“आप” विधायक संजीव झा ने कहा कि भाजपा का गरीब विरोधी चेहरा फिर सामने आया है। जहां दिल्ली सरकार सड़क पर रहने वालों के लिए कैंप बना रही है और डूसिब शेल्टर हाउस बना रहा है वहीं भाजपा ने इतनी ठंड में जंगपुरा की झुग्गियों पर बुलडोजर चलाने की कोशिश की। एक तरफ प्रदूषण के कारण निर्माण पर बैन है, दूसरी तरफ घरों पर बुलडोजर चलाने का नोटिस दे दिया जाता है। दिल्ली में “आप” सरकार है लेकिन सात सांसद भाजपा के भी हैं, झुग्गी वालों ने आपको वोट दिया है फिर उनसे किस बात का बदला ले रहे हो? उधर विधायक प्रवीण कुमार ने कहा कि हाई कोर्ट ने अतिक्रमण रोकने की बात पहले भी स्पष्ट की थी और कल भी साफ किया कि सरकारी पॉलिसी को नजरअंदाज ना करके उसे तुरंत लागू किया जाए। कोर्ट के फैसले का उलंघन कर कल एलएनडीओ ने घरों को चिन्हित करके तोड़ना शुरू कर दिया। जब मैंने कागज़ दिखाकर पूछा कि क्या आपके पास वकील का फोन नहीं आया तो उन्होंने माना कि फोन आ चुका है। बावजूद इसके एलएनडीओ के अधिकारी बुलडोजर चलाते रहे। डूसिब और दिल्ली सरकार के वकील व स्टैंडिग काउंसिल लगातार यह केस कोर्ट में लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी गरीबों की लड़ाई में उनके साथ है।
आम आदमी पार्टी से बुराड़ी के विधायक संजीव झा और जंगपुरा के विधायक प्रवीन कुमार ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में दिल्ली से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले पर प्रेसवार्ता को संबोधित किया। विधायक संजीव झा ने कहा कि गरीब विरोधी भाजपा लगातार झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों का घर उजाड़ने की कोशिश करती रही है। दिसंबर 2022 में ओखला में झुग्गी-झोपड़ी वासियों के आशियाने तोड़े गए और इसका विरोध करने पर “आप” विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं, गोविंदपुरी में डीडीए ने झुग्गियां तोड़ने की कोशिश की थी। कालकाजी की विधायक आतिशी, जो वर्तमान में मंत्री भी हैं, विरोध करते हुए कोर्ट से स्टे लेकर आईं थी। पांच महीने पहले कस्तूरबा नगर में डीडीए ने झुग्गियों को तोड़ा। वसंत विहार के इलाके में भी झुग्गियां तोड़ी गईं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को झुग्गी-झोपड़ी वासियों और गरीबों से इतनी नफरत क्यों है? अब ठंड होने लगी है, एक तरफ, दिल्ली सरकार सड़क पर रहने वालों के लिए कैंप बना रही है। डूसिब शेल्टर हाउस बना रहा है। दूसरी तरफ, भाजपा ने जंगपुरा के एक इलाके में बुलडोजर चलाने की कोशिश की। हमें जानकारी मिली है कि जहां पर झुग्गियां बसी हुई हैं, उसको डूसिब ने अधिसूचना दी थी। केंद्र सरकार ने इस मामले में डूसिब को जानबूझकर पार्टी न बनाते हुए अन्य दो व्यक्तियों को पार्टी बना दिया। फिर कोर्ट से झुग्गियों को तोड़ने का ऑर्डर आया। यह जानकारी जैसे ही जंगपुरा के विधायक प्रवीन कुमार को मिली, वह डूसिब को लेकर कोर्ट गए। डूसिब ने कहा कि चूंकि इस क्लस्टर को लेकर पहले ही नोटिस दिया जा चुका है इसलिए इसको नहीं तोड़ा जा सकता है।
दूसरा, प्रदूषण को लेकर ग्रेप के अलग-अलग फेज में बैन लगे हुए हैं। एक तरफ हम कह रहे हैं कि निर्माण पर बैन है, दूसरी तरफ घरों पर बुलडोजर चलाने का नोटिस दे दिया जाता है। मुझे लगता है कि इतनी जल्दी इसलिए है क्योंकि भाजपा नहीं चाहती कि दिल्ली में गरीब रह सकें। यह बेहद शर्मनाक है। दिल्ली में “आप” सरकार है लेकिन सात सांसद भाजपा के भी हैं। मैं उन सभी सांसदों से कहना चाहता हूं कि झुग्गी वालों ने आपको वोट दिया है फिर उनसे किस बात का बदला ले रहे हो? ठंड के मौसम में आप उनसे घर छीन रहे हो, यह मानवता के खिलाफ है। गरीबों की तरफ ऐसा रवैया ना रखें, इस अतिक्रमण को तुरंत रोका जाए।
“आप” विधायक प्रवीन कुमार ने मामले को विस्तार में बताते हुए कहा कि यह मामला सुंदर नर्सरी डीपीएस स्कूल के पीछे जेजे क्लस्टर का है। डूसिब के अंतर्गत कानूनी तौर पर 675 क्लस्टर आते हैं जिसमें जेजे क्लस्टर भी शामिल है। यह बात केंद्र सरकार भी जानती है। डूसिब वहां पर कई वर्षों से सर्विसेज दे रही है। इन 675 क्लस्टरों में 223 नंबर का क्लस्टर डीपीएस सुंदर नर्सरी मथुरा रोड का है। उसमें डूसिब के पास करीब 216 झुग्गियां पंजीकृत हैं। यह मामला 2019 का है जब दो पार्टियां कोर्ट में गईं। चूंकि वह जमीन एलएनडीओ की है इसलिए कोर्ट ने एलएनडीओ को अतिक्रमण रोकने को कहा था। हाई कोर्ट ने पहले भी स्पष्ट किया था और कल के निर्णय में भी साफ किया है कि सरकारी पॉलिसी को नजरअंदाज न किया जाए। सरकारी पॉलिसी को जमीनी स्तर पर लागू किया जाए और उसी के अनुसार काम हो।
उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बावजूद कल एलएनडीओ ने घरों को चिन्हित करके तोड़ना शुरू कर दिया। कोर्ट ने मौखिक रूप से भी कह दिया था कि सुबह 10:30 बजे तक वहां पर तोड़-फोड़ नहीं की जाएगी फिर भी अतिक्रमण किया गया। यह कोर्ट के फैसले का उलंघन है। जब मैंने ग्राउंड पर कागज़ दिखाकर प्रश्न किया कि क्या आपके पास वकील का फोन नहीं आया तो उन्होंने माना कि उनके पास फोन आ चुका है। बावजूद इसके एलएनडीओ के अधिकारी बुलडोजर चलाते रहे। यह सारा मामला दिखाता है कि किस तरह केंद्र सरकार पूरे देश से गरीबों को बेघर करना चाहती है।
प्रवीण कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी की मांग है कि कोर्ट का ऑर्डर लागू हो। एलएनडीओ की जमीन है और विस्थापना डीडीए को करना है लेकिन डीडीए ने अबतक विस्थापना की कोई पॉलिसी नहीं बनाई है और ना ही डूसिब के नोटिस को लेकर कोई मीटिंग की है। एलएनडीओ डूसिब को बुलाए और डूसिब के अंतर्गत आने वाले क्लस्टरों को सुरक्षित रखा जाए। आम आदमी पार्टी के वकील, डूसिब के वकील और दिल्ली सरकार के स्टैंडिग काउंसिल लगातार इस केस को कोर्ट में लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी गरीबों के आशियानों को बचाने के लिए और उनके हक की लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।