- 2018 में इस समय तक 830 मामलों की तुलना में, 2019 में सिर्फ 467 मामले सामने आए
नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ’10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट ‘ अभियान के सुखद परिणाम सामने आए हैं। इस वर्ष डेंगू के मामलों की आश्चर्यजनक कमी आई है। दिल्ली नगर निकायों के एंटी मलेरिया मुख्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार इस साल अक्टूबर में अब तक यह आंकड़ा 467 तक ही पहुंचा है। 2018 में इस समय तक करीब 830 मामले सामने आ चुके थे। मुख्यमंत्री ने इसके लिए दिल्ली के लोगों को बधाई और धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा यह लोगों की महनत का नतीजा है। इस साल अब तक सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डेंगू से एक भी जान नहीं गई। 2015 में दिल्ली में अक्टूबर के पहले सप्ताह तक डेंगू के 7,606 मामले थे, जबकि 2016 और 2017 में यह संख्या क्रमशः 2133 और 2152 थी। दिल्ली सरकार की डेंगू के खिलाफ लड़ाई 2015 में शुरू हुई, जब शहर में 15,867 मामलों आए थे। 60 से ज्यादा मौतें हुईं थी। सरकार ने 2015 से डेंगू के लिए अभियान प्रारंभ किया। जिसका 2018 में परिणाम सामने थे और डेंगू के मामलों में 80% कमी आई और मामले घटकर केवल 2,798 हो गए। साथ ही 2018 में 4 ही मौत हुई। इस साल अब तक एक भी मौत नहीं हुई है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के प्रयासों की सराहना की है और जागरूकता अभियान चलाने के लिए शहरवासियों का धन्यवाद करते हुए उनसे 15 नवंबर तक सतर्क रहने की अपील की है।
डेंगू के विकराल रूप की डाक्टरों ने दी थी चेतावनी
डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने इस साल सीएम अरविंद केजरीवाल को चेतावनी दी थी कि डेंगू का 3-4 साल का चक्र होता है। दिल्ली में इस साल ज्यादा प्रकोप का अनुमान है। दिल्ली सरकार ने अपने स्तर पर डेंगू से लड़ने के लिए मेगा कार्यक्रम शुरू किया। 10 हफ्ते 10 बजे 10 मिनट ‘ के अभियान की परिकल्पना अर्थ आवर की तर्ज पर की गई। जहाँ लोगों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया गया कि वे अपने घरों का हर रविवार सुबह 10 बजे दस मिनट के लिए, लगातार दस हफ्तों तक निरीक्षण करें। सीएम ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस अभियान के प्रभाव केवल इस वर्ष तक सीमित नहीं होंगे। जागरूकता के कारण इस अभियान से दिल्ली को हर साल डेंगू से लड़ने में मदद मिलेगी। सीएम ने कहा कि अभियान का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य डेंगू मच्छर की उत्पत्ति के बारे में लोगों को शिक्षित करना था। 1 सितंबर को अभियान शुरू करने से पहले, मैंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक सर्वे किया था कि क्या डेंगू साफ पानी या गंदे पानी में पनपता है। 35% से अधिक लोगों ने कहा कि डेंगू गंदे पानी में पनपता है। हमने महसूस किया कि डेंगू के बारे में लोगों को स्पष्ट जानकारी नहीं है। तभी अभियान प्रारंभ कर लोगों को जागरूक किया गया। अभियान शुरू करने से पहले लोगों को डेंगू के बारे में अन्य गलत धारणा थी कि डेंगू का मच्छर दूर तक जा सकता है। जबकि डेंगू मच्छर केवल 200 मीटर की रेंज तक उड़ सकता है। इस अभियान के माध्यम से कई मिथकों का तोड़ा गया है। सीएम ने कहा डेंगू मच्छर का अंडा 8-10 दिनों में पूर्ण विकसित होकर मच्छर में बदल जाता है। इसलिए अगर हम साफ स्थिर पानी को 7-8 दिनों से अधिक समय तक रहने देते हैं, तो इससे निश्चित रूप से मच्छरों के प्रजनन की संभावना बढ़ जाएगी।
देश के अन्य हिस्से में बढ़ा प्रकोप
जुलाई-अगस्त-सितंबर के महीनों में डेंगू का प्रभाव देश के अन्य हिस्से में बढ़ा है। मॉनसून पैटर्न में बदलाव और लंबे समय तक मॉनसून के परिणामस्वरूप देश भर के विभिन्न राज्यों में डेंगू का प्रकोप है। कई राज्यों में यह संख्या हजारों तक पहुंच गई है। तैयारी और रोकथाम कार्य योजना ने दिल्ली को वेक्टर जनित बीमारी से दूर रखा।
अभियान में बड़ी संख्या में लोगों ने की भागीदारी
अभियान में लोगों की भारी भागीदारी हुई। जिसका श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। पिछले पांच हफ्तों के दौरान डेंगू के खिलाफ लड़ाई में कई लोग शामिल हुए हैं। दिल्ली के लोगों से हर रविवार सुबह अपने घरों का निरीक्षण करने की सार्वजनिक अपील करने के बाद मुख्यमंत्री ने सभी कार्यालयों के सभी कर्मचारियों से, प्रत्येक शुक्रवार सुबह 11 बजे अपने कार्यालयों का निरीक्षण करने की अपील की थी। मुख्य सचिव विजय कुमार देव के नेतृत्व में दिल्ली सरकार की पूरी नौकरशाही इसमें शामिल हुई ।
दिल्ली के कई समूहों ने लिया हिस्सा
- दिल्ली सरकार के अधिकारी
- दिल्ली पुलिस के जवान
- डीडीए के अधिकारी
- निवासी कल्याण संघ / गैर सरकारी संगठन
- सरकारी स्कूल और निजी स्कूल
- दिल्ली की न्यायपालिका
- दिल्ली बार काउंसिल
दिल्ली के कई प्रमुख नागरिक जिनमें कपिल देव, वीरेंद्र सहवाग और कई बॉलीवुड हस्तियां शामिल हैं।
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