दिल्ली को उसके हक का पूरा पानी दिलाने की मांग को लेकर केजरीवाल सरकार के कैबिनेट मंत्रियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। साथ ही, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना से भी अपील की है कि वो हमारे साथ वजीराबाद बैराज का संयुक्त दौरा करें ताकि सच्चाई जान सकें कि हरियाणा सरकार दिल्ली को कितना पानी दे रही है। इससे पहले मंत्रियों ने जंगपुरा के भोगल में चल रहे जलमंत्री आतिशी के अनिश्चितकालीन पानी सत्याग्रह स्थल पर बैठक की, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने और एलजी के साथ वजीराबाद का संयुक्त दौरा करने का निर्णय लिया। कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सभी मंत्रियों ने प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर हरियाणा की वजह से दिल्ली में पैदा जल संकट मामले में दखल करने का निवेदन किया है। रविवार को ‘‘आप’’ नेताओं ने एलजी से मुलाकात की थी। इस दौरान एलजी बार-बार कहते रहे थे कि हरियाणा पूरा पानी दे रहा है, जबकि हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा दिल्ली को 100 एमजीडी कम पानी देने की वजह से वजीराबाद में यमुना सूख चुकी है।
केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार दिल्ली के लोगों के हक का पानी रोक रही है। दिल्लीवालों को उनका यह हक दिलाने के लिए दिल्ली की जल मंत्री आतिशी का अनशन चौथे दिन भी जारी है। दिल्ली में पानी की स्थिति पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी और जल मंत्री आतिशी के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट को देखते हुए आज अनशन स्थल पर दिल्ली के सभी मंत्रियों की बैठक बुलाई गई। इस दौरान इन सभी परिस्थितियों पर चर्चा हुई और हम दो निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।दिल्ली सरकार ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में जल प्रबंधन के लिए कई कार्य किए हैं। लगातार नई पाइप लाइनें डाली गईं। दिल्ली के व्यापक क्षेत्रों में, खासकर अनाधिकृत कॉलोनियों को सुचारू रूप से पानी पहुंचाने का काम केजरीवाल सरकार ने किया है। इस साल पूरा देश और दिल्ली गर्मी की प्रचंड मार को झेल रहे हैं। देश में नदियों के जल का बंटवारा कर यह तय किया गया कि किस राज्य को कितना पानी मिलेगा। 30 साल पहले जब दिल्ली के लिए प्रतिदिन 1005 एमजीडी पानी निर्धारित किया गया था, तब दिल्ली की आबादी लगभग 1 करोड़ थी। लेकिन 30 साल बाद आज दिल्ली की आबादी 3 करोड़ हो गई है, फिर भी दिल्ली को उतना ही पानी दिया जाता है। इस भीषण गर्मी में जब पानी की मांग और बढ़ी, तो हरियाणा की भाजपा सरकार ने दिल्ली के 1005 एमजीडी पानी में से भी 100 एमजीडी पानी रोक दिया। 100 एमजीडी पानी का मतलब है कि आज दिल्ली को 46 करोड़ लीटर पानी नहीं मिल रहा है।
गोपाल राय ने कहा कि इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार ने हरियाणा सरकार, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक सबका दरवाजा खटखटाया। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बताया कि दिल्ली में पानी का संकट पैदा हो गया है, हमने हर संभव प्रयास कर लिया लेकिन कोई हल नहीं निकला। दिल्ली के लोग भी देश के नागरिक हैं। इसलिए प्रधानमंत्री इसमें हस्तक्षेप करें। खासतौर पर जब हरियाणा में भाजपा की डबल इंजन सरकार है तो उनका हस्तक्षेप और जरूरी है। लेकिन प्रधानमंत्री की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। दिल्ली की जल मंत्री को आखिरकार दिल्ली की जनता को पानी के लिए तड़पता देख अनशन पर बैठना पड़ा। इस अनशन को चार दिन हो गए, लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं। वह इस पर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं कि आखिर दिल्ली के लोगों को 30 साल पहले जितना पानी मिलता था, आज तीन गुना आबादी होने के बाद भी हमें उतना ही पानी क्यों मिलता है? जितना पानी मिलता था उसमें से भी हरियाणा सरकार 100 एमजीडी पानी क्यों रोक रही है? इस पर प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध रखी है।
