नई दिल्ली, 30 मार्च 2024
आम आदमी पार्टी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए भाजपा पर तीखा हमला किया। ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए ईडी से उगाही कराई है। उन्होंने कहा कि जब इलेक्टोरल बॉन्ड लाया जा रहा था, तब आरबीआई के तत्काली गर्वनर उर्जित पटेल ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि यह कालेधन को सफेद करने की स्कीम साबित होगी। उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लागू न करने को लेकर मोदी सरकार को चिट्टी भी लिखी थी और बाद में इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने कहा कि तथाकथित शराब मामले में सरकारी गवाह सरथ रेड्डी ने 9 बयान में सीएम केजरीवाल का नाम नहीं लिया। छह-सात महीने जेल में रखने के बाद सरथ रेड्डी के सामने शर्त रखी जाती है कि भाजपा को 60 करोड़ रुपए और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गवाही दो। फिर सरथ रेड्डी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गवाही देकर सरकारी गवाह बन जाता है और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 60 करोड़ रुपए भाजपा को मिल जाता है।
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने शनिवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि बीते 10 साल में भाजपा की हरकतें देखकर समझ आने लगा है कि क्यों सरदार बल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। भाजपा इस देश की सबसे खराब, अक्षम और दोमुंही पार्टी है। ईमानदारी, भाजपा का सबसे बड़ा डर है और आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा हथियार है। इसी ईमानदारी की सजा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिल रही है। आज का देश का हर नागरिक जानता है कि जो केजरीवाल सरकार हर साल जनकल्याण की सुविधाएं देने के बाद भी मुनाफे का बजट पेश करती हो, अपनी जेब न भरती हो, वो एक ईमानदार सरकार है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी है। बीजेपी शासित हर राज्य घाटे में है, क्योंकि वहां के नेता अपनी जेब भरने में लगे रहते हैं और कोई जनकल्याण सुविधा नहीं देते हैं।
उन्होंने कहा कि बीजेपी आज देश के ऊपर 200 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ चढ़ा चुकी है। भ्रष्टाचारी जुमला पार्टी ने स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा इलेक्टोरल बॉन्ड्स घोटाला किया है। इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लागू होने से पहले आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने साल 2017 में चिट्ठी लिखकर भाजपा को बताया था कि यह स्कीम बिल्कुल अवैध है। यह काले धन को सफेद करने का जरिया बन जाएगा, इसलिए इसको लागू न किया जाए। लेकिन उर्जित पटेल ने भी नहीं सोचा था कि भाजपा अपने एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट (ईडी) द्वारा इस योजना के जरिए उगाही करेगी। बीजेपी को चिट्ठी लिखने के बाद उर्जित पटेल को इस्तीफा देना पड़ा था।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि बंगारू लक्ष्मण (भाजपा के पूर्व अध्यक्ष) की पार्टी भाजपा ने दो साल से हमारे ऊपर अनगिनत रेड कराई। लेकिन इतने छापों के बाद भी एक चवन्नी की रिकवर नहीं हुई। इसके बावजूद आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और अब सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में हैं। ईडी और सीबीआई ने डिले स्ट्रेटजी के चलते करीब 51 हजार डॉक्यूमेंट्स कोर्ट के समक्ष रखे हैं और 458 गवाहों से पूछताछ की गई है। इतनी सारी पूछताछ करने के बाद केवल चार जगह अरविंद केजरीवाल का नाम आता है।
उन्होंने कहा कि पहले में मनीष सिसोदिया के सेक्रेटरी सी अरविंद कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में उन्होंने मनीष सोनिया को डॉक्यूमेंट दिए थे। दूसरे और तीसरे में जगन रेड्डी की पार्टी के सांसद मगुंटा एस रेड्डी और उनके पुत्र राघव मगुंटा की गवाही है। मगुंटा रेड्डी ने गवाही दी थी कि वह अरविंद केजरीवाल से दिल्ली में एक फैमिली ट्रस्ट के लिए जमीन आवंटन को लेकर मिलने आए थे। लेकिन जब अरविंद केजरीवाल ने एमएसआर को बताया कि दिल्ली में जमीन केंद्र सरकार के अधीन आती है। इसके लिए एक चिट्ठी बनाकर दे दें तो इसे एलजी को फॉरवर्ड कर देंगे। इसके बाद ईडी मगुंटा रेड्डी के घर पहुंच जाती है और पूछती है कि आप अरविंद केजरीवाल से मिले थे। एमएसआर हामी भर देते हैं। फिर ईडी कहती है कि आप तथाकथित शराब घोटाले के लिए अरविंद केजरीवाल से मिले थे। वह लगातार मना करते हैं और इसके बाद 10 फरवरी 2023 को उनके बेटे राघव रेड्डी को ईडी गिरफ्तार कर लेती है और पांच महीने जेल में रखती है। लेकिन दोनों पिता-पुत्र अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई बयान नहीं देते हैं। काफी प्रताड़ना के बाद 16 जुलाई 2023 को राघव रेड्डी और उनके पिता एमएसआर गवाही देते हैं और 18 जुलाई 2023 को आखिरकार राघव रेड्डी को जेल से छोड़ दिया जाता है।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि चौथे में शरथ चंद्र रेड्डी ने कुल 9 स्टेटमेंट दी है, लेकिन कहीं भी अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं लिया। इसके बाद उनको छह-सात महीने जेल में रखने के बाद शर्त रखी जाती है कि 60 करोड़ रुपए और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गवाही दो। तब जाकर शरथ चंद्र रेड्डी सरकारी गवाह बनते हैं और उनकी जमानत होती है। ईडी उनकी जमानत पर कोई आपत्ति नहीं जताती है। केवल पीठ दर्द की वजह बताकर उनकी जमानत हो गई। शरथ चंद्र रेड्डी के दिए 60 करोड़ रुपये को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए एक्सटोर्शन डिपार्टमेंट ने भाजपा तक पहुंचाया। जिन स्टेटमेंट में अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं लिया गया है, ईडी उसे कोर्ट के समक्ष नहीं रखती है। जबकि, ये सारी गवाही पीएमएलए के सेक्शन 50 की थीं। वहीं, शरथ चंद्र रेड्डी ने अपने बयान में केवल इतना कहा था कि मैं विजय नायर के साथ अरविंद केजरीवाल से मिला था। अरविंद केजरीलाल व्यस्त थे तो उन्होंने विजय नायर से बात कर लो, कहा था। अब जिन चार जगहों पर अरविंद केजरीवाल का नाम आया है, क्या वह एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में रखने के लिए पर्याप्त हैं?
उन्होंने कहा कि इस केस को शुरू हुए दो साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है। अक्सर लोग पूछते हैं कि जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेताओं की जमानत क्यों नहीं होती तो उनको बताना चाहती हूं कि भाजपा ने साल 2018 में पीएमएलए कानून में ऐसे संशोधन कर दिए कि जब तक ईडी “आगे जांच की जरूरत नहीं है (फर्दर इन्वेस्टिगेशन नॉट रिक्वायर्ड)” नहीं कहेगी, तब तक जमानत मिलना नामुमकिन है। हालांकि, ईडी बीजेपी में शामिल छगन भुजबल, अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल, शरत चंद्र और ऱाघव रेड्डी के मामले में ऐसा कह देती है।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि पीएम मोदी रेस में अकेले दौड़कर फर्स्ट आना चाहते हैं और इसलिए वह लगातार विपक्ष की सारी बुलंद आवाजों को जेल भेज रहे हैं। अरविंद केजरीवाल से उनको शुरू से ही अच्छा खासा डर है। क्योंकि ईमानदारी अरविंद केजरीवाल का सबसे बड़ा गहना है। ऐसे में इस नाइंसाफी के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां 31 मार्च को सुबह 10 बजे रामलीला मैदान पहुंच रही हैं और दिल्ली की जनता से भी निवेदन है कि भारी तादाद में इस महारैली में शामिल होकर भ्रष्ट बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाएं