- भाजपा शासित एमसीडी अधिकारियों ने कार्रवाई का विरोध करने पर सोसायटी के निवासियों के साथ दुव्र्यवहार किया है और जेल भेजने की धमकी दी- कैप्टन शालिनी सिंह
- भाजपा की निगम पार्षद रितिका शर्मा की जानकारी में एमसीडी ने कार्रवाई की है, पार्षद ने सोसायटी के लोगों का फोन नहीं उठाया, वो किस बात का बदल ले रही हैं- शालिनी सिंह
- दिवंगत सेना अधिकारियों के परिवारों ने ध्वस्त दुकानों को तत्काल दुरूस्त कराने और जांच कर इस कार्रवाई को करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है- कैप्टन शालिनी सिंह
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर, 2020
आम आदमी पार्टी की नेता और शहीद मेजर अविनाश की पत्नी कैप्टन शालिनी सिंह ने शनिवार को कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने बिना नोटिस दिए कारगिल सोसायटी द्वारका में आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को ध्वस्त कर दिया है। इस सोसायटी में सेवानिवृत्त और दिवंगत सेना अधिकारियों के परिवार रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस घ्वस्तीकरण की कार्रवाई पर सवाल उठाने पर भाजपा शासित एमसीडी के अधिकारियों ने सोसायटी के निवासियों के साथ दुव्र्यवहार किया और जेल में डालने तक की धमकी दी। भाजपा के स्थानीय निगम पार्षद रितिका शर्मा की जानकारी में एमसीडी ने कार्रवाई की है और उन्होंने हमारी कोई मदद नहीं की। कैप्टन सिंह ने कहा कि दिवंगत सेना अधिकारियों के परिजनों ने ध्वस्त दुकानों को तत्काल ठीक कराने और इस कार्रवाई को अंजाम देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कारगिल सोसायटी में शक्तिशाली लोग रहने लगे हैं और हमें कोड़ियों के दाम में अपने घर बेचने पर मजबूर कर रहे- अन्जू रावत
देश के लिए जान गंवाने वाले कई सैनिकों के परिजनों ने शनिवार को भाजपा शासित एमसीडी के खिलाफ आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की। शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद मेजर दीपक रावत की पत्नी अन्जू रावत ने कहा कि हम द्वारका की कारगिल सोसायटी में रहते हैं, जो 2003 में स्वर्गीय भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने शहीदों के परिजनों को दी थी। हमें मकान की चाबी देते हुए कहा गया था कि आप शहीदों के परिवार यहां पर आइए, हम आपको सभी दैनिक सुविधाएं देंगे और आपका पूरा ख्याल रखेंगे। हम आपको कोई कमी महसूस नहीं होने देंगे। उस समय हम लोगों को एक आशा की किरण नजर आई थी कि हमारा देश हमारे साथ है। हमारे परिजनों ने इस देश के लिए जान गंवाई थी। लेकिन आज 17 साल बाद हम अपना अनुभव आप लोगों के साथ साझा करने जा रहे हैं।
शहीद मेजर दीपक की पत्नी ने कहा कि कारगिल सोसायटी में 414 फ्लैट हैं, जिनमें एनसीओ, जेसीओ, ओआर और अधिकारियों के परिजन रहते हैं। हम लोग 17 साल से वहां रह रहे हैं, लेकिन अब धीरे-धीरे एक-एक कर शहीदों के परिवार वाले उस सोसायटी को छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। उनको इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वो वहां नहीं रह पाते। उसका सबसे बड़ा उदाहरण मैं खुद हूं। मुझे 2018 में उस सोसायटी को छोड़ना पड़ा। अब कारगिल सोसायटी में काफी सारे शक्तिशाली लोग आकर बस गए हैं, उनके बड़े-बड़े लोगों के साथ संबंध हैं। वो लोग हमें मजबूर करते हैं कि हम कोड़ियों के दाम में अपने घर बेच दें और वहां से चले जाएं। अगर हम वहां पर हो रही किसी भी गलत गतिविधि के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो हमें गलत मुकदमों में फंसा दिया जाता है।
हमारे चरित्र पर उंगली उठाई जाती है और हमारे बच्चों को निशाना बनाया जाता है- अन्जू रावत