गोपाल राय ने कहा कि सभी मंत्रियों ने बैठक में यह निर्णय लिया है कि दिल्ली के सभी मंत्री अपने-अपने दस्तख़त करके प्रधानमंत्री मोदी को सामूहिक चिट्ठी भेजा हैं कि वो तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करें। अभी मानसून आने वाला है, पिछली बार हमने देखा कि जब पानी बढ़ जाता है तो हरियाणा हथिनीकुंड बैराज के सारे दरवाजे खोल देता है और दिल्ली के लोग डूबने लगते हैं। लेकिन आज जब दिल्ली के लोगों को पानी की जरूरत है तो उन्हें उनके हक का पूरा पानी भी नहीं मिल रहा है। इसलिए हम दिल्ली के सभी मंत्रियों की तरफ से प्रधानमंत्री को पत्र भेज रहे हैं कि वो तुरंत इस मामले में दख़ल दें और इस समस्या का समाधान करवाएं, जिससे दिल्ली के लोगों को राहत मिल सके।
गोपाल राय ने कहा कि रविवार को हमारे विधायक एलजी साहब से मिलने गए थे। इससे पहले भी जल मंत्री आतिशी और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज उनसे मिलने जा चुके हैं। इस रविवार को फिर हमारे सारे नेताओं ने दिल्ली में जल संकट के समाधान के लिए उनसे मुलाकात की। लेकिन एलजी बार-बार केवल एक ही बात कहते हैं कि हरियाणा अपना पानी दे रहा है। जबकि सरकार की रिपोर्ट बताती है कि वजीराबाद का तालाब सूख गया है। वजीराबाद के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी नहीं मिल रहा है। मुनक नहर से दिल्ली को मिलने वाले पानी की मात्रा कम हो गई है। लेकिन फिर भी एलजी साहब कह रहे हैं कि हरियाणा पानी दे रहा है। बैठक में सभी मंत्रियों ने यह निर्णय लिया कि हम एलजी से मंगलवार को किसी भी निर्धारित समय पर सभी मंत्रियों के साथ वजीराबाद तालाब पर चलें, जिससे वहां की स्थिति साफ हो जाए कि वहां असल में कितना पानी है और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को कितना पानी मिल रहा है। वह सारे अधिकारियों को भी अपने साथ ले चलें क्योंकि यह पता नहीं चल रहा है कि कौन अधिकारी उन्हें तोड़-मरोड़कर रिपोर्ट पेश कर रहा है। इसलिए हम चाहते हैं कि एलजी सभी मंत्रियों के साथ वजीराबाद तालाब की ज्वाइंट विजिट करें। वहां रोजाना दर्ज किए जाने वाले फ्लो चार्ट के रजिस्टर को चेक कर लिया जाए। कितना पानी पिछले कुछ दिनों में आया, सब कुछ ऑन रिकॉर्ड है। मुनक नहर से बवाना आने वाले पानी में भी फ्लो मीटर लगा हुआ है, हम वहां चल कर उसे भी देख सकते हैं, इससे पता चल जाएगा कि मुनक नहर में पहले कितना पानी आता था और अब कितना पानी आ रहा है।
गोपाल राय ने कहा कि हमारे मन में किसी के लिए दुर्भावना नहीं है। हरियाणा की भाजपा सरकार, एलजी और देश के प्रधानमंत्री से हमारी केवल यह विनती है कि भले ही आप दिल्ली के लोगों की आबादी 3 गुना बढ़ने के बाद भी उनका पानी नहीं बढ़ा रहे हो, लेकिन 30 साल से मिलने वाले उनके हक का पानी तो मत रोकिए। हमारी किसी से लड़ाई नहीं है। हम दिल्ली के लोगों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके लिए हम प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख रहे हैं। एलजी से हमारी अपील है कि वो मंगलवार को ज्वाइंट विजिट के लिए कोई भी समय निर्धारित कर दें, हम आपके साथ चलेंगे। हमारे पास और एलजी के पास जो रिपोर्ट आ रही है, ग्राउंड पर जाकर हम दोनों की हकीकत चेक कर लेंगे। अगर पानी कम आ रहा है तो हम चाहते हैं कि हरियाणा सरकार दिल्ली को वो पानी दे, ताकि दिल्ली के लाखों लोगों को पानी की समस्या से राहत मिल सके।
इस दौरान “आप” नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम लोग प्रधानमंत्री को भी पत्र लिख रहे हैं और एलजी से भी निवेदन कर रहे हैं कि वो हमारे साथ आएं और ग्राउंड पर चलकर चीजों की हकीकत देखें।
वहीं, “आप” नेता कैलाश गहलोत ने कहा कि एलजी को इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए कि हम सब अधिकारियों के साथ मुनक नहर या वजीराबाद तालाब पर जाकर खुद देखें कि पानी क्यों नहीं छोड़ा जा रहा है? हमें केवल अधिकारियों की रिपोर्ट पर भरोसे नहीं रहना चाहिए ताकि दिल्लीवालों को उनका हक मिले और इस पानी की समस्या से राहत मिले।
वहीं, “आप” नेता इमरान हुसैन ने कहा कि एलजी से हमारी सामूहिक अपील है कि अभी दिल्ली के 28 लाख से ज्यादा लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। लेकिन एलजी कह रहे हैं कि हरियाणा से पूरा पानी दिया जा रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि वजीराबाद तालाब, मुनक नहर और सभी ट्रीटमेंट प्लांट का ज्वाइंट विजिट किया जाए। अगर एलजी हम सभी मंत्रियों के साथ ग्राउंड पर जाकर खुद सारी चीजें देखेंगे तो सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। रिकॉर्ड से पता चल जाएगा कि 10 दिन पहले, 3 दिन पहले या एक दिन पहले कितना पानी आया। प्रधानमंत्री ने अभी तक जल मंत्री के पत्र का कोई संज्ञान नहीं लिया है। इसलिए आज हम सभी मंत्री उन्हें सामूहिक चिट्ठी भेज रहे हैं, क्योंकि हरियाणा में भाजपा की डबल इंजन की सरकार है। वो खुद दिल्ली में रहते हैं, इसलिए दिल्लीवालों की पीड़ा देखते हुए उन्हें इस मामले में दख़ल देना चाहिए।
केजरीवाल सरकार के मंत्रियों का प्रधानमंत्री को पत्र
दिल्ली में इस वर्ष भयंकर गर्मी के चलते पानी का एक बहुत बड़ा संकट पैदा हो गया है। दिल्ली में ऐसी गर्मी पिछले दशक में कभी नहीं पड़ी, जिसकी वजह से दिल्लीवाले बूंद-बूंद पानी को तरस गए है। इस तपती गर्मी में दिल्लीवालों की पानी की जरूरत भी बढ़ गई है। ऐसे समय में दिल्ली को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता है। दिल्ली पानी के लिए पूरी तरह से हरियाणा और उत्तर प्रदेश पर निर्भर है। दुर्भाग्य की बात यह है कि दिल्लीवालों को अधिक मात्रा में पानी मिलना तो दूर, हमें अपने हक्क़ का आवंटित पानी भी हरियाणा से नहीं मिल पा रहा है।
दिल्ली में कुल पानी की सप्लाई 1005 एमजीडी है। इसमें में एक बड़ा हिस्सा 613 एमजीडी पानी हरियाणा से आता है। पिछले कई सप्ताह से हरियाणा से आने वाले पानी में कमी हो गई है। कई दिनों से दिल्ली को 100 एमजीडी पानी कम मिल रहा है। दिल्ली में। एमजीडी पानी एक दिन में तक़रीबन 28,500 लोगों की आवश्यकता को पूरी करता है। इसका मतलब 100 एमजीडी पानी की कमी से 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। जहां हमें अतिरिक्त पानी की आवश्यकता थी, वही हरियाणा से कम पानी आने से 28 लाख लोगों को पानी मिलना बंद हो गया है।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली की पानी की कमी को दूर करने के लिए हर सम्भव कोशिश कर ली है। हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, केंद्रीय जल मंत्री से मिलने की कोशिश की। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से पानी की गुहार लगाई। हिमाचल अतिरिक्त पानी दिल्ली को देने को तैयर है, जो यमुना में हरियाणा से दिल्ली आएगा। मगर हरियाणा वो पानी भी हमको देने से इनकार कर रहा है। हमने अपनी मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि दिल्ली में पानी का संकट है, पर उसके बावजूद हरियाणा सरकार ने दिल्लीवालों को 100 एमजीडी पानी नहीं दिया। हमने हर सम्भव प्रयास कर लिया। अब आप ही बताइए इन सब प्रयासों के बाद हमारे पास क्या विकल्प रह जाता है?
हरियाणा से पानी आना अब बहुत ज्यादा जरूरी हो चुका है, वरना दिल्ली मे त्राही त्राही मच जाएगी। दिल्ली को अपने हक का 100 एमजीडी पानी अत्यंत आवश्यक है, जिसके लिए हमारी दिल्ली की जल मंत्री आतिशी जी 21 जून से अनशन पर बैठीं है। हमारी आपसे गुज़ारिश है कि आप इस समस्या को प्राथमिकता दें, और इस संकट का कोई समाधान जल्द से जल्द निकालें। जिससे दिल्ली से जल संकट दूर हो सकें।