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मनोज तिवारी नहीं चाहते कि दिल्ली को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिले: आतिशी

बिजली क्षेत्र में परिवर्तन ईमानदार और पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री को चुनने का नतीजा: आतिशी

अन्य राज्यों में बिजली घोटालों के कारण महंगी है सप्लाई; CBI करें जांच: आतिशी

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले लोगों को बिल से मुक्ति दिला दी। साथ ही 200-400 यूनिट बिजली खपत पर देश के किसी भी प्रदेश से सबसे सस्ती बिजली देने का ऐलान किया। दिल्ली की जनता के लिए इस सार्थक पहल को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार पर पलटवार करने की कोशिश की। लेकिन वे खुद ही सवालों के बीच घिर गए। मनोज तिवारी के बयान पर आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता अतिशी ने कहा कि क्या बीजेपी चाहती है कि दिल्ली की 60 परसेंट आम जनता को फ्री में बिजली न मिले।

अतिशी ने मनोज तिवारी पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि आम जनता को फ्री में बिजली मिल रही है तो बीजेपी को क्या आपत्ति है। आप एक सांसद हैं, आपको बिजली फ्री में मिलती है, अगर आपको फ्री में बिजली से आपत्ति है तो आप भी अपना बिल भरिए। सरकारी वाहन का खर्च भी उठाइए। अतिशी ने बताया कि देश में 1990 के बाद अलग-अलग राज्यों में प्राइवेटाइजेशन शुरू हुआ। जिसके चलते कई राज्यों में बिजली के दाम आसमान में पहुंच गए। जिन राज्यों ने दाम नहीं बढ़ने दिए, वहां बिजली कंपनियां खस्ता हाल हो गईं। लेकिन दिल्ली सरकार ने लोगों को सबसे सस्ती बिजली दी, दाम नहीं बढ़ने दिए, लोगों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई और कंपनियों की हालत में भी सुधार हुआ। इसका मुख्य श्रेय अरविंद केजरीवाल को जाता है। क्योंकि वह ईमानदार है, और IIT से पढ़े हुए इंजीनियर भी हैं, पालिसी को समझते हैं। यह सब बातें मनोज तिवारी और बीजेपी नहीं समझ पा रही है। क्योंकि न ही वे योग्य हैं और न ही ईमानदार।

अलग-अलग राज्यों में बिजली के बिल का जिक्र करते हुए अतिशी ने बताया कि बीजेपी शासित राज्यों में सबसे ज्यादा बिजली का बिल लोगों को भरना पड़ता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली वाले जो 200 यूनिट खर्च करते हैं, उनको बिल के झंझट से मुक्त रखा गया है और 400 यूनिट खर्च करने वालों को 1075 रूपए का बिल पडेगा । लेकिन गुड़गांव में रहने वालों को 200 यूनिट के लिए 910 और 400 यूनिट पर 1830 रूपए खर्च करने पडे़गे। एक अन्य भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वहां भी बिजली के रेट काफी ज्यादा वसूले जाते हैं। यूपी में 400 यूनिट के लिए 2420 रूपए वसूले जाते हैं। वहीं मुंबई में 200 यूनिट पर 1400 रुपए एवं 400 यूनिट पर 3301 रूपए आम जनता को देने पड़ते हैं। अन्य राज्यों इतनी महँगी बिजली पर सीबीआई जाँच भी होनी चाहिए। आख़िर ये बिजली बिल का पैसा जा कहा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के कार्यों से आम जनता खुश है। क्योंकि वह जानती है कि उन्होंने एक ईमानदार, योग्य व्यक्ति को सीएम चुना है।

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sudhir

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