भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली करेगी। ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने यह जानकारी देते हुए दिल्ली के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए दिल्ली के लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस महारैली में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली की जनता को दिए अधिकार छिन लिए हैं। आम आदमी पार्टी पीएम मोदी की तानाशाही के खिलाफ पूरे देश में लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस काले अध्यादेश के आने के बाद से भाजपा खुशी से छाती पीट रही है और कह रही है कि दिल्ली देश की राजधानी है। यहां दूतावास हैं। दिल्ली में कुछ होता है तो पूरी दुनिया पर असर पड़ता है। ऐसा लग रहा है, जैसे पहले दिल्ली देश की राजधानी नहीं थी और न तो दूतावास थे।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मतदाताओं की शक्ति को संरक्षित करते हुए चुनी हुई सरकार को दिल्ली की व्यवस्था संचालित करने का अधिकार देने का फैसला दिया। यह फैसला आने के बाद भाजपा की केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऑर्डिनेंस के माध्यम से दिल्ली के लोगों के अधिकार को हाईजैक कर लिया गया है। इससे पूरे दिल्ली के लोग स्तब्ध है। जब से यह ऑर्डिनेंस आया है भाजपा के नेता इस काले ऑर्डिनेंस के पक्ष में रुदाली कर रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से दिल्ली के अंदर दिल्लीवासियों द्वारा चुनी हुई सरकार को दिल्ली की व्यवस्था को संचालित करने का मौका दिया है, तब से वह ऐसे मातम मना रहे हैं जैसे दिल्ली के अंदर न जाने क्या तूफान आने वाला था? वे कहते हैं कि यह ऑर्डिनेंस हमने इसलिए लागू किया, क्योंकि दिल्ली देश की राजधानी है। ऐसा लगता है, जैसे कि इन्हें पहली बार मालूम हुआ कि दिल्ली देश की राजधानी है। जब संविधान के अंदर यह प्रावधान लागू किया गया कि दिल्ली के लोगो के द्वारा दिल्ली की चुनी हुई सरकार बनेगी तब भी लोगो को यह पता था कि दिल्ली देश की राजधानी है। वह कहते हैं कि देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली में दुनिया भर से लोग आते-जाते हैं। यहां कई दूतावास हैं। ऐसा लग रहा है, जैसे कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनने के बाद दिल्ली में दूतावास बनने शुरू हुए हैं। भाजपा कहती है कि दिल्ली में जो भी होता है उसका असर पूरी दुनिया के ऊपर होता है। इसलिए हम यह ऑर्डिनेंस लाए हैं। इन्होंने चुनी हुई सरकार और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा दिए गए फैसले की रातो-रात धज्जिया उड़ा दी, उसे पूरी दुनिया सराह रही होगी? दुनिया वाले खुश होकर बोल रहे होंगे कि वाह मोदी जी वाह! भारत के अंदर क्या लोकतंत्र स्थापित किया है आपने? क्या मॉडल दिया है आपने। भाजपा के लोगों को बहाने भी नहीं मिल पा रहे है कि ये इस ऑर्डिनेंस को क्यों लेकर आए हैं?
कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा की देश के अंदर भारत के संविधान के तहत ही भारत की लोकतांत्रिक शासन प्रणाली संचालित होती है। भारत की केंद्र सरकार हो या चाहे राज्य की सरकार सभी को भारत के संविधान के तहत ही शक्तियां प्राप्त होती है। दिल्ली के अंदर चुनी हुई सरकार को क्या-क्या शक्तियां होंगी और उपराज्यपाल के पास कौन सी शक्तियां होंगी, इसको लेकर भी संविधान बिलकुल स्पष्ट है। केंद्र सरकार में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद नोटिफिकेशन जारी करके कंफ्यूजन पैदा किया गया। फिर भी हम सुप्रीम कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट ने फिर स्पष्ट किया कि लैंड, पुलिस और पब्लिक आर्डर के अलावा सभी विषयों पर जिस पर विधानसभा कानून बना सकती है उसपर निर्णय लेने का अधिकार चुनी हुई सरकार के पास है। मगर इसके बाद फिर संशोधन करके एक बार फिर सर्विसेज को लेकर कंफ्यूजन पैदा किया गया। उसके बाद फिर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने इस मामले को स्पष्ट किया। और आज फिर भी पूरी बेशर्मी के साथ सत्ता के अहंकार में ऑर्डिनेंस लाकर भाजपा ना सिर्फ चुनी हुई सरकार बल्कि दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के वोट के मूल्य का भी अपमान कर रही है, उसे भी जीरो कर रही है। इनका कहना है कि उत्तर प्रदेश के लोग वोट देते हैं तो उनकी चुनी हुई सरकार का अधिकार अलग है, जबकि भारत के संविधान के तहत हर मतदाता को बराबर का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को यह ऑर्डिनेंस अपमानित कर रहा है। जब भाजपा के लोग वोट मांगने जाते है तब वह जनता को यह नहीं बताते है कि वह चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने देंगे। जब सरकार चुनकर आएगी तब ऑर्डिनेंस लाकर हम उसे हाईजैक कर लेंगे। भाजपा के लोग जिस तरह से बच्चों की तरह बहाने बना रहे है कि यह देश की राजधानी है तो इसलिए ऑर्डिनेंस लाया गया है। इसपर मैं कहता हूं कि दिल्ली देश की राजधानी पहले भी थी, यहां पहले भी दूतावास थे। इसलिए दिल्ली को केंद्रशासित राज्य बनाया गया था। दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाए जाने की लड़ाई मदनलाल खुराना से लेकर आजतक दिल्लीवासी लड़ते आ रहे है। अब भाजपा के लोग कह रहे हैं कि हम दिल्ली को आधा राज्य तो क्या एक चौथाई राज्य भी नहीं रहने देंगे। अब दिल्ली के सारे निर्णय दिल्ली के उपराज्यपाल लेंगे। यह भाजपा जो काला ऑर्डिनेंस लेकर आई है, यह साबित करता है कि मोदी जी तानाशाही पर उतारू है। जिस तरह से आज दिल्ली में ऑर्डिनेंस लाकर चुनी हुई सरकार को दबाने की कोशिश की गई है, यह भाजपा का एक प्रयोग है, जोकि देश के लिए एक उदाहरण है। आगामी दिनों में भाजपा ऐसे ही ऑर्डिनेंस लाकर अपनी तानाशाही थोपने का काम करती रहेगी।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि वह दिल्लीवासियों के साथ मिलकर इस ऑर्डिनेंस के विरोध में अभियान चलाएगी। 11 जून को रामलीला मैदान में महारैली आयोजित की जाएगी जिसमें दिल्लीवासी इस ऑर्डिनेंस के खिलाफ अपने आक्रोश को व्यक्त करेंगे। पूरी दिल्ली से हमारी अपील है कि आप चाहे किसी भी पार्टी को स्पोर्ट करते हो लेकिन इस ऑर्डिनेंस के खिलाफ आप अपनी आवाज बुलंद करने के लिए हमारे साथ जुड़िए। हमारे देश के संविधान ने हर नागरिक को वोट देने का अधिकार दिया है और अगर कोई भी व्यक्ति या संस्था जनता के इस वोट के अधिकार को कुचलने की कोशिश करती है तो जनता को उसके खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करना होगा। क्योंकि अगर देश की राजधानी में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है तो हम सबको मिलकर खड़ा होना होगा, नहीं तो देश में भी लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी और देश को अंधेरी गली में धकेल दिया जाएगा। इसलिए दिल्ली के सभी लोग जो देश के संविधान में विश्वास रखते हैं उनसे हमारी अपील है कि वे 11 जून को रामलीला मैदान में अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए हमारे साथ जुड़ेंद्य अब वक्त आ गया है कि पूरी ताकत के साथ तानाशाही का विरोध करें। अब इन्हें संविधान पर भरोसा नहीं है और न ही जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के ऊपर भरोसा है। ऐसे में सिर्फ एक ही रास्ता बचता है कि इस देश से नरेंद्र मोदी को हटाए बगैर देश और दिल्ली में लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारे बहुत सारे अधिकार अंग्रेज़ों ने छीन लिए थे, हमे जो संविधान के तहत अधिकार मिले है वह लड़ कर मिले हैं किसी ने हमें भीख में नहीं दिए हैं। अगर केंद्र सरकार सारे दरवाजे बंद कर देगी तो उनके लिए मैं एक ही लाइन कहना चाहूंगा ष्बंद है तो और भी खोजेंगे हम रास्ते कम नहीं तादाद मेंष् हमारी लड़ाई इनकी तानाशाही के खिलाफ जारी रहेगी और हम दिल्लीवासियों के साथ मिलकर इस लड़ाई को आगे जारी रखेंगे।