- प्रस्तावित बजट दिल्ली की जनता के खिलाफ़ है, आम आदमी पर एक भारी बोझ है निगम का बजट
- भाजपा द्वारा निगम के वित्तीय घाव भरने के लिए दिल्ली की जनता पर टैक्स का बोझ डालना ग़लत
- नए और उच्च करों कि बजाय मौजूदा करों का संग्रह ठीक से किया जाना चाहिए
भाजपा की अगुवाई वाली उत्तरी एमसीडी के बजट में प्रस्तावित कर वृद्धि के बाद, अब भाजपा की अगुवाई वाली ही पूर्वी एमसीडी का प्रस्तावित बजट भी एक बड़ा जन-विरोधी कदम है। दो निगमों का प्रस्तावित बजट यह स्पष्ट करता है कि भाजपा निगम में उन्हीं के द्वारा पैदा किए गए वित्तीय घावों को भरने के लिए दिल्ली के आम निवासियों पर टैक्स का बोझ डाल रही है। गुरुवार 7 दिसंबर को पूर्वी एमसीडी ने भी अपने प्रस्तावित बजट में तीन नए करों का प्रस्ताव रखा है और मनोरंजन कर में करीब 100 से 150 गुना की बढ़ोतरी की गई है।
तीन नए करों को पेश करने कि बजाय, पूर्वी एमसीडी को मौजूदा करों के संग्रह के तहत सुधार करने पर पहले काम करना चाहिए। उन्हें दिल्ली के वित्त मंत्री श्री मनीष सिसोदिया द्वारा प्रस्तुत ‘शून्य’ कर बजट से कुछ सीखना चाहिए। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लोगों पर टैक्स का बोझ कम कर दिया है, तो वहीं बीजेपी की अगुवाई वाली एमसीडी समय-समय पर करों को बढ़ाकर दिल्ली की जनता की कमर तोड़ने का काम कर रही है।
“मौजूदा करों के संग्रह में कुप्रबंधन और नए करों का थोपना यह स्पष्ट करता है कि भाजपा वित्तीय भ्रष्टाचार और निगमों में कुप्रबंधन पर काम करने में नाकाम रही है। ना तो वे कचरा ही साफ कर सकते हैं और ना ही निगमों के वित्तपोषण का प्रबंधन ही ढंग से कर सकते हैं। वे सभी मामलों में विफल रहे हैं।
इस विषय पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि “दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार का शून्य कर बजट पेश कर रहे हैं, जो जनता के अनुकूल हैं और इससे यह साबित हो जाता है कि आम आदमी पार्टी दरअसल बीजेपी के मुकाबले बेहतर तरीक़े से शासन संभालना जानती है। बीजेपी के लोगों ने निगम में शिक्षा के नाम पर संपत्ति कर 5% बढ़ा दिया है; एमसीडी ने दिल्ली में शिक्षा को एकदम बर्बाद करके रख दिया है और अब संपत्ति कर लगाया जा रहा है जो पहले से ही एकत्रित हो चुका है। बीजेपी वालों को दिल्ली के वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया और उनके बजट से कुछ सीखना चाहिए,”
इसके बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल बाजपेयी ने कहा कि, बीजेपी ने एमसीडी की भलाई के लिए क्या किया है? पहली बात तो यह कि पिछले काफ़ी सालों से बीजेपी ने निगम में रहकर कोई ढंग का काम किया नहीं है और अब करों में वृद्धि, क्यों? अगर उन्हें नहीं पता कि एमसीडी कैसे चलानी है, तो मैं उन्हें नगर निगम को आम आधमी पार्टी को सौंपने की सलाह देता हूं।”
पूर्वी एमसीडी में नेता विपक्ष और आम आदमी पार्टी के पार्षद अब्दुल रहमान ने कहा कि “आम आदमी पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो हमेशा जनता के अधिकारों के लिए लड़ती है। बीजेपी शासित नगर निगम के इस बजट का आम आदमी की जेब पर बहुत बड़ा असर पड़ने वाला है और हम इसके खिलाफ विरोध करेंगे, हमारी मांग है कि इसे तुरंत वापस लिया जाए,”
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