उन्होंने कहा कि कल हमारे साथ एक बहुत ही दुखद घटना घटी। भाजपा जो एक समय पर हमारी सुरक्षा और जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध थी। आज उसी ने हम लोगों से हमारी दैनिक जरूरतों को छीन लिया। हमारी दैनिक जरूरतों के सामान को रोक कर हमें सोसायटी छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है। वहां रहे रहे शक्तिशाली लोगों के खिलाफ अगर कोई भी आवाज उठाता है तो उसे गलत मुकदमों में फंसा दिया जाता है। सोसायटी में रह रहे बीपी वैष्णव नाम के व्यक्ति की भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं से जान पहचान है। उन्होंने सोसायटी में रह रहे लोगों से एक-दूसरे के खिलाफ केस करा दिए हैं। पहले हमें निशाना बनाया जाता है, हमारे चरित्र पर उंगली उठाई जाती है फिर हमारे बच्चों को निशाना बनाया जाता है। इसी के चलते मेरी बेटी का अपहरण करने की भी कोशिश की गई, मैंने इसको लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने आगे कहा कि मुझ पर और एक अन्य शहीद की पत्नी पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की गई। मेरी बेटी की दैनिक गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी। अंत में दुखी होकर मुझे वो सोसायटी छोड़नी पड़ी। अपनी बच्ची के भविष्य के लिए मुझे वहां से निकलना पड़ा। इसी तरह की घटनाएं अन्य शहीदों के परिजनों के साथ भी हो रही हैं। हम केंद्र सरकार से कोई पैसा नहीं मांग रहे हैं, हम बस दैनिक जरूरतों के सामान की दुकानों की मांग कर रहे हैं। मैं आम आदमी पार्टी का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने हमारी बात सुनी और हमारा साथ दिया।
भाजपा शासित एमसीडी ने दुकानें तोड़ने से पहले एक बार भी नहीं सोचा कि हमारा क्या होगा?- शालिनी सिंह
कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद मेजर अविनाश की पत्नी कैप्टन शालिनी सिंह ने कहा कि हमारी सोसायटी में राशन, सब्जी और दूध की कुछ दुकानें हैं। कल भाजपा शासित नगर निगम के कुछ कर्मचारी एसटीएफ के साथ हमारी सोसायटी में घुसे। उन्होंने बिना कुछ बताए इन दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। दुकानों का सामान फेंकना शुरू कर दिया। हम सब उनसे विनती करते रहे, रोते रहे लेकिन हमारी एक नहीं सुनी। उन्होंने हमसे कहा कि साइड हो जाओ नहीं तो तुम लोगों को जेल में डाल देंगे। हमारे साथ बदतमीजी और अभद्रता की गई। जब यह सोसायटी बनी थी तभी से यह दुकानें यहां मौजूद हैं। सोसायटी के पास दूर-दूर तक कोई दुकान नहीं है।
उन्होंने बताया कि जब यह सैनिक शहीद हुए तो उनमें से कई की पत्नी गर्भवती थीं, कई सैनिकों के छोटे-छोटे बच्चे थे। कई सैनिकों के वृद्ध माता-पिता यहां रहते हैं। जब यह दुकानें बनाई गईं तो कहा गया था कि अब आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है। आपकी जरूरतों के सभी सामान आपको यहां पर मिल जाएंगे। हम नहीं जानते कि भाजपा की मंशा क्या है, उनका उद्देश्य क्या है। हमारे घरवालों ने इस देश के लिए जान दे दी। उन्होंने एक बार भी नहीं सोचा कि उनके बिना हमारा क्या होगा। वो सोचते थे कि यह देश और यहां लोग हमारी देखभाल करेंगे। लेकिन आज बड़ा दुख होता है कि हमारे साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है।
शहीदों की पत्नियों, बच्चों और परिजनों को परेशान किया जा रहा है- शालिनी सिंह
