सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को जमानत क्यों नहीं मिली, इस पर आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को स्थिति स्पष्ट की। ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने बताया कि मोदी सरकार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर पीएमएलए का सबसे संगीन प्रोविजन लगाया है। इसलिए उनको सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिल रही है। इसमें प्रवाधान है कि मनी लॉड्रिंग के आरोपी को ही कोर्ट को संतुष्ट करना होगा और ये साबित करना होगा कि उस पर लगे सारे आरोप गलत हैं। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए के प्रावधानों को गलत और असंवैधानिक बताते हुए रोक दिया, लेकिन 2019 में मोदी सरकार ने पिछले दरवाजे से फाइनेंस एक्ट में संशोधन लाकर पीएमएलए के असंवैधानिक घोषित प्रोविजन को रिवाइव कर दिया था। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत रद्द करते हुए आदेश दिया है कि इस केस को 6 महीने के अंदर खत्म किया जाए।
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि पूरे देश ने देखा है कि भाजपा ने कैसे नीतीन संदेसरा, ललीत मोदी, विजय माल्या, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी को देश से भगा दिया, लेकिन देश में शिक्षा क्रांति लाने वाले दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को जेल में डाल दिया। मनीष सिसोदिया के बनाए सरकारी स्कूल देखने के लिए मोदी सरकार ने मिलेनिया ट्रम्प को भेजा। इससे पहले, मोदी सरकार ने देश को मोहल्ला क्लीनिक का मॉडल देने वाले सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया। सत्येंद्र जैन ने दिल्ली के अंदर सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करके दिखाया। कई विदेशी हस्तियों ने दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक की जमकर प्रशंसा की है।
‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने मेहुल चौकसी को भगा दिया और ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। संजय सिंह लगातार रेहड़ी पटरी वालों की आवाज उठा रहे थे। इसके अलावा, सीएजी की रिपोर्ट में उजागर हुए केंद्र सरकार के घोटालों को देश के सामने रख रहे थे। संजय सिंह की आवाज को दबाने के लिए जेल में डाला गया। 29 अक्टूबर से हम देख रहे हैं कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी लगातार रहे हैं कि ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने का प्लान है।
‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि एक साल पहले भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने पहले दावा किया था कि मनीष सिसोदिया ने 150 फोन तोड़ दिया। संबित पात्रा ने जनता में भ्रम फैलाकर आम आदमी पार्टी और मनीष सिसोदिया को बदनाम किया था। जबकि कोर्ट में आज तक ईडी ने मोबाइल फोन तोड़ने को लेकर कोई तर्क नहीं दिया गया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आज प्रेसवार्ता कर बार-बार एक ही प्रश्न पूछ रहे थे कि मनीष सिसोदिया निर्दोष हैं तो उनको जमानत क्यों नहीं मिली? संबित पात्रा ने ये नहीं पूछा कि बृजभूषण शरण सिंह क्यों बाहर है और मनीष सिसोदिया क्यों अंदर हैं।
‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि आदेश के पैरा 10 में लिखा है कि अप्रूवर से मनीष सिसोदिया को पैसा मिलने की बात पूरी तरह से गलत है। पैरा 15 में लिखा है कि 100 करोड़ रुपए का किकबैक हुआ है, ऐसा भी कोई आरोप मनीष सिसोदिया के उपर नहीं है। साथ ही ये भी लिखा है कि इस पर जिरह भी नहीं की गई।
उन्होंने मनीष सिसोदिया को जमानत न मिलने की वजह बताते हुए कहा कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि पीएमएलए का एक प्रोविजन है, जो कहता है कि अगर किसी के उपर आरोप है कि उसने मनी लॉड्रिंग की है तो आरोपी को ही साबित करना होगा कि उस पर लगा आरोप गलत है। हमारे देश में कानून है कि अभियोजन ही आरोपों को सिद्ध करता है, लेकिन पीएमएलए के प्रावधान में आरोपी को ही अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। साथ ही, जमानत के समय ही जज को संतुष्ट करना होगा कि कोई अपराध नहीं हुआ।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा ने इस केस में 51 हजार डॉक्युमेंट और 500 गवाहों के नाम दे दिए। इतने डाक्युमेंट और गवाहों के लीगल टेक्निकलिटी करते-करते 10-15 साल यूं ही चले जाएंगे। कोर्ट के उपर भी काफी बोझ है। इसलिए कोर्ट को कहना पड़ा कि ये केस दो मिनट भी ट्रायल कोर्ट में नहीं टिकेगा। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट 6 महीने के अंदर ही इस केस में फैसला दे।
‘‘आप’’ प्रवक्ता ने कहा कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए में दिए प्रावधानों को गलत और असंवैधानिक बताया था और रोक दिया। इसके बाद 2019 में बैकडोर इंट्री के जरिए भाजपा ने फाइनेंस एक्ट में संशोधन लाकर पीएमएलए के असंवैधानिक प्रोविजन को रिवाइव कर दिया। भाजपा ऐसा कर सकती है क्या, यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच में लंबित है। मनीष सिसोदिया पर 2017 में पीएमएलए के प्रोविजन को ही लगाया गया है, जो एक बार असंवैधानिक घोषित की जा चुकी है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा है कि आप 10-15 साल नहीं लेंगे, बल्कि छह महीने में तय करेंगे। वैसे भी पीएमएलए में जमानत मिलना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए हम पर इतने संगीन प्रोविजन लगाए गए हैं। जबकि एक चवन्नी की भी रिकवरी नहीं हुई है।
‘‘आप’’ प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि कर्नाटक में 8 करोड़ मिल गए थे, लेकिन वहां जांच नहीं होती है। हमारे यहां से एक चवन्नी भी नहीं मिल रही है, फिर भी हम जेल में हैं। क्योंकि ऐसा प्रोवजिन लगा दिया गया है। हम भाजपा को बताना चाहते हैं कि हम छोटे लोग हैं। भाजपा बहुत ताकतवार पार्टी है। दूसरी पार्टियों में लोग एक एफआईआर से भी डर जाते हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी के लोग इससे डरने वाले नहीं हैं। हम देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने के लिए तैयार हैं। हम अरविंद केजरीवाल के विजन पर चलते रहेंगे और भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाकर रहेंगे।