आम आदमी पार्टी ने तथाकथित शराब घोटाला मामले में सीबीआई-ईडी की जांच पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री के इशारे पर ईडी और सीबीआई कठपुटली बनकर नाच रही हैं और अरविंद केजरीवाल व ‘आप’ के नेताओं को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा के इशारे पर महिला अधिकारी भानु प्रिया खुद बयान लिखती हैं और उस पर लोगों से जबरन हस्ताक्षर कराने का प्रयास करती हैं। इसका सबूत हमारे पास मौजूद है। समय आने पर आम आदमी पार्टी इसे देश के सामने उजागर करेगी और कोर्ट में भी रखेंगे। ये लोग गवाहों को डराते- धमकाते हैं, उनसे बयान लेकर फंसाते हैं और फिर जेल में डालते हैं। जबकि न कोई घोटाला हुआ है और न तो सबूत कोई ही है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि ईडी और सीबीआई का मकसद कोई जांच करना नहीं रह गया है, बल्कि देश के सबसे लोकप्रिय नेता अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को फंसाना है। इनके पास पार्टी से जुड़े लोगों को प्रताड़ित करना, उन्हें जेल में डालना और गन पॉइंट पर बयान लेने का काम रह गया है। ये गवाहों से गन पॉइंट पर बयान लेते हैं, उन्हें डराते-धमकाते हैं, फिर बयान लेकर फंसाते हैं और जेल में डालते हैं। इसके पीछे कोई सच और प्रमाण नहीं होता है। घोटाला कुछ नहीं, लेकिन इन्हें बस लोगों को डराना-धमकाना है। आज के समय में ईडी-सीबीआई के पास सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर उनकी कठपुतली बनकर नाचने का काम रह गया है। हम इसे सच साबित करते हुए पहले भी कई प्रमाण दे चुके हैं।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि इस खेल के ईडी के दो-तीन बड़े किरदार हैं। सबसे पहले ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा, दूसरा महिला अधिकारी भानु प्रिया और तीसरे नंबर पर सीबीआई के अधिकारी अनमोल सचान हैं। ये अधिकारी अपनी ड्यूटी के साथ बहुत बड़ा अपराध कर रहे हैं। मैं इन सभी अधिकारियों से कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 साल के बाद संन्यास ले लेंगे, लेकिन आपको आगे भी नौकरी करनी है। इसलिए न्याय कीजिए और ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी करिए। इस तरह लोगों को गन पॉइंट पर डरा-धमका कर बयान लेना, उन्हें प्रताड़ित कर कान के पर्दे फाड़ देने और उन्हें आपकी बेटी कॉलेज कैसे जाएगी, जैसी धमकियां देना बंद करें। आज ईडी-सीबीआई की जांच में किसी व्यक्ति के माता-पिता तो किसी की पत्नी को बुलाकर धमकाया जा रहा है। ईडी- सीबीआई के लोग पहले घरवालों को अपने साथ एक कमरे में बंद करके रखते हैं और फिर जेल में जाकर कहते हैं कि तुम्हारे घरवाले हमारे कब्जे में हैं, बयान दो वरना हम कुछ कर देंगे।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि ईडी के इन तीनों अधिकारियों को कहना चाहता हूं कि “जिस बयान पर आप लोग जबरन हस्ताक्षर कराने का प्रयास कर रहे थे, उसका साक्ष्य हमारे पास आ गया है, जिसे हम समय आने पर देश के सामने उजागर करेंगे। इनके बहुत सारे सबूत हमारे पास आ चुके हैं कि किस तरह से ये अधिकारी इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं और असल में षड्यंत्र रच रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले के जांच अधिकारी योगेंद्र सिंह हैं, लेकिन इनकी कुछ नहीं चलती है, वो अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर सकते हैं। दरअसल ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा के इशारे पर महिला अधिकारी भानू प्रिया को निर्देश दिया जाता है कि इस तरह से लोगों को मारो-पीटो और प्रताड़ित करो, इन्हें परेशान करके बयान लो। ये अधिकारी सीधे बयान लेकर जाती हैं और कहती हैं कि इस पर हस्ताक्षर करो। उनकी भाषा होती है कि ये लिख कर दे रही हूं, इस पर साइन कर। इसके साक्ष्य और प्रमाण हमारे सामने आ चुके हैं जिसे हम कोर्ट के समक्ष समय आने पर पेश करेंगे।