कैप्टन शालिनी सिंह ने कहा, आज सुबह मेरे पास एक शहीद सैनिक की 82 साल की मां का फोन आया। उन्होंने कहा कि घर में दूध नहीं है, आज दूध कहां से आएगा। एक दूसरी महिला ने अपने घर से ले जाकर उनको दूध दिया। हमें बिना आदमी की औरत कहा जाता है। जो भाजपा सेना के सम्मान की बात करती है उसके द्वारा शहीदों के परिजनों को परेशान कर यह कैसा सम्मान किया जा रहा है। शहीदों की पत्नियों, बच्चों और परिजनों को परेशान किया जा रहा है। हमें बाहर निकलते हुए डर लगता है। दुकानों में तोड़फोड़ को लेकर न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही कोई कारण बताया गया। हमने भाजपा की निगम पार्षद रितिका शर्मा को फोन किया लेकिन उन्होंने एक बार भी फोन नहीं उठाया। हमें नहीं पता कि वो किस बात का बदला हम लोगों से ले रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमें समझ नहीं आ रहा कि हम कहां जाएं, यह भाजपा और नगर निगम हमसे क्या चाहती है। हमारे घर वालों ने इसलिए इस देश के लिए अपना खून बहा दिया कि उसके इस खून का सम्मान किया जाएगा। लेकिन आज हमें खून के आंसू रुलाया जा रहा है। वो शहीद भी ऊपर से रो रहा होगा कि मैंने इतने घटिया लोगों के लिए अपनी जान दे दी। क्या हमारा यह कसूर है कि हमने एक सैनिक के परिवार से नाता जोड़ा, हमारे बच्चों ने शहीद के घर में जन्म लिया। भाजपा ने जो भी हमारा नुकसान किया है वो उसकी भरपाई करे। जिन दुकानों को तोड़ा है उन्हें फिर से बनाकर दे। भाजपा शासित नगर निगम ने तमाशा बना रखा है। इस घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और इसकी जांच होनी चाहिए।
वहीं, कीर्ति चक्र प्राप्त शहीद लेफ्टिनेंट रविन्दर चिकारा की माता कमला चिकारा ने कहा कि मेरा बेटा जुलाई 2000 में शहीद हुआ था। वो 24 साल का था। हम 2006 में कारगिल सोसायटी में रहने के लिए आए थे। पहले यहां का माहौल बहुत अच्छा था लेकिन अब सब खराब हो चुका है। हम डरते हुए बाहर निकलते हैं कि कहीं कोई हम पर झूठा इल्जाम न लगा दिया जाए। मेरे पड़ोस में रहने वाली एक शहीद की मां किडनी की मरीज हैं, लेकिन आज सुबह उन्हें चाय तक नसीब नहीं हो सकी। मैं एक किमी चलकर गई और उनको दूध लाकर दिया। मैंने कई लोगों के घर दूध पहुंचाया। कई शहीदों की मां ऐसी हैं जो चल नहीं सकतीं और अब दुकान बंद होने से वो परेशान हैं। प्रेस कांफ्रेंस में सेना मेडल प्राप्त शहीद मेजर चन्द्र भूषण द्विवेदी की पत्नी भावना द्विवेदी और शहीद मेजर शिव कपूर की पत्नी सारिका कपूर भी मौजूद थीं।
BJP-ruled MCD has demolished the shops of essential items at Kargil Society Dwarka where families of retired & late army officers stay without any prior notice and consultation with the residents: Capt Shalini Singh
BJP-ruled MCD officials have misbehaved with the residents when they raised questions over demolition; BJP’s local councillor has gone incommunicado since the incident: Capt Shalini Singh
The families of late army officers demand immediate restoration of demolished shops and stringent action against the officials who performed the act: Capt Shalini Singh
NEW DELHI: October 10, 2020
Aam Aadmi Party leader Captain Shalini Singh on Saturday said that the BJP-ruled MCD has demolished the shops of essential items at Kargil Society Dwarka where families of retired & late army officers stay, without any prior notice or consultation. She said that BJP-ruled MCD officials have misbehaved with the residents when they raised questions over demolition; BJP’s local councillor has gone incommunicado. Capt Singh said that the families of late army officers demand immediate restoration of demolished shops and stringent action against the officials who were involved in this act.
