आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उसे बदलाव की राजनीति करने की नसीहत दी है। ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा का कहना है कि भाजपा की ईडी के पास ना तो कोई सवाल है, ना कोई सबूत है और ना कोई गवाह है। ईडी का एक ही मकसद है कि कुछ भी करके मनीष सिसोदिया को जेल में रखा जाए। ईडी ने रिमांड में लेकर मनीष सिसोदिया से सात दिनों में महज 15 घंटे पूछताछ की और मात्र तीन गवाहों से उनका आमना-सामना कराया। इससे साफ है कि ईडी के पास मनोहर कहानियों के अलावा मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक रत्ती भर भी सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से डरती है। इसलिए भाजपा का मकसद आम आदमी पार्टी को खत्म करना है। यही वजह है कि भाजपा ने हमारे नेताओं पर फर्जी केस करके उन्हें जेल में रखने की एक बदले की राजनीति शुरू की है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि भाजपा का एक ही मकसद है कि कुछ भी करके आम आदमी पार्टी को खत्म किया जाए। भाजपा को सिर्फ आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से डर लगता है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी को खत्म करने के लिए हमारे नेताओं पर फर्जी केस करके उन्हें जेल में बंद करने की एक बदले की राजनीति शुरू की है। उन्होंने कहा कि सीबीआई-ईडी के पास मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनगढ़ंत कहानियों के अलावा रत्ती भर भी सबूत नहीं है। इस मामले में न केस है, न मेरिट है, न एविडेंस और न तो कोई साक्ष्य है। सीबीआई-ईडी को कुछ नहीं मिला है। मोटे तौर पर किसी भी केस के लिए चार-पांच पदार्थ चाहिए होते हैं। जिसमें एक मजबूत केस होना चाहिए, सबूत होने चाहिए, मेरिट होने चाहिए, कुछ बरामदगी होनी चाहिए, गवाह होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सीबीआई की पूछताछ के बाद कोर्ट मनीष सिसोदिया को बेल देने जा रहा था। मनीष सिसोदिया को कोर्ट से राहत न मिल जाए, इसीलिए ईडी को लाकर भाजपा ने उनको गिरफ्तार करा लिया और पिछले सात दिनों से अपने मुख्यालय पर रखा हुआ है। ईडी ने रिमांड लेते वक्त कहा था कि मनीष सिसोदिया से बड़े गंभीर सवाल पूछने हैं। गवाहों से मनीष सिसोदिया का सामना करवाना है। इसके लिए 10 दिन की रिमांड चाहिए। कोर्ट ने ईडी की बात मान ली और 10 दिन की जगह 7 दिन की रिमांड दे दी। राघव चड्ढा ने बताया कि पिछले सात दिनों में मनीष सिसोदिया से ईडी के अफसरों ने मात्र 15 घंटे ही पूछताछ की है। एक तरह से रोजना करीब दो घंटे ही पूछताछ की है। पिछले सात दिनों में ईडी ने केवल तीन लोगों से ही आमना-सामना कराया है और यह भी मात्र खानापूर्ति की गई है। क्योंकि ईडी ने इन तीन लोगों का आमना सामना कराने के दौरान आरोपों से संबंधित कोई बात नहीं पूछी है। यह दिखाता है कि ईडी के पास न केस है, न सबूत है। इनका मकसद सिर्फ मनीष सिसोदिया को कुछ भी करके जेल में रखना है, ताकि वो बाहर न आ पाएं। ‘‘आप’’ के नेताओं को फर्जी केस में जेल में डालकर उनको बाहर न निकले दो। इन जांच एजेंसियों की वास्तविकता यह है कि इनके पास न कोई सवाल है, न कोई गवा है, न कोई रिकवरी हुई, मनीष सिसोदिया पर सिर्फ बनावटी फर्जी राजनीतिक आरोप हैं।
