर्थन मांगने के लिए पूरे देश में घूम रहा है तो सिर्फ दिल्ली के लिए यह समर्थन नहीं मांग रहा हूं, बल्कि देश के संविधान और जनतंत्र के समर्थन मांग रहा हूं। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों से ऐसे भारत के लिए लड़ाई नहीं लड़ी थी कि केंद्र में एक पार्टी की सरकार आएगी और उसी का पूरे देश के अंदर राज होगा। आज देश में जो महौल बना रखा है। इसमें तो एक प्रधानमंत्री और 31 गवर्नर मिलकर ही देश को चला लें, फिर चुनाव कराने और मुख्यमंत्री बनाने की क्या जरूरत है? फिर तो देश में तानाशाही होगी। हम लोग इस तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्यसभा के अंदर भाजपा के पास बहुमत नहीं है। अगर सभी गैर भाजपा दल इकट्ठे हो गए तो इस बिल को हम राज्यसभा में गिरा सकते हैं। अगर ये बिल गिर जाता है तो पूरे देश के लोगों को विश्वास हो जाएगा कि 2014 के अंदर मोदी सरकार वापस नहीं आ रही है। यह 2024 का सेमी फाइनल होगा। यह पूरे देश के लोगों को आत्मविश्वास देगा कि मोदी जी को हराया जा सकता है। यह देश के जनतंत्र और आजादी को बचाए रखने की लड़ाई है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात के बाद ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी सरकार ने अपने काले अध्यादेश से माननीय सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पलट दिया, दिल्लीवासियों के अधिकार छीन लिए। इस पर बात करने के लिए आज हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री के. चंद्रशेखर राव जी से मुलाक़ात हुई। देशभर में बढ़ रही बीजेपी की तानाशाही पर बात हुई। उन्होंने भरोसा दिया कि संसद में जब मोदी सरकार ये काला अध्यादेश पेश करेगी तब भारत राष्ट्र समिति दिल्ली की जनता के साथ खड़ी होगी। इसके लिए मैं दिल्ली की जनता की तरफ़ से श्री के. चंद्रशेखर राव जी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।’’
इस अवसर पर मौजूद पंजाब के सीएम सरदार भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली के एलजी चयनित हैं, जबकि दिल्ली सरकार निर्वाचित है। जनतंत्र में चयनित लोग फैसले नहीं लेते, निर्वाचित लोग लेते हैं। ऐसा नहीं है कि ये लोग पूर्ण राज्य न होने के कारण सिर्फ दिल्ली को तंग कर रहे हैं, बल्कि पूर्ण राज्यों को भी तंग किया जा रहा है। पूर्ण राज्य पंजाब में आम आदमी पार्टी ने 117 में से 92 सीटें जीती। हमारे पास प्रचंड बहुमत है। मार्च में राज्यपाल ने बजट सत्र बुलाने की परमिशन देने से मना कर दिया। हम सुप्रीम कोर्ट गए और कोर्ट ने बजट सत्र बुलाने की अनुमति दी। राज्यपाल ने बजट सत्र को संबोधित करने के दौरान ‘‘हमारी सरकार’’ शब्द कहने से भी इन्कार कर दिया। इसके लिए भी हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा और कोर्ट ने राज्यपाल को शब्दशः पढ़ने का निर्देश दिया। ये हैरानी की बात है कि राज्यों के राजभवन भाजपा के ऑफिस बन गए हैं और राज्यपाल इनके स्टार कैंपेनर बन गए हैं। हर राज्य में राज्यपाल सरकारों के काम रोक रखे हैं। अगर ये चुनाव से नहीं जीते तो उपचुनाव से जीत जाते हैं। यह संघीय ढांचे के लिए बहुत घातक है। हम देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना कतरा-कतरा खून देकर हमें आजादी दी। आज उनकी आत्मा तड़प रही होगी कि ऐसी आजादी के लिए तो नहीं हमने कुर्बानी दी थी।