In Kargil society people with connections with influencers have been forcing families of martyrs to leave the place: Anju Rawat
Mrs Anju Rawat, the wife of Shaurya Chakra-awarded martyr Major Deepak Rawat, said, “We live in Kargil Society of Dwarka, which was given to the relatives of the martyrs by the late Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee in 2003. The government promised us all the daily facilities. At that time we saw a ray of hope that our country is with us. Our relatives had lost their lives for this country. But today after 17 years how we are facing harassment every day.
She said, ‘There are 414 flats in Kargil Society in which NCOs, JCOs, ORs and family members live. We have been living there for 17 years, but now gradually one by one the families of the martyrs are being forced to leave that society. They forced us to sell our houses in very lower price. The biggest example of this is me. I had to leave that society in 2018. Now a lot of powerful people have come and settled in Kargil Society, they have connections with influencers. Those people forced us to sell our houses. If we raise our voice against any wrong activity happening there, we are implicated in wrong cases.”
Mrs Rawat said, ” A very sad incident happened to us yesterday. The BJP has taken away our daily needs from us. We are being forced to leave the society because they have demolished the shops from where we get our daily essentials. If anyone raises a voice against the powerful people living there, they are implicated in wrong cases. First, we were targeted, fingers were raised on our character, then they targeted our children. An attempt was also made to kidnap my daughter, I lodged a complaint with the police about this but no action was taken.
She said, ” An attempt was made to file a case against me and the wife of another martyr under the SC-ST Act. They were monitoring daily movement on my daughter. In the end, I had to leave that society. I had to leave for my daughter’s future. Similar incidents are also happening with the families of other martyrs. We are not asking for any money from the central government, we are just demanding shops for daily necessities. I thank the Aam Aadmi Party for listening to us and supporting us.”
BJP-ruled MCD officials have misbehaved with the residents when they raised questions over demolition; BJP’s local councillor has gone incommunicado: Capt Shalini Singh
Captain Singh said, “At the Kargil Society of Dwarka where families of late Army officers and retired army officers stay there are some shops of ration, mother dairy and others. Yesterday the Bharatiya Janata Party ruled MCD officials entered our society and tried to demolish those shops. When the residents requested the officials to stop the demolition then they threatened us of the arrest. They misbehaved with us and talked very improperly.”
She said, “These shops were present in our society from the time when the society was established. The shops were built because there are not many shops around the area and vulnerable people from various age groups stay in society. The people and the residents of our society are in massive trouble. Our families have served this country with their blood and the Bharatiya Janata party which uses the name of the army but at the end of the day, insults their families. Today we have lost our dignity because of the Bharatiya Janata party’s shameful act.”
She said, “We have called Bharatiya Janata party’s local Councillor Mrs Ritika Sharma several times but she’s not receiving or responding to our calls. We are very helpless right now and we do not know how to solve this situation. But we are here demanding justice. We demand that stringent action must be taken against the officials who have demolished these shops without any consultation with the residents. We also demand that the Bharatiya Janata Party ruled MCD should immediately rebuild these demolished shops.”
Adding to this Mrs Kamala Chikara, the mother of martyr Lieutenant Ravinder Chikara said, “My son was martyred in July 2000. He was 24 years old. We came to live in the Kargil Society in 2006. Earlier the atmosphere here was very good but now everything is spoiled. We walked out fearing that someone may falsely accuse us. The mother of a martyr living in my neighbourhood is a kidney patient, but she could not have tea until this morning. I walked 1 km and brought them milk. There are mothers of many martyrs who cannot walk and now they are upset with the closure of the shop. At the press conference, Mrs Bhavna Dwivedi, wife of Shaheed Major Chandra Bhushan Dwivedi, and Mrs Sarika Kapoor, wife of Shaheed Major Shiv Kapur were also present.
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