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि ईडी-सीबीआई ने पहले आरोप लगाया कि 100 करोड़ का शराब घोटाला हुआ है, फिर बोले कि 20-30 करोड़ के घोटाले का सबूत मिल गया है। 8 महीने तक मामले की जांच चली। इस बीच सैकड़ों अधिकारियों ने कई राज्यों में छापेमारी, गिरफ्तारी, लोगों को प्रताड़ित करना और गुंडागर्दी सबकुछ कर डाला। फिर उस 100 करोड़ की संख्या को बदलकर 20-30 करोड़ कर दिया कि इतने का घोटाला हुआ है। इसपर कोर्ट ने पूछा कि इस 20-30 करोड़ का सबूत कहां हैं? तो जबाव आता है कि 6 लाख रुपए का साक्ष्य है। पहले ये कहते हैं 100 करोड़, फिर उसे 20-30 करोड़ पर ले आते हैं और प्रमाण 6 लाख रुपए का दे रहे हैं। असल में ये ईडी-सीबीआई की जांच नहीं है बल्कि यह इनकी नौटंकी और ड्रामेबाजी है।
“आप” के वरिष्ठ संजय सिंह ने कहा कि अब पिछले दो दिन से ये कह रहे हैं कि हमें 17 करोड़ का सबूत मिल गया है। इस तरह से ये रोज नई ड्रामेबाजी कर रहे हैं। कई बार यह समझ नहीं आता है कि इनकी ईडी-सीबीआई कोई जांच एजेंसी है या कॉमेडी कंपनी है। क्या इन्होंने मनोरंजन विभाग खोल रखा है? कभी कहते हैं 100 करोड़ का घोटाला, 20-30 करोड़ का घोटाला, 6 लाख रुपए का साक्ष्य है। अब कुछ नहीं मिला तो कहते हैं कि 17 करोड़ का एक और मामला आया है। अगर इन्हें आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से इतनी ही नफरत है तो मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्ताव दे चुका हूं कि आप किसी चौराहे पर खड़ा करके हम लोगों को तोप से उड़वा दीजिए। आखिर आप हमसे इतनी नफरत क्यों रखते हो? जब कोई सबूत नहीं मिल रहा तब भी दो दिन पहले से 17 करोड़ का राग अलापना शुरू कर दिया। अब ये एक साल तक 17 करोड़ की जांच करेंगे। इसके लिए भी यही चालबाजी अपनाएंगे कि लोगों को डराओ-धमकाओ और झूठे बयान लो। कोर्ट ने आठ महीने के बाद जब ईडी-सीबीआई से सबूत मांगा कि जांच एजेंसियां आरोप को लगा रही है, कम से कम कोई सबूत तो दे, तब इनके पास एक रुपए के भी घोटाले का सबूत नहीं मिला।
“आप” सांसद संजय सिंह ने कहा कि ईडी-सीबीआई ये दोनों जांच एजेंसियां नरेंद्र मोदी के इशारे पर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बर्बाद करने की पूरी कोशिश और साजिश रच रही है, क्योंकि इन्हें आजतक एक भी सबूत नहीं मिला। कुछ समय पहले एक व्यक्ति के बारे में हल्ला मचाया गया कि उसने केजरीवाल के बारे में बयान दिया, उसकी केजरीवाल से बातचीत हुई- मुलाकात हुई। दिल्ली में तीन बार जनता द्वारा चुने हुए मुख्यमंत्री के बारे में मीडिया के माध्यम से झूठा प्रचार किया गया कि किसी व्यक्ति का बयान आ गया है। ये व्यक्ति तो केजरीवाल से मिला हुआ है। मुख्यमंत्री के बारे में तरह-तरह की छवि बनाई गई। बाद में इस मामले की सच्चाई पता चली कि जांच एजेंसियों ने उस व्यक्ति के पिता और पत्नी को बुलाकर अपने पास रखा और उन्हें धमकाकर उस व्यक्ति से यह बयान लिया। बाद में जब वह व्यक्ति कोर्ट पहुंचा तो उसने कहा कि ये सारी बातें झूठी हैं, मुझसे जबरन बयान लिया गया था।