- कैबिनेट ने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पाॅलिसी पास की, अब काटे गए पेड़ों में से 80 प्रतिशत का करना होगा ट्रांसप्लांटेशन- सीएम अरविंद केजरीवाल
- पहले की तरह एक पेड़ काटने के बदले 10 पौधे लगाने ही होंगे, इसके अलावा 80 प्रतिशत पेड़ ट्रांसप्लांट करने होंगे- सीएम अरविंद केजरीवाल
- दिल्ली सरकार पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन करने वाली एजेंसी का एक पैनल बनाएगी और संबंधित विभाग इनमें से किसी एजेंसी से काम करा सकते हैं- सीएम अरविंद केजरीवाल
- ट्रांसप्लांट किए गए पेड़ों में से 80 प्रतिशत से कम जीवित होने पर एजेंसी के भुगतान में कटौती की जाएगी और 80 प्रतिशत से ज्यादा जीवित होने पर पूरा भुगतान किया जाएगा- सीएम अरविंद केजरीवाल
- दिल्ली सरकार डेडीकेटेड ट्री ट्रांसप्लांटेशन सेल और स्थानीय कमेटी बनाएगी, स्थानीय कमेटी ट्रांसप्लांट हुए पेड़ों की जांच और निगरानी करने के साथ सही ट्रांसप्लांटेशन होने पर प्रमाण पत्र देगी- सीएम अरविंद केजरीवाल
- कैबिनेट ने कनाॅट प्लेस में स्माॅग टाॅवर लगाने का निर्णय लिया, यह चीन के बाद दुनिया का दूसरा स्माॅग टाॅवर होगा, जो उपर से हवा लेगा और साफ कर नीचे फेकेगा, ताकि लोगों को साफ हवा मिल सके- सीएम अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली, 09 अक्टूबर, 2020
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज दिल्ली कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कैबिनेट ने प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर दो ऐतिहासिक निर्णय लिए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कैबिनेट ने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पाॅलिसी पास कर दी है। अब एक पेड़ काटने के बदले 10 पौधे तो लगाने ही होंगे, इसके अतिरिक्त उसमें से 80 प्रतिशत पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन करना होगा। दिल्ली सरकार पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन करने वाली एजेंसी का एक पैनल बनाएगी और संबंधित विभाग इनमें से किसी एजेंसी से काम करा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसप्लांट किए गए पेड़ों में से 80 प्रतिशत से कम जीवित होने पर उस एजेंसी के भुगतान में कटौती की जाएगी और 80 प्रतिशत से ज्यादा जीवित होने पर पूरा भुगतान किया जाएगा। दिल्ली सरकार डेडीकेटेड ट्री ट्रांसप्लांटेशन सेल और स्थानीय कमेटी बना रही है। स्थानीय कमेटी ट्रांसप्लांट हुए पेड़ों की जांच और निगरानी करने के साथ सही ट्रांसप्लांटेशन होने पर प्रमाण पत्र देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कैबिनेट ने प्रदूषण के मद्देनजर कनाॅट प्लेस में स्माॅग टाॅवर लगाने का निर्णय लिया। यह स्माॅग टाॅवर चीन के बाद दुनिया का दूसरा स्माॅग टाॅवर होगा, जो उपर से हवा लेगा और साफ कर नीचे फेकेगा, ताकि लोगों को साफ हवा मिल सके।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि अभी कुछ दिन पहले दिल्ली के लोगों ने मिलकर प्रदूषण के खिलाफ एक महा अभियान ‘युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध’ शुरु शुरू किया था। हम सब मिल कर आने वाले समय में इस अभिायन के तहत बहुत सारे काम करेंगे। इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी लागू हो रही है, ट्री ट्रांसप्लांटेशन और पराली से निपटने की बात समेत बहुत से हमने काम कहे थे। उसी का एक अंग ट्री ट्रांसप्लांटेशन पाॅलिसी था। आज सुबह दिल्ली कैबिनेट की बैठक हुई थी। उस बैठक में ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी पास कर दी गई है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बहुत घने पेड़ है, बहुत पुराने-पुराने पेड़ हैं, बहुत बड़े-बड़े पेड़ हैं, यह प्रकृति का आशीर्वाद है। दिल्ली बहुत पुराना शहर है, इसलिए यहां पहले के बहुत सारे पेड़ हैं। हमारी सरकार और दिल्ली वालों की यही कोशिश रहती है कि किसी भी पेड़ को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए, लेकिन कई बार कोई बिल्डिंग बनानी पड़ती है, कोई विकास कार्य होता है, सड़क बनानी पड़ती है, अलग-अलग विकास कार्य के लिए कई बार पेड़ काटने की मजबूरी बन जाती है। अभी तक पॉलिसी यह थी कि अगर एक पेड़ कटेगा, तो उसके बदले क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 पौधे लगाए जाएंगे। जिस पेड़ को काटा गया, वह पेड़ तो काफी बड़ा था, वह कई साल पुराना था, प्रकृति ने उसे कितना संजोकर इतना बड़ा बनाया था और हम सिर्फ छोटे-छोटे पौधे लगा देते हैं, इससे बात तो नहीं बनती है। वो 10 पौधे पता नहीं कितने समय बाद बड़े होंगे। इसलिए आज हमने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी पास की है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली पूरे देश में पहला प्रदेश है, जहां पर ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी पास की गई है। इसमें हमने कहा है कि एक पेड़ कटेगा तो