दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने स्मॉग टावर को एक बार फिर बंद करने पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के चेयरमैन अश्विनी कुमार को कड़ी फटकार लगाते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया है। पर्यावरण मंत्री ने प्रमुख सचिव (पर्यावरण एवं वन एवं वन्यजीव) को 24 घंटे के भीतर कर्मचारियों का वेतन जारी करने का निर्देश दिया, जिससे कनॉट प्लेस में स्थापित स्मॉग टावर पुनः चालू हो जाएं। स्मॉग टावर पर तैनात कर्मियों के वेतन का भुगतान न होने के मुद्दे पर मंत्री गोपाल राय ने प्रमुख सचिव (ईएंडएफ) को एक पत्र भी भेजा है, जिसमे उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। मंत्री गोपाल राय ने यह सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए हैं कि भविष्य में सभी भुगतान समय पर जारी किये जायें, ताकि स्मॉग टावर के संचालन में कोई व्यवधान न हो। उन्होंने डीपीसीसी चेयरमैन को विभाग द्वारा अपने कर्तव्यों के प्रति बरती गई इस लापरवाही पर 48 घंटों के भीतर (यानी 10.01.2024 तक) एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा प्रधान सचिव (ईएंडएफ) को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित स्मॉग टावर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एमसी मेहता बनाम भारत संघ 2020 मामले में डीपीसीसी ने स्थापित किया गया था। इस स्मॉग टावर का संचालन अगस्त 2021 से हुआ। इस टावर को लगाने की कल्पना दिल्ली में होने वाली प्रदूषण संबंधी समस्या का समाधान करने के लिए एक वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास परियोजना के रूप में की गई थी। परियोजना के सुचारू रूप से संचालन के लिए डीपीसीसी, एनबीसीसी और टाटा प्रोजेक्ट्स के बीच एक एमओयू साइन हुआ था।
उन्होंने आगे कहा है कि अगस्त 2023 में डीपीसीसी के अध्यक्ष ने दूसरे वर्ष के लिए ओ एंड एम (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) फंड को रोककर स्मॉग टॉवर के संचालन को रोक दिया गया था। यह कार्रवाई दिल्ली सरकार के मंत्री परिषद के निर्णय के उल्लंघन में डीपीसीसी अध्यक्ष द्वारा स्वतंत्र रूप से की गई थी। वहीं, डीपीसीसी अध्यक्ष के कार्यों ने भी सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाने के लिए दिल्ली सरकार को उत्तरदायी बना दिया था। आखिरकार नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद स्मॉग टॉवर को फिर से शुरू कर दिया गया।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि मीडिया रिपोर्ट से ये बात संज्ञान में आई है कि पिछले दो महीनों से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों द्वारा स्मॉग टावर का काम फिर से रोक दिया गया है, जो कि डीपीसीसी द्वारा किया गया चौंकाने वाला कार्य है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2023 में स्मॉग टावर का लगातार संचालन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। ऐसे में 6 महीनों में डीपीसीसी द्वारा कोर्ट की अवमानना का ये दूसरा मामला है। यह बहुत चिंताजनक है कि स्मॉग टावर को उस समय बंद करना पड़ा है, जब दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि यह एक बहुत ही गंभीर मामला है और स्मॉग टावर को बिना किसी देरी के चालू करने के लिए समझौता ज्ञापन के अनुसार 24 घंटे के अंदर लंबित भुगतान समेत अन्य संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में सभी भुगतान समय पर किए जाएं, जिससे कि स्मॉग टावर बिना किसी रुकावट के चलता रहे।
उन्होंने डीपीसीसी चेयरमैन को इतने गंभीर मामले की उपेक्षा करने पर निम्नलिखित आवश्यक विषयों की जानकारी मांगी है। डीपीसीसी चेयरमैन को अगले 48 घंटों के अंदर यानी10 जनवरी 2024 तक एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है-
ए – नवंबर 2023 में माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रोजेक्ट में शामिल पार्टनर्स (एनबीसीसी और टाटा परियोजनाएं)) को डीपीसीसी द्वारा जारी किए गए भुगतान का विवरण
बी – 31 दिसंबर 2023 तक प्रोजेक्ट में शामिल पार्टनर्स का बकाया भुगतान और उस के लिए डीपीसीसी द्वारा जारी किए गए भुगतान का विवरण
सी – कनॉट प्लेस के स्मॉग टावर में कर्मचारियों को सैलरी न देने के मुद्दे के बारे में डीपीसीसी अध्यक्ष को पहली बार कब जानकारी मिली, इसकी जानकारी और तब से डीपीसीसी अध्यक्ष द्वारा क्या कार्रवाई की गई (इस संबंध में निर्देश देने के लिए जारी किए गए सभी फाइल और लेटर्स की कॉपियां भी भेजनी होंगी।)
डी – डीपीसीसी अध्यक्ष को एमओयू की शर्तों के अनुसार प्रोजेक्ट के लिए पेमेंट जारी करने में देरी करने वालों के खिलाफ जांच करके जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान करनी होगी। साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश करनी होगी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए उपरोक्त बिंदुओं को शामिल करते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट को 48 घंटों के अंदर यानी 10 जनवरी 2024 तक जमा करना होगा।