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि जब कोर्ट ने इससे पूछा कि घोटाले का सबूत दो तो ईडी वाले सीबीआई का मुंह देख रहे थे और सीबीआई वाले ईडी का, ये दोनों अपने आका मोदी को याद करने लगे और कोर्ट के सामने कहा कि कोई सबूत नहीं है। जिसके बाद कोर्ट से राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को जमानत मिल गई। इसके बाद जब इन जांच एजेंसियों को कोर्ट से फटकार लगी और इनकी चारो तरफ थू-थू होने लगी तो इन्होंने कहा कि अब तो कुछ करना पड़ेगा। फिर इन्होंने दो दिन पहले 17 करोड़ की कहानी शुरू की, जिसे ये सालभर चलाएंगे। मैं कहता हूं कि ये सब ड्रामे बंद करो। मैं ईडी-सीबीआई के अधिकारियों से कहना चाहता हूं कि संजय मिश्रा, भानु प्रिया और अनमोल सचान आप एक बड़ी नौकरी कर रहे हैं, एक आईआरएस की नौकरी कर रहे हैं। आईएएस और आईआरएस देश की सबसे बड़ी नौकरी मानी जाती है, घरवाले और समाज के लोग गर्व करते हैं कि हमारे परिवार का सदस्य यह नौकरी करता है। लेकिन आप लोग ऐसे नौकरी करते हैं, ये घिनौने कृत्य करते हैं। एक अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए इतनी सारी चालें चलते हैं।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने अपने से संबंधित मामला को बताते हुए कहा कि ईडी ने कोर्ट के सामने अपनी गलती मानी कि हमें राहुल सिंह लिखना था, लेकिन हमने गलती से संजय सिंह लिख दिया। उस दिन भी मैंने कहा था कि अजय-विजय का गलती से संजय लिखा जा सकता है, लेकिन राहुल का संजय कैसे लिखा जा सकता है? फिर इन्होंने कहा कि हमसे गलती हो गई और हमने न्यायालय को लिखकर दे दिया है। कल वो पत्र भी हमारे हाथ लगा। इसमें ईडी ने सिर्फ एक ही जगह नहीं, बल्कि तीन-तीन जगह मेरी नाम गलती से लिख दिया है। इन्होंने पहली, दूसरी और तीसरी चार्जशीट में मेरा नाम गलती से लिखा है। जब मैंने मानहानि का नोटिस भेजा तब इन्होंने उसे कोर्ट में ठीक किया। इसका मतलब कि प्रधानमंत्री और भाजपा के इशारे पर मुझे फर्जी फंसाने और जेल में डालने की गहरी साजिश थी। अगर मैं इन्हें मानहानि का नोटिस नहीं भेजता तो ये मुझे निश्चित रूप से जेल में भेज देते। आप सोचकर देखिए कि ईडी एक सांसद का नाम अपनी पहली, दूसरी और तीसरी चार्जशीट में गलती से डाल देती है और खुद इस बात को कोर्ट के सामने स्वीकारती भी है। हैरानी की बात है कि गलती एक बार हो सकती है। बार-बार नहीं हो सकती और वो भी तब जब मामला ईडी की चार्जशीट का हो। जबकि ईडी की चार्जशीट कोई हवां में फाइल नहीं होती, उसे बार-बार पढ़ा जाता है। इसमें भी ये एक सांसद का नाम तीन-तीन चार्जशीट में शामिल कर रहे हैं और इन्हें पता ही नहीं चल रहा है, ये कैसे हो सकता है? क्या यहां कोई मजाक चल रहा है?
उन्होंने आगे बताया कि जांच एजेंसियों ने एक और ड्रामा किया कि ये एक व्यक्ति को जमानत पर बाहर लेकर आए। उस व्यक्ति के पहले भी बहुत सारे बयान थे। उसमें कहीं कोई जिक्र नहीं, जब वो व्यक्ति बाहर आता है तब उसके बाद के एक बयान के जरिए मुझे फिर से फंसाने की साजिश की गई। उसकी जानकारी मैं बाद में विस्तृत रूप से भी दूंगा। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि ये जो 17 करोड़ की मनोहर कहानियां शुरू हुई हैं ये साबित करती हैं कि ईडी-सीबीआई के पास एक रुपए के भी भ्रष्टाचार और घोटाले का सबूत नहीं है। ये तथाकथित शराब घोटाला मनगढ़ंत, फर्जी और झूठा है। ईडी-सीबीआई के अधिकारी संजय मिश्रा, भानु प्रिया और अनमोल सचान ये सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के इशारे पर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बर्बाद करने की साजिश का हिस्सा है। इनसे जुड़े हुए सबूत हमारे पास हैं, वक्त आने पर हम देश के सामने इसे उजागर करेंगे। जैसे कि मेरे मामले में तथ्य सबके सामने आया था और इन्हें मुंह की खानी पड़ी थी, ठीक वैसे ही बहुत सारे साक्ष्य और सामने आएंगे हैं जिसे हम जल्द जनता से सामने रखेंगे।