आम आदमी पार्टी ने पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में हुए रेल हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पार्टी ने मृतकों की आत्मा को शांति प्रदान करने और घायलों को शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की है। ‘‘आप’’ ने कहा कि पिछले कुछ समय में कई भीषण रेल हादसे हुए हैं। इसके बावजूद रेल मंत्री और केंद्र सरकार चुप्पी साधे हुए हैं। हर रेल हादसा कई सवाल खड़े करता है, लेकिन सरकार से कोई जवाब नहीं मिलता है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन डॉ. संदीप पाठक ने हादसे को अत्यंत हृदयविदारक बताते हुए कहा कि आए दिन हो रहे रेल हादसों पर देश की जनता प्रधानमंत्री और रेल मंत्री से कुछ प्रश्नों का उत्तर जानना चाहती है। बताया जा रहा है कि दोनों ट्रेनें एक ही पटरी पर थीं? तो क्या यह हादसा सिग्नल सिस्टम में गड़बड़ी, मैन्युअल या तकनीकी त्रुटि से हुआ? क्या इन ट्रेनों में एंटी-कॉलीशन डिवाइस लगा हुआ है? क्या प्रधानमंत्री और रेलमंत्री इन दुर्घटनाओं पर अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेंगे या इस बार भी अफसरों पर पूरा ठीकरा फोड़कर अपनी जिम्मेदारी से भाग जाएंगे?
“आप” के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक बार फिर रेल दुर्घटना हुई है। इस हादसे में 5 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है और बहुत सारे लोग घायल हुए हैं। जिन लोगों ने अपनी जान गवाई है, उनके परिवारजनों के साथ हमारी पूरी संवेदना है। हम उम्मीद करते हैं कि हादसे में घायल लोगों का तुंरत इलाज करवाया जाए। देश के प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को इस बात का जवाब देना चाहिए कि हमारे देश में कब तक इस तरह की रेल दुर्घटनाएं होती रहेंगी? आप देश में बुलेट ट्रेन चलाने की बात करते हैं लेकिन एक साधारण यात्री को रेल दुर्घटनाओं से सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे केसे चलेगा?
डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि केंद्रीय रेल मंत्री देश की जनता के इन सवालों का जवाब दें। पहला, बताया जा रहा है कि दोनों ट्रेन एक ही पटरी पर पर चल रही थी, तो क्या आपके सिग्नल सिस्टम फेल हो गए हैं या इसमें कोई मानव गलती थी? दूसरा, क्या इन ट्रेनों में एंटी कोलेशन डिवाइस लगे थे? अगर लगे थे तो ये दुर्घटना क्यों हुई और नहीं लगे थे तो इन ट्रेनों में एंटी कोलेशन डिवाइस कब तक लगेंगे? इस कवच डिवाइस की सरकार सालों से बातें कर रही है, उसमें क्या प्रगति हुई है? केवल बड़ी-बड़ी बातें करने से देश की हालत नहीं सुधरती है। इसके लिए आपको सुरक्षा जैसी मूलभूत चीजों पर काम करना पड़ेगा। सवाल यह उठता है कि प्रधानमंत्री और रेल मंत्री में से इन रेल दुर्घटनाओं का नैतिक दायित्व कौन लेगा? रेलवे की पूरी व्यवस्था चौपट हो गई है। आज यह पूरा संस्थान खतरे में है। प्रधानमंत्री और रेल मंत्री से हमारा आग्रह है कि आपको इस हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
उधर, आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि भारतीय रेलवे की बहुत दुर्दशा हो चुकी है। रेल मंत्री केवल बड़े-बड़े दावे करते हैं। ओडिशा में बालेश्वर की रेल दुर्घटना के बावजूद उन्हें दोबारा रेल मंत्री बनाल दिया गया। पता नहीं, उन्हें किस बात का इनाम दिया गया है। आज ट्रेनों में जनरल डिब्बे से लेकर सेकन्ड, थर्ड एसी के डिब्बों तक में लोग भूसे की तरह भरे रहते हैं। उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार हो रहा है। इस भीषण गर्मी में भी लोग इन रेल डिब्बों में अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर यात्रा करने के लिए मजबूर हैं। इस रेल दुर्घटना की जांच के लिए फिर एक कोई जांच कमेटी बैठाई जाएगी, दो-चार वक्तव्य दिए जाएंगे और बाद में लीपापोती करके मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा। रेल मंत्री या कोई अधिकारी इस हादसे की जिम्मेदारी नहीं लेगा, केवल नीचे के दो-चार छोटे-छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया जाएगा। यह बेदह दुर्भाग्यपूर्ण है। लोगों को ये बातें अपने दिलों-दिमाग में रखनी चाहिए, ताकि वक्त आने पर वह इसका जवाब दे सकें। जनता ने पहले भी इसका जवाब दिया है, आगे और भी मजबूती से इसका जवाब देना होगा।