केजरीवाल सरकार ने मानसून के दौरान दिल्ली में होने वाले जलजमाव को रोकने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां कर रही है| इस दिशा में सभी विभागों की तैयारियों की जाँच के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री, शहरी विकास मंत्री व डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में संयुक्त समीक्षा बैठक की गई| बैठक में पीडब्ल्यूडी, बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए व दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के उच्चाधिकारी शामिल हुए| इस मौके पर अधिकारीयों को निर्देश दिए गए कि, ‘दिल्ली की सभी एजेंसीज जलजमाव की समस्या दूर करने के लिए साथ मिलकर काम करे क्योंकि जलजमाव की समस्या दूर करना सबकी संयुक्त जिम्मेदारी है| बैठक के दौरान, राजधानी भर में जलजमाव की मौजूदा स्थिति का आकलन और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा की गई|
बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने अधिकारीयों को निर्देश देते हुए कहा कि, बरसात से पहले शहर में जलजमाव वाले सभी पॉइंट्स का निरीक्षण किया जाये और सभी विभाग साथ मिलकर माइक्रो लेवल प्लानिंग के साथ इन इलाक़ों से जलजमाव की समस्या को दूर करने पर फोकस करें| शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सभी विभाग मानसून के दौरान आनन-फानन में तैयारी करने का बजाय पहले ही जलजमाव की सभी समस्या को दूर करने का काम करें ताकि भारी बारिश में भी जलजमाव न हो और लोगों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े|
पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने अधिकारीयों से कहा कि, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि दिल्ली के लोगों के लिए मानसून का मौसम परेशानी मुक्त हो। इसके लिए यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं कि सभी ड्रेनेज सिस्टम की सफाई और मरम्मत के साथ-साथ अन्य समस्याओं से निपटने के लिए भी तैयार हो| लेकिन सभी विभागों को अब साथ मिलकर काम करