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भीषण गर्मी के बीच जल संकट से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला किया है। इस फैसले के तहत पूरी दिल्ली में पाइप लाइन के लीकेज से होने वाले पानी की बर्बादी को रोकने के लिए एडीएम और एसडीएम स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने आदेश जारी कर मुख्य सचिव को इस पर अमल करने को कहा है। ये अधिकारी पानी की पाइप लाइनों की मॉनिटरिंग करेंगे और कहीं पर लीकेज मिलता है तो 12 घंटे के अंदर उसको दुरुस्त करेंगे। इसके अलावा, तहसीलदार समेत अन्य अधिकारियों की एक टीम भी तैनात की जाएगी, जो पानी के टैंकरों की व्यवस्था और इससे संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए ‘क्विक रिस्पांस टीम’ के रूप में कार्य करेंगे।

इस बाबत दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि लीकेज से पानी की बर्बादी को रोकने के लिए मेन वाटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की मॉनिटरिंग की जाए। इसकी मॉनिटरिंग के लिए एडीएम और एसडीएम की स्पेशल टीमें तैनात की जाए। उन्होंने कहा कि ये टीमें मुख्य जल स्रोत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और वहां से प्राथमिक यूजीआर तक मेन वाटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की मॉनिटरिंग करेंगी।

राजस्व मंत्री आतिशी ने निर्देश दिया है कि मॉनिटरिंग के दौरान प्रमुख पाइप लाइनों में कोई भी लीकेज मिलती है तो उसे 12 घंटे के भीतर ठीक किया जाए। साथ ही पानी के टैंकरों की व्यवस्था और पानी से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए तहसीलदार और अन्य अधिकारी ‘क्विक रिस्पांस टीम’ के रूप में काम करें। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि सभी टीमें रोजाना शाम 5 बजे तक निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट सौपें।

राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा है कि दिल्ली में कहीं पर भी पानी की लीकेज बर्दाश्त नहीं की जाएगी, एक बूंद पानी भी बर्बाद नहीं होने देंगे।

बता दे कि 30 मई को भीषण गर्मी की स्थिति और पानी की बढ़ती मांग के मुद्दे पर दिल्ली सरकार द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि 5 जून से प्रत्येक जोन में एडीएम व एसडीएम स्तर के अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। साथ ही तहसीलदार और अन्य अधिकारियों की एक टीम भी तैनात की जाएगी, जो पानी के टैंकरों की व्यवस्था और पानी से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए ‘क्विक रिस्पांस टीम’ के रूप में कार्य करेंगे।

इस बाबत राजस्व मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ये टीमें वाटर जल स्रोतों से लेकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और वहाँ से प्राथमिक यूजीआर तक मेन वाटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की मॉनिटरिंग और निरीक्षण करें।

साथ ही ये टीमें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख पाइप लाइनों का निरीक्षण करें कि किसी भी पाइप लाइन में कोई रिसाव तो नहीं हो रहा है। अगर कोई रिसाव है, तो उसे 12 घंटे के भीतर ठीक किया जाना चाहिए। जलमंत्री ने कहा कि इस समय पानी की एक भी बूंद बर्बाद नहीं की जा सकती।

जल मंत्री ने निर्देश दिए कि हर क्विक रीपॉन्स टीम द्वारा इस संबंध में किए गए सभी निरीक्षणों की एक दैनिक रिपोर्ट शाम 5ः00 बजे तक उनके ऑफिस में जमा करवाई जाए।

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