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि जब मनीष सिसोदिया की बेल होने वाली थी, तब ईडी ने उनको गिरफ्तार कर लिया। जब एक एजेंसी से दूसरी एजेंसी ने गिरफ्तारी की तो हमें लगा कुछ नया सवाल पूछना होगा। लेकिन यह आश्चर्यजनक बात है कि ईडी ने आज तक मनीष सिसोदिया से एक भी नए सवाल नहीं पूछे हैं। सीबीआई के पूछे गए बेतुके सवाल ही ईडी भी पूछ रही है। पहले एक एजेंसी गिरफ्तार करती है, फिर दूसरी कर लेती है और तीसरी को ये लोग तैयार कर देते हैं और नए केस डाल देते हैं। इनका मकसद सिर्फ एक ही है कि फर्जी केस डालते रहो ताकि मनीष सिसोदिया बाहर न निकल पाएं। जांच के नाम पर रिमांड पर लेते रहो। सबूत इकट्ठा करना और गवाह ढूंढने की जरूरत ही नहीं है। सिर्फ फर्जी आरोप लगाते रहो और एजेंसियों का दुरुपयोग कर नेताओं को जेल में रखो।
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि ईडी के वकील ने आज फिर कोर्ट में कहा कि जिन तीन लोगों से मनीष सिसोदिया का आमना सामना कराया था, उन्हीं लोगों से दोबारा आमना सामना कराना है। हमारे देश की जांच एजेंसियों के ये हालात हैं। भाजपा और केंद्र में बैठी मोदी सरकार शायद एक मानसिक परेशानी से गुजर रही है। जिसके चलते फर्जी केस डाल कर राजनैतिक बदला लेने के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं को पकड़कर जेल में डाल रही है। इनके पास न कोई केस है और न कोई सबूत है। सिर्फ इनके पास मनोहर कहानियां हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के बीते आठ (2014 से 2022 तक) वर्षों में ईडी ने 3,555 नए केस दर्ज किए। इन आठ सालों में कोर्ट ने मात्र 23 लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। इनका मकसद कोर्ट में ट्रायल पूरा कराने, अभियुक्त को दोषी करार दिलाने, सबूत और गवाह पेश करने का नहीं है। इनका मकसद है कि फर्जी केस डालो और जांच के नाम पर आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जेल में रखो। उनका गवाहों से आमना सामना कराने के नाम पर उन्हें महीनों तक जेल में रखो। भाजपा का एक ही मकसद है कि मनीष सिसोदिया जेल से बाहर न निकल पाएं। उसी मकसद के चलते आज मनीष सिसोदिया को प्री ट्रायल बेल न मिले और प्री ट्रायल जेल मिल जाए, इस पॉलिसी पर केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार चल रही है। एजेंसियों का दुरुपयोग और कानून से छेड़छाड़ कर जांच की आड़ में महीनों तक मनीष सिसोदिया को जेल में रखने का यह एक क्लासिक उदाहरण है। इतनी प्रचंड बहुमत होने के बाद भी भाजपा एक छोटी सी पार्टी को खत्म करने के लिए पूरी तरह से तिलमिलाई हुई है और सारी एजेंसी ‘‘आप’’ के नेताओं के ऊपर छोड़ दी हैं।
राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि मनीष सिसोदिया एक व्यक्ति का नाम नहीं है, एक संस्था का नाम है। उन्होंने दिल्ली के 18 लाख बच्चों का भविष्य बदलने का काम किया है। कोई भ्रष्टाचारी सुबह 6 बजे उठकर स्कूल की इमारतों की मरम्मत कराने, क्लासरूम को सुंदर कराने, किताब- पेंसिल का इंतजाम करने के लिए स्कूलों में नहीं जाता है। मैं भाजपा से कहना चाहता हूं कि आपके बच्चे भी मनीष सिसोदिया के बनाए गए स्कूलों में पढ़ते हैं। आज ये बच्चे भी आकर पूछते हैं कि आपकी पार्टी ने क्यों हमारे मनीष अंकल को गिरफ्तार किया और हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। आज ये सवाल भाजपा के कार्यकर्ताओं से उनके अपने बच्चे भी पूछते हैं। जिन बच्चों का भविष्य बदलने का काम मनीष सिसोदिया ने किया। भाजपा आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से डरती है। मनीष सिसोदिया अरविंद केजरीवाल का दाहिना हाथ हैं। मनीष सिसोदिया जेल से बाहर न आ पाएं, इसीलिए जांच की आड़ में न सवाल है, न सबूत है, न गवाह है, फिर भी जबरदस्ती उनको जेल में रखने की साजिश भाजपा ने रची है। अंत में सच्चाई की जीत होगी। मैं भाजपा से कहना चाहता हूं कि बदले की राजनीति छोड़कर बदलाव की राजनीति करें। देश ने भाजपा के बदले का चेहरा देख लिया है।