- ईडब्ल्यूएस श्रेणी में गरीबों को 6.90 लाख में फ्लैट देने का वादा कर डीडीए ने गुपचुप बढ़ा दिए तीन गुना से ज्यादा रेट – संजय सिंह
- वर्ष 2014 में मिलना था फ्लैट, अब तक भटक रहे 772 लोग – संजय सिंह
- केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी की सहमति से हुआ पूरा घोटाला – संजय सिंह
- डीएलएफ के साथ सांठगांठ कर बढ़े रेट, पूरे मामले की सीबीआइ जांच के लिए लिखा पत्र – संजय सिंह
नई दिल्ली, 12 जनवरी 2020
गरीबों को फ्लैट देने के नाम पर डीडीए में बड़ा घोटाला सामने आया है। डीडीए ने वर्ष 2014 में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में फ्लैट की स्कीम निकाली। जिसमें 6.90 लाख में फ्लैट देने का वादा था। इस योजना के तहत 772 लोगों को फ्लैट देना था। लेकिन, भाजपा की केंद्र सरकार की सहमति से डीडीए ने गुपचुप तरीके से फ्लैट के रेट 19 से 24 लाख रुपये तक बढ़ा दिए। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से लेकर प्रधानमंत्री तक को थी। इससे साबित होता है घोटाला और भ्रष्टाचार को केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और भाजपा की केंद्र सरकार की सहमति थी। यह कहना है आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह का। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए भी पत्र लिखा है।
केंद्र सरकार ने मारा ईडब्ल्यूएस कोटे में आने वाले गरीब लोगों का हक – संजय सिंह
पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि एक तरफ तो पूरी भारतीय जनता पार्टी और उनके शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी जी गली गली घूम कर गरीबों को घर देने का ढोल पीटते हैं, कच्ची कॉलोनियों को नियमित कराने का ढिंढोरा पीटते हैं, गरीबों को मकान की पक्की रजिस्ट्री देने का ढोंग करते हैं और वहीं दूसरी ओर हरदीप पुरी जी के अधीन आने वाली डीडीए ईडब्ल्यूएस कोटे में आने वाले गरीब लोगों को मिलने वाले आवासों में बड़ा घोटाला करती है, ईडब्ल्यूएस कोटे में आने वाले गरीब लोगों का हक मारती है।
फ्लैट तैयार होने के बावजूद डीडीए ने जानबूझकर आवंटन को अधर में लटकाया – संजय सिंह
डीडीए द्वारा जारी किए गए एक पर्चे का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि सितंबर 2014 में डीडीए के द्वारा एक स्कीम शुरू की गई। इस योजना में कहा गया कि जिनकी वार्षिक आमदनी ₹1,00,000 से कम होगी वह सभी लोग ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के तहत आएंगे और ऐसे लोगों को डीएलएफ और डीडीए की साझेदारी से तैयार किए गए फ्लैट ₹6,90,000 से लेकर ₹11,00,000 तक में आसान किस्तों पर दिए जाएंगे। इस पर्चे में साफ तौर पर यह भी लिखा है कि फ्लैट बन कर तैयार हो चुके हैं। यदि फ्लैट बंद कर तैयार हो चुके हैं और आवास के आवंटन में कुछ समय लगता भी है तो किसी भी तरह से फ्लैटों की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि फ्लैट तैयार होने के बावजूद भी डीडीए ने जानबूझकर, जिन लोगों ने आवेदन किया था, उन्हें अधर में लटका कर रखा, उनसे भिन्न भिन्न प्रकार के कागजात मांगे जाते रहे, बावजूद उसके आवेदन करने वाले लोगों ने 2015 तक अपने सभी कागजात जमा करा दिए, परंतु फिर भी उनको द फ्लैट नहीं दिए गए।
डीडीए और डीएलएफ के बीच सांठगांठ के बाद बढ़ा फ्लैट का रेट – संजय सिंह
उन्होंने कहा कि पहले तो जानबूझकर लोगों को एक लंबे समय तक लटकाया गया और बाद में डीडीए और डीएलएफ के बीच सांठगांठ से एक समझौता हुआ और जो फ्लैट 6,90,000 से लेकर 11,00,000 रुपए के बीच ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के तहत आने वाले लोगों को दिए जाने थे, उनसे ₹19,00,000 से लेकर ₹24,00,000 तक की मांग की गई। यानी जो फ्लैट ₹6,90,000 में दिया जाना था, हरदीप पुरी जी के अधीन आने वाला भ्रष्ट डीडीए उसके लिए तीन गुना अधिक राशि अर्थात 19,00,000 रुपए मांगता है। उन्होंने बताया कि इस घोटाले के खिलाफ आवेदन करने वाले लोगों ने जब विरोध प्रदर्शन किया, उपराज्यपाल के आवास पर धरना दिया, प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी लिखी, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी जी को चिट्ठी लिखी और डीडीए पर दबाव बनाने की कोशिश की तो दबाव में आकर डीडीए ने 19 लाख को घटाकर 15,00,000 कर दिया, अर्थात अब जो फ्लैट ₹6,90,000 में मिलना था उसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को ₹15,00,000 देने होंगे।
भाजपा शासित डीडीए पर आरोप लगाते हुए संजय सिंह ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने डीडीए को दलाली का अड्डा बना लिया है। अपने मनमर्जी मुताबिक गरीबों से आवास की कीमत वसूल रहे हैं। कभी ₹6,90,000 कभी 19,00,000 रुपए तो कभी 15,00,000 रुपए की मांग की जा रही है।
संजय सिंह ने भाजपा सरकार एवं डीडीए से कुछ प्रश्न पूछे जो निम्न प्रकार से हैं….
1) जब सभी फ्लैट्स बनकर तैयार हो गए थे, तो किस आधार पर ₹690000 की तय हुई कीमत को बढ़ाकर ₹1900000 किया गया?
2) आवेदन करने वाले लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया, प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी जी को भी चिट्ठी लिखी, बावजूद उसके क्यों नहीं अभी तक उन्हें तय की गई कीमत के अनुसार फ्लैट दिए थे?
- भाजपा कि डीडीए ने 772 ईडब्ल्यूएस कोटे के आवेदन कर्ताओं के साथ एक गंभीर घोटाला किया है। डीडीए द्वारा जारी किए गए विज्ञापन के पर्चे में लिखे बिंदुओं को बताते हुए, उन्होंने कहा कि एक तरफ तो डीडीए कहती है, कि आवेदन कर्ता की आय सालाना ₹100000 से कम होनी चाहिए और वहीं दूसरी ओर डीडीए ₹10666 की मासिक किस्त का प्रावधान भी रखती है। 10666 की मासिक किस्त के हिसाब से सालाना 1,20,000 से भी ऊपर होता है। तो जिस व्यक्ति की आय सालाना ₹1,00,000 है वह ₹1,20,000 कहां से भरेगा?
- भाजपा ने डीएलएफ के साथ मिलकर क्या डील की, किस किस नेता ने, किस-किस अधिकारी ने इस डील में दलाली खाई है, इन सभी बातों का खुलासा होना चाहिए? संजय सिंह ने कहा कि एक बड़ा घोटाला ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के आवास आवंटन योजना में हुआ है। इसकी जांच के लिए मैंने सीबीआई और सीवीसी को चिट्ठी भी लिख कर इस पूरे मामले की बिंदुवार सिलसिले से जांच करने की मांग की है। यदि इस घोटाले की सही प्रकार से जांच कर दोषियों को सजा नहीं दी गई तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, हर संभव कोशिश करेंगे और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लोगों के साथ हुए धोखे का पर्दाफाश करेंगे।
उन्होंने कहा कि बड़ा हास्यास्पद लगता है जब भाजपा ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के तहत आने वाले मात्र 772 लोगों को, जिनके फ्लैटों का आवंटन 2014 में हो जाना चाहिए था, आज तक उनको घर नहीं दे पाई और घोटाला करके तय की गई कीमत से 3 गुना अधिक कीमत उन गरीब लोगों से मांग रही है, वह कहती है कि हम अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करेंगे और अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों को मकानों की पक्की रजिस्ट्री देंगे।
Press Release
Big scam in DDA in the name of giving flats to the poor; BJP led Central government is a party to it – Sanjay Singh
- DDA promised to give flats to the poor in the EWS category for Rs.6.90 L, but secretly increased the rate by more than three times – Sanjay Singh
- Flats were to be handed over in 2014, but 772 people are still wandering – Sanjay Singh
- The entire scam happened with knowledge of Union Urban Development Minister Hardeep Puri – Sanjay Singh
- Increased rate in connivance with DLF; letter written for CBI investigation of the sacm – Sanjay Singh
New Delhi: 12 January 2020
Senior AAP leader and Rajya Sabha MP Shri Sanjay Singh exposed a huge scam committed by DDA with the knowledge of the Union Urban Development Minister Hardeep Puri and the central government. “In 2014, DDA rolled out a flat scheme for the EWS category and promised that flats will be given at the cost of Rs 6.90 lakhs. 772 people were to be given flats under this scheme. But, with the consent of the BJP led central government, DDA secretly increased the flat rate to Rs 19 – 24 Lakhs. This plan was known to the Union Urban Development Minister Hardeep Puri and even the Prime Minister”, said Shri Sanjay Singh. He has also written a letter demanding a CBI inquiry into the matter.
Central government has taken away the rights of the poor in the EWS category – Sanjay Singh
In a press conference held at the party headquarters, senior AAP leader and Rajya Sabha MP Sanjay Singh said that while the BJP and the union urban development minister Hardeep Puri announcing the promises of giving houses to the poor, making the unauthorized colonies regularized, giving ownership registry of houses to people, on the other hand DDA which comes under the union government and Shri Hardeep Puri commits a big scam on the houses allotted for the EWS category and takes the rights of the poor people away.
Despite the flats being ready, DDA intentionally delayed the allocation – Sanjay Singh
Citing a letter issued by the DDA, Sanjay Singh said that in September 2014, a scheme was launched by the DDA. The scheme stated that all those whose annual income would be less than ₹1,00,000 would fall under the EWS category and such people would get flats built in partnership with DLF and DDA from ₹ 6,90,000 – 11,00,000 on easy installments.
It was clearly written in that leaflet that the flats were ready. Even if the allocation of flats took some time, then there would not have been any increase in the price of the flats.
He said that despite the flats being ready, the DDA intentionally delayed the allocation, kept asking for different types of documents from the applicants. Still those who submitted the required documents in 2015 have not been given the flats.
Flat rate increased after connivance between DDA and DLF – Sanjay Singh
Sanjay Singh said that after the the allocation process was deliberately delayed, an agreement was reached between DDA and DLF to demand ₹ 19,00,000 to ₹ 24,00,000 for flats earlier promised for Rs 6,90,000 to Rs 11,00,000. The corrupt DDA under Hardeep Puri asks for three times more amount. He told that when people protested against this scam, staged a sit-in at the Lt. Governor’s residence, and wrote a letter to the Prime Minister and Union Minister Hardeep Puri, then DDA under pressure reduced the amount from Rs. 19 lakhs to Rs.15 Lakhs.
“The BJP led central government has made DDA a center of brokerage. According to their choice they are charging prices of houses from the poor like ₹6,90,000, ₹19,00,000, ₹ 15,00,000 etc” said Shri Snjay Singh.
Sanjy Singh asked the following questions to the BJP led union government and DDA
- When the flats were built and ready to be handed over the price was Rs. 690000, on what basis it was increased to 1900000?
- Even after people staged a sit-in, wrote a letters to the Prime Minister, and the Union Minister Hardeep Puri, Why they were not given flats as per the price fixed?
- DDA controlled by BJP has committed a serious scam with 772 EWS quota applicants. Describing the points written in the advertisement issued by the DDA, he said that on one hand the DDA says that the income of the applicant should be less than ₹ 100000 annually and on the other hand the provision of monthly installment of DDA ₹ 10666. The annual installment of 10666 is above 1,20,000 annually. So how will someone whose income is less than ₹ 1,00,000 annually will pay more than ₹ 1,20,000 in monthly installments in a year?
- What is the deal has taken place with BJP and DLF? Who are the leaders and officials involved in this deal as brokers? BJP and DDA must answer.
“To investigate this big sacm, I have also written a letter to the CBI and the CVC, demanding a point-by-point investigation of the entire case. If the culprits are not properly identified and punished, then we will go to the court, and do everything possible to expose the fraud committed on the people belonging to EWS category”, Sanjay Singh added.
He said that it seems ridiculous, when only 772 people applied for the scheme, but still the BJP controlled DDA couldn’t allocate houses. “It should have been allotted in 2014. More than three times of the price fixed then was asked later”, said Sanjay Singh. “We will regularize unauthorized colonies and give a permanent registry of houses to people living in unauthorized colonies”, he added.
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