आम आदमी पार्टी की तरफ से अडानी के घोटाले का खुलासा लगातार जारी है। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने अडानी के 10 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा किया। संजय सिंह ने कहा कि देश में महंगी बिजली का कारण संसाधनों की कमी नहीं है बल्कि अडानी का खुल्लम-खुल्ला घोटाला है। अडानी ने यह घोटाला अपनी छह कंपनियों के जरिए राजस्थान और महाराष्ट्र में किया है। इसकी जांच भी चल रही थी, लेकिन केंद्र में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीआरआई की जांच बंद करा दी। अडानी ने 95 करोड़ के डिस्क इंसुलेटर को 575 करोड़ में, 21 करोड़ के ऑप्टीकल फाइबर को 236 करोड़ में और 2700 के टर्बाइन जेनेरेटर को 5000 करोड़ में खरीदा। उन्होंने कहा कि कस्टम डिपार्टमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यह सारा भ्रष्टाचार का खेल है। इसकी सुनवाई जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच पर होनी है। अड़ानी लागातार भ्रष्टाचार कर रहा है और देश के प्रधानमंत्री आंखे मूंदे बैठे हैं। अगर प्रधानमंत्री में जरा भी नैतिकता बची है तो अडानी के घोटाले पर जवाब दें और अडानी के खिलाफ कार्रवाई करें। संजय सिंह ने कहा कि अडानी का यह भ्रष्टाचार इतना बड़ा है कि दिल्ली के लोगों को 3 साल तक मुफ्त बिजली दी जा सकती है और भारत का 3 साल का खेल बजट चलाया जा सकता है। हमें उम्मीद है कि सीबीआई, ईडी, डीआरआई, सेबी अडानी पर छापेमारी करेगी और भ्रष्टाचार की जांच करेगी, लेकिन जब मोदी जी का संरक्षण है तो जांच कौन करेगा?
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त अडानी का एक बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है कि इतने बड़े घोटाले की रकम से पूरी दिल्ली की जनता को 3 साल तक मुफ्त बिजली दी जा सकती है। इससे साढ़े 3 साल तक पूरे भारत सरकार के खेल का बजट चलाया जा सकता है। यह भ्रष्टाचार महाराष्ट्र और राजस्थान बिजली के क्षेत्र में हुआ है। इस देश के लोगों को मिलने वाली महंगी बिजली के पीछे का कारण संसाधनों की कमी नहीं है बल्कि इसकी वजह अडानी का दिनदहाड़े खुला भ्रष्टाचार है। यही कारण है कि देश व महाराष्ट्र-राजस्थान की जनता को महंगी बिजली मिल रही है। साल 2014 के पहले अडानी ने अपनी 6 कंपनियों के जरिए राजस्थान और महाराष्ट्र के पावर सेक्टर में एंट्री ली। ये कंपनियां पावर डिस्ट्रीब्यूशन, ऑपरेशन, ट्रांसमिशन और बिजली के उत्पादन का काम कर रही थी। अडानी की इन कंपनियों ने महाराष्ट्र सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया कि बिजली के उत्पादन और ट्रांसमिशन में आने वाला खर्चा महाराष्ट्र सरकार से लेंगे और उस पर मुनाफा लेंगे। बिजली का उत्पादन और वितरण कर बिजली उपभोक्ताओं तक पहुंचाओ और उसपर मुनाफा लो। पीएम मोदी के दोस्त अड़ानी का पेट इतने मुनाफे से भी नहीं भरा। अडानी ने कहा कि हमें सिर्फ मुनाफा नहीं बल्कि खुली लूट भी करनी है।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि बिजली के उत्पादन के लिए कुछ उपकरण और मशीनें साउथ कोरिया और चीन से खरीदी गईं। हर व्यक्ति को यह मालूम है कि जो सामान चीन से सस्ते में मिल सकता है, अडानी ने उसके लिए ऑर्डर मॉरीशस, दुबई और अपने भाई विनोद अड़ानी की फर्जी कंपनी में दिया। जिस मशीन की कीमत 95 करोड़ रूपए हैं, उसे अपने ही भाई विनोद अड़ानी की कंपनी से 575 करोड़ रुपए में खरीदा गया। ऑप्टिकल फाइबर नामक उपकरण का वास्तविक दाम 21 करोड़ रुपए हैं लेकिन महंगी बिजली बेचकर लूट और फर्जी मुनाफा कमाने के लिए उसे 236 करोड़ रुपए में खरीदा गया। 2700 करोड़ रुपए की वास्तविक कीमत वाले टर्बाइन जनरेटर को 5 हजार करोड़ रुपए में खरीदा गया। जबकि यह सामान 2700 करोड़ का ही है और चीन को ऑर्डर देकर भारत में अड़ानी की कंपनी में उतरता है। घोटाला यह है कि ऑर्डर मॉरीशस को दिया गया। मॉरिशियस ने कहा कि 2700 करोड़ रुपए का सामान 5 हजार करोड़ रुपए में मिलेगा। कई सामानों का बेहद ज्यादा दामों पर बिल बनाया गया। बिजली के उत्पादन के लिए खरीदी गई महंगी मशीनों का भुगतान महाराष्ट्र सरकार से लिया गया। यह भुगतान करीब 10 हजार करोड़ रुपए है।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि 2014 में डीआरआई की ओर से नोटिस जारी किया गया, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि कैसे अडानी ने महंगे दामों पर अपने ही भाई की कंपनी से बिजली उत्पादन के लिए मशीनें खरीदी और वो फर्जी कंपनियां मॉरीशस और दुबई की थी। जबकि सभी को मालूम है कि जो सामान अड़ानी बिजली उत्पादन के लिए खरीद रहा है, वो चीन में सस्ते में मिल सकता है। इसके बावजूद अड़ानी ने आर्डर अपने भाई की कंपनी को दिया। जिसने ज्यादा दामों पर बिल बनाया और उसका पैसा महाराष्ट्र सरकार से लिया है। इसके बाद कहते हैं कि बिजली का उत्पादन महंगा होने की वजह से आपको महंगी बिजली मिलेगी।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि इस 10 हजार करोड़ रुपए में 3 साल तक दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली दी जा सकती है। पूरे हिंदुस्तान का खेल बजट 3300 करोड़ रूपए है। 10 हजार करोड़ रुपए में हिंदुस्तान का 3 साल का खेल का बजट चलाया जा सकता है। इस 10 हजार करोड़ रुपए में स्कूल और सड़कें सहित तमाम काम हो सकते हैं। लेकिन सिर्फ अडानी को मुनाफा पहुंचाने के लिए यह सारा काम किया गया। साल 2014 में डीआरआई ने अडानी की 6 कंपनियों को नोटिस जारी कर जांच शुरू की। जिसमें पीएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड, अड़ानी पावर राजस्थान लिमिटेड, अड़ानी पावर महाराष्ट्र, अड़ानी इंटरप्राइजेज, अड़ानी हजीरा पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, अड़ानी रिनिवलएनर्जी प्राइवेट लिमिटेड शामिल है। डीआरआई ने बताया कि महाराष्ट्र में आने वाले इस सामान की फर्जी बिलिंग दुबई और मॉरीशस से की गई। फर्जी बिलिंग करने वाला अड़ानी का भाई विनोद अड़ानी था। उसकी फर्जी कंपनियों से बिलिंग करके यह घोटाला किया गया। डीआरआई ने जांच में गंभीर आरोप लगाए है कि कैसे अडानी ने फ्रॉड किया।
उन्होंने कहा कि 2014 में अडानी के जहाज में घूमने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार बन जाती है। 2017 में डीआरआई द्वारा जांच बंद कर दी जाती है। इस भ्रष्टाचार पर सीबीआई भी जांच शुरू करती है। लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं करती। इस खुले भ्रष्टाचार पर सीबीआई कोई कार्रवाई नहीं करती। जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुद संरक्षण मिल रहा है तो कार्रवाई कैसे होगी। सीबीआई और डीआरआई की जांच बंद होने के बाद इस मामले में कस्टम डिपार्टमेंट आया। कस्टम डिपार्टमेंट कह रहा है कि डीआरआई ने खुले भ्रष्टाचार की जांच बंद कर अड़ानी को छूट क्यों दी। इसके बाद कस्टम डिपार्टमेंट सुप्रीम कोर्ट चला गया। कस्टम डिपार्टमेंट ने कोर्ट में कहा कि सारे मामले सही है और यह सारा भ्रष्टाचार का खेल है। इसकी सुनवाई जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच पर होनी है। यानी ये सारे मामले अभी भी जीवित हैं।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर देश के प्रधानमंत्री में जरा सी भी नैतिकता बची है, तो इस फर्जीवाड़े और खुले भ्रष्टाचार को लेकर सामने आकर जवाब भी दें। साथ ही इन फर्जी कंपनियों और अडानी के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। कस्टम डिपार्टमेंट ने डीआरआई के बारे में लिखा है कि जब आप अड़ानी को बचाने के लिए इस घोटाले में क्लीन चिट देने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं, तो ऐसा लग रहा है कि आपने अपने दिमाग का इस्तेमाल भी नहीं किया। आप क्लीन चिट देने की अत्यंत जल्दबाजी में थे। इसलिए इनपर केस बनता है। इसे लेकर कस्टम डिपार्टमेंट सुप्रीम कोर्ट में गया है। यह भ्रष्टाचार और घोटाला महाराष्ट्र और राजस्थान की जनता के साथ किया गया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी विपक्ष के सभी लोगों पर कार्रवाई कर रही है। उनकी जांच एजेंसी ने अडानी पर 2014 में जांच शुरू कर गंभीर तथ्य सामने रखे, लेकिन पिछले 8-9 वर्षों में अडानी और उनकी फर्जी कंपनियों के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए जस्टिस कृष्ण मुरारी जी के बेंच पर इस घोटाले के तथ्य निश्चित रूप से रखे जाएंगे और उसपर आगे कार्यवाही होगी। मेरा सवाल है कि अपने एक दोस्त को बचाने के लिए भारत माता की संपत्तियों को क्यों लूटा जा रहा है? भारत की जनता को क्यों लूटा जा रहा है? इस देश के लोगों को महंगी बिजली मिल रही है। अड़ानी लागातार भ्रष्टाचार कर रहा है फिर भी देश के प्रधानमंत्री जी आंखे मूंदे बैठे हैं।