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दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल मामले में एलजी वीके सक्सेना को कूदने पर आम आदमी पार्टी ने कोई हैरानी नहीं जताई है। ‘‘आप’’ का कहना है कि एलजी के बयान से आज यह साबित हो गया है कि स्वाति मालीवाल भाजपा के लिए काम कर रही हैं। चुनाव में भाजपा रोज नई साजिश लेकर आ रही है। भाजपा कभी शराब घोटाला ला रही है, कभी स्वाति मालीवाल को मोहरा बना रही है, तो कभी विदेश फंडिंग के झूठे आरोप आरोप लगा रही है।w दिल्ली में 25 और पंजाब में एक जून को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हैं, तब तक भाजपा ऐसे ही रोज नए हथकंडे अपनाएगी। सच्चाई यह है कि दिल्ली समेत पूरे देश में भाजपा बुरी तरह से हार रही है। इसलिए मोदी जी की डूबती नैया को अब स्वाति मालीवाल का सहारा है। भाजपा और प्रधानमंत्री स्वाति मालीवाल के ज़रिए दिल्ली के अंदर अपना चुनाव उठाना चाह रहे हैं, लेकिन जनता सब देख रही है और इसका जवाब अपने वोट से देगी।

उधर, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर एलजी वीके सक्सेना को संबोधित एक पोस्ट किया है। पोस्ट में उन्होंने कहा कि सक्सेना साहब, शायद आप भूल गए, देश के लिए मेडल जीतने वाली पहलवान बेटियां, इसी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठी थीं। धूप और बरसात में भी बैठी थी। एफआईआर करवानी थी कि भाजपा के सांसद बृजभूषण ने बार-बार उनका शारीरिक शोषण किया था। तब आपके अधीन दिल्ली पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की थी। बताइए क्यों नहीं दर्ज की? एफआईआर भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई थी। मगर धारा 354 के मुक़दमे के बावजूद भाजपा सांसद एक दिन के लिए भी गिरफ़्तार नहीं हुआ। दिल्ली पुलिस आपके अधीन है। बताइए क्यों गिरफ़्तार नहीं किया? आप पूरे प्रकरण पर क्यों चुप रहे? आप उनसे मिलने क्यों नहीं गए? तब आपको दिल्ली और भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि की चिंता नहीं हुई? आपके अधीन पुलिस ने आधी रात को इन बेटियों को बेरहमी से पीटा। बताइए आपने क्या कार्यवाही की? उसी रात को स्वाति मालीवाल को भी पुलिस ने सड़क पर घसीटा था। बताइए आपने क्या कार्यवाही की? थोड़ा गिरेबान में झांकिए।

आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर एंटी करप्शन ब्यूरो का एक भर्ती घोटाले का केस चल रहा है कि डीसीडब्ल्यू में गलत तरीके से संविदा कर्मचारियों को भर्ती किया गया। यह केस पिछले कई सालों से चल रहा है। उन पर एफआईआर भी हुई है। अब ये मामला खत्म होने के करीब है। इसलिए ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी का अलग-अलग नेताओं पर केस करने का यह जो फार्मूला है, उसी फार्मूले को स्वाति मालीवाल पर इस्तेमाल किया गया होगा। उन पर डीसीडब्ल्यू में जो केस चल रहा है, शायद उस पर धमकी देकर स्वाति मालीवाल से यह करवाया गया है। स्वाति मालीवाल के कॉल रिकॉर्ड की जांच होनी चाहिए। पिछले कुछ महीनों से वो लगातार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से संपर्क में हैं। दिल्ली पुलिस इस बात की जांच करे कि यह कैसा राजनैतिक षड़यंत्र है, जो दिल्ली में मतदान से बिल्कुल 5 दिन पहले अरविंद केजरीवाल पर हमला करने के लिए रचा जाता है।

‘‘आप’’ का कहना है कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करती है। विपक्ष के दूसरे नेताओं की तरह भाजपा ने स्वाति मालीवाल मामले पर एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा पहले केस कराया, फिर एफआईआर की गई और अभी उसकी जांच हो रही है। अब इसी केस के माध्यम से स्वाति मालीवाल से यह षड़यंत्र रचाया गया है। स्वाति मालीवाल को चुनाव से ठीक पहले इस षड़यंत्र का मोहरा बनाया गया है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए कि कौन किसके संपर्क में है। भाजपा के किस नेता से स्वाति मालीवाल मिलीं, कब मिलीं, फोन और वाट्सएप पर क्या बात हुई।

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