क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 पौधे तो लगाने ही लगाने हैं, उसके अतिरिक्त उस पेड़ को काटना नहीं है। आज विज्ञान इतनी तरक्की कर चुका है कि उस पेड़ को नीचे से खोदकर कर पूरे के पूरे पेड़ को उठा कर ट्रक में डाल कर दूसरी जगह आरोपित किया जा सकता है, दूसरी जगह लगाया जा सकता है, इसको ट्रांसप्लांटेशन कहते हैं। उस पेड़ को काटने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसको नीचे से वैज्ञानिक तरीके से उखाड़ कर और केमिकल का इस्तेमाल करके ट्रक में डालकर उसको दूसरी जगह लगाया जाता है। आज पाॅलिसी पास की गई है कि कहीं भी, किसी भी प्रोजेक्ट में जो पेड़ काटे जाएंगे, उसमें से कम से कम 80 प्रतिशत पर पेड़ ट्रांसप्लांटेशन किए जाएंगे और जो पेड़ ट्रांसप्लांटेशन किए गए हैं, उनका कम से कम 80 प्रतिशत जीवित रहने चाहिए, सिर्फ खानापूर्ति नहीं करनी है। ट्री ट्रांसप्लांटेशन के लिए जो भी एजेंसी दिल्ली सरकार से अनुमति लेगी, उसको यह सुनिश्चित करना होगा कि वह जितने पेड़ काटे गए हैं, उनमें से 80 प्रतिशत पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन करेगा और ट्रांसप्लांट किए गए पेड़ों में 80 प्रतिशत जीवित रहने चाहिए।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ऐसी एजेंसी, जो अच्छा ट्रांसप्लांटेशन करती हैं, राष्ट्रीय स्तर की एजेंसी है, उनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और उनका अनुभव अच्छा है, ऐसी एजेंसी का एक पैनल बनाएगी और केंद्र सरकार या दिल्ली सरकार का विभाग पेड़ काटने या ट्रांसप्लांटेशन की अनुमति लेना चाहता है, वह इन पैनल की हुई एजेंसी में से किसी से भी वह काम करवा सकता हैं। ट्रांसप्लांट करने वाली एजेंसी का भुगतान तब की जाएगी, जब एक साल के बाद देखा जाएगा कि कितने दिन बचे। अगर 80 प्रतिशत से कम पेड़ बचे, तो उसकी पेमेंट काट ली जाएगी और अगर 80 प्रतिशत से ज्यादा पेड़ बचेंगे, तो उसको पूरा भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के तहत एक डेडीकेटेड ट्री ट्रांसप्लांटेशन सेल भी बना रहे हैं और लोकल कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें सरकारी कर्मचारी, स्थानीय नागरिक और आरडब्ल्यूए के लोग शामिल होंगे। यह कमेटी ट्रांसप्लांट किए हुए पेड़ों की जांच करेगी और उसकी निगरानी करेगी। साथ ही कमेटी प्रमाण पत्र भी देगी कि ट्री ट्रांसप्लांटेशन सही हुआ है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कैबिनेट ने प्रदूषण के खिलाफ आज एक और बड़ा निर्णय लिया है। कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि दिल्ली के अंदर एक स्माॅग टाॅवर लगाया जाएगा। यह स्माॅग टाॅवर दुनिया का दूसरा स्माॅग टाॅवर होगा। पहला स्माॅग टाॅवर चीन में लगा था और दूसरा यहां पर लग रहा है। दिल्ली में दो स्माॅग टाॅवर लग रहे हैं, एक केंद्र सरकार लगा रही है और एक दिल्ली सरकार लगाने जा रही है। केंद्र सरकार आनंद विहार में लगा रही है और दिल्ली सरकार कनॉट प्लेस में लगा रही है। ये स्माॅग टाॅवर चीन वाले स्माॅग टाॅवर की तकनीक से अलग हैं। चीन वाले तकनीक के अंदर स्माॅग टाॅवर नीचे से हवा खींचता है और हवा को साफ करके ऊपर को फेंकता है। वहीं, हमारा स्माॅग टाॅवर ऊपर से हवा खींचेगा और उस हवा को साफ करके नीचे फेंकेगा, ताकि लोगों को नीचे साफ हवा मिल सके। यह अपनी तरह का पहला स्माॅग टाॅवर होगा। आज इस स्माॅग टाॅवर को लगाने के लिए दिल्ली कैबिनेट ने 20 करोड़ रुपए स्वीकृत किया है और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले 10 महीने के अंदर यह बनकर तैयार हो जाएगा। इसे हम एक पायलट प्रोजेक्ट बोल रहे हैं, क्योंकि यह सफल हुआ, तो फिर इस तरह के कई और स्माॅग टाॅवर दिल्ली के अंदर लगाए जाएंगे।
Delhi Cabinet approves the ‘Tree Transplantation Policy’ today for the preservation of trees in Delhi
A minimum of 80% of trees affected by a development or construction project will be transplanted, 80% of the transplanted trees must survive: CM Arvind Kejriwal
The Delhi government will form a panel of the agencies for tree transplantation, departments to contact these agencies for the task: CM Arvind Kejriwal
A dedicated Tree Transplantation Cell and local committees will be formed which will include government officials, citizens, RWAs to monitor the transplanted trees and to monitor the transplantation task: CM Arvind Kejriwal
We are installing the second smog tower in the world at Cannaught Place, the Delhi cabinet has sanctioned Rs 20 crores for the installation which shall be completed within 10 months: CM Arvind Kejriwal
New Delhi:
Chief Minister Shri Arvind Kejriwal on Friday launched the Tree Transplantation Policy under the ‘Yuddh, Pradushan Ke Viruddh’ campaign, which requires a minimum of 80% of the trees affected by construction or development projects to be transplanted. The implementation of this policy will be in addition to the policy of the compulsory afforestation of 10 saplings. He also said that it is the responsibility of the agencies which are responsible for transplantation, to ensure that 80% of the transplanted trees survive after a year. A dedicated Tree Transplantation Cell and local committees will be formed which will include government officials, citizens, RWAs to monitor the transplanted trees and to monitor the transplantation task. CM Shri Arvind Kejriwal also announced that the Delhi government is installing the second smog tower in the world at Cannaught Place for which the Delhi cabinet has sanctioned Rs 20 crores for the installation which shall be completed within 10 months.
Addressing a digital press briefing, CM Shri Arvind Kejriwal said, “A few days back, the people of Delhi started a huge movement against the air pollution levels in the city, ‘Yuddh, Pradushan Ke Viruddh’. Various measures will be taken under this, including EV, tree transplantation, preventing stubble burning, etc. One of the key components of this campaign was the tree transplantation policy. The tree transplantation policy has been approved in our cabinet meeting that was held today. With the blessings of God, the woodland of Delhi is very dense, and the trees are quite old and strong because Delhi is quite an old city. The Delhi government is constantly trying to save and preserve the trees. But often due to construction and development works, the trees are cut down. Until now, the policy was to plant 10 saplings as a compensatory effort, if one tree was supposed to be cut down. The tree which was cut down was around 400-500 years old and was a symbol of how nature preserved it and nurtured it for so many years. The newly planted 10 saplings are not for the tree that was cut down. We have passed the tree transplantation policy. Delhi is the first state in the country where this policy has been passed. Along with retaining the policy of planting 10 saplings in place of one tree being cut down, we can transplant the tree additionally, due to the scientific advancements which allow uprooting the tree from a particular spot, lifting it, and planting it at another spot. A minimum of 80% of trees affected by a project, over and above compensatory afforestation of planting of 10 saplings, will be transplanted. Also, a minimum of 80% of the transplanted trees should survive and ensuring this would be the responsibility of the agencies that will take permission from us. The Delhi government will form a panel of the agencies that excel in the task of transplantation. Whichever department wants trees to be transplanted, can approach any agencies out the panel that is being formed. The payment of the agencies will be made only if 80% of the trees continue to survive after a year.”
CM Shri Arvind Kejriwal said that a dedicated Tree Transplantation Cell will be formed by the Delhi government and local committees which will include government officials, citizens, RWAs to monitor the transplanted trees and to certify that the task has been done with due diligence.
“A smog-tower will also be installed in Delhi, which will be the second smog-tower in the world. The first smog-tower in the world was set up in China. Two smog-towers are being installed in Delhi, out of which one will be installed by the Central govt at Anand Vihar, and the second will be installed by the Delhi govt at Cannaught Place. The technology used in the smog-tower installed by the Delhi govt is different from the technology used in China. In China, the smog-tower sucks the polluted air from down below and releases clean air from above. Our smog tower will suck the polluted air from above, and release the clean air from the bottom. The Delhi cabinet has sanctioned Rs 20 crores for the installation of this first-of-its-kind smog tower, and we hope that the installation work will be completed within the next 10 months. We are calling it a pilot project for now, and if it is successful, many more smog towers will be installed across Delhi,” added the CM.
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