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नई दिल्ली, 10 मई 2024

पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विश्व स्तर पर भुखमरी सूचकांक का एक आंकड़ा सांझा करते हुए कहा, कि 2014 से पहले जब भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ती थी, तो उनका सबसे बड़ा नारा हुआ करता था बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार I उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों से देश में भाजपा की सरकार है और 10 सालों बाद आज जब हम महंगाई दर को देखते हैं तो खाद्य वस्तुओं के संबंध में यदि महंगाई की दर को देखा जाए तो भुखमरी के सूचकांक में 125 देश की सूची में भारत 2014 से पहले 99वे स्थान पर आता था, आज वह 12 अंक गिरकर 111 नंबर पर आ गए है, अर्थात महंगाई के मामले में स्थिति और बद से बदतर हो गई है I उन्होंने कहा कि किसी भी देश में महंगाई का आकलन करने का आधार होता है, कि लोगों की आय कितनी बढ़ी और उसकी तुलना में खर्च किस दर से बढ़े I सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2011-12 में ग्रामीण क्षेत्रो में लोगों का मासिक खर्च 1430 रूपए हुआ करता था जो 2022-23 में बढ़कर 3773 रुपए हो गया है, अर्थात 2011-12 के तुलना में लगभग 2.64 गुना खर्च बढ़ गया है I इसी प्रकार से शहरी क्षेत्र में 2011-12 में मासिक खर्च 2630 रुपए हुआ करता था जो 2022-23 में बढ़कर 6459 रुपए हो गया है अर्थात यह भी 2.45 गुना बढ़ गया है I उन्होंने कहा कि खर्चो की तुलना में यदि प्रति व्यक्ति की आय में वृद्धि को देखा जाए तो देश में जो प्रति व्यक्ति मासिक आय 2011-12 में 5050 रुपए हुआ करती थी, वह 2022-23 में बढ़कर 8187 रुपए हुई है अर्थात पिछले 10 सालों में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी केवल 1.6 गुना ही हुई है I सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आंकड़ों के आधार पर साफ तौर पर देखा जा सकता है कि देश में प्रति व्यक्ति आय में मात्र 1.5 गुना वृद्धि हुई है जबकि खर्च लगभग 2.5 गुना बढ़े हैं I उन्होंने कहा कि जब आय की तुलना में खर्च अधिक प्रतिशत में बढ़ेंगे तो जाहिर सी बात है कि देश में भुखमरी बढ़ेगी I

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री जी अपने भाषणों में हमेशा इस बात को कहते हैं कि हम देश के 80 करोड लोगों को मुफ्त राशन बांट रहे हैं, उसके पीछे यही कारण है, कि आपने इस देश के लोगों की आय में जो बढ़ोतरी है वह महंगाई की बढ़ोतरी दर की तुलना में मात्रा आधी बढ़ाई है, जिसकी वजह से देश में भुखमरी बढ़ गई है I उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने इस देश में रोजगार खत्म कर दिए, काम धंधे खत्म कर दिए, स्मॉल स्केल बिजनेस खत्म कर दिए, नोटबंदी करके और हर वस्तु पर जीएसटी लगा कर लोगों की कमर तोड़ दी, इसीलिए 80 करोड लोगों को 5 किलो राशन देना पड़ रहा है I मीडिया के समक्ष अपनी बात को सत्यापित करने हेतु कुछ आंकड़े सौरभ भारद्वाज ने प्रस्तुत किए I उन्होंने कहा कि 2014 से पहले अरहर की दाल ₹70 किलो आती थी जो आज लगभग 154 किलो हो गई है, उड़द की दाल जो 2014 से पहले 67 रुपए किलो हुआ करती थी आज 124 रुपए किलो मिल रही है, चावल जो 2014 से पहले ₹27 किलो मिलता था आज वह लगभग 44 रुपए किलो हो गया है, गेहूं जो ₹21 किलो हुआ करता था आज बढ़कर लगभग ₹30 किलो हो गया है, दूध जो 2014 में ₹36 लीटर हुआ करता था आज बढ़कर ₹59 लीटर हो गया है, आलू जो 2014 से पहले लगभग 18 रुपए किलो हुआ करता था आज ₹28 किलो हो गया है I उन्होंने कहा कि यदि केवल एक महीने की आलू की कीमत में वृद्धि को देखा जाए तो पिछले 1 महीने में लगभग आलू की कीमत में 38% की वृद्धि हुई है, प्याज के दामों में लगभग 41% की वृद्धि हुई है, टमाटर के दामों में लगभग 40% की वृद्धि हुई है I उन्होंने कहा कि टमाटर ने तो महंगाई के तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए थे I जुलाई के महीने में टमाटर लगभग ढाई सौ रुपए किलो तक बिका है, इसी प्रकार से जुलाई के महीने में हरी मिर्च ₹400 किलो तक और जीरा ₹800 किलो तक पहुंच गया था I

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह जो आंकड़े मैंने आपके सामने प्रस्तुत किए हैं, इनमें हुई बढ़ोतरी को देखते हुए केवल दो ही कारण नजर आते हैं या तो किसानों को सरकार उनकी फसल का अधिक दाम देने लगी है या फिर यह पैसा बिचौलियों के पास जा रहा है I उन्होंने कहा कि हमने अभी आपके सामने आंकड़े प्रस्तुत किया जिसमें प्रति व्यक्ति आय मात्र 1.6 गुना बढ़ी जबकि महंगाई दर 2.6 गुना बढ़ी है, अर्थात प्रति व्यक्ति आय तो नहीं बढ़ी, किसान की आए तो नहीं बढ़ी, इसका मतलब यह है कि जो दाम बढ़ाए गए हैं इसका पैसा बिचौलियों के पास जा रहा है I उन्होंने कहा किस देश में सभी वस्तुओं के दाम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और इन बढ़े हुए दामों का पैसा किसान और गरीबों की जेब में ना जाकर पूंजीपतियों की जेब में जा रहा है और देश मे भुखमरी बढ़ती जा रही है, यह बेहद ही चिंता का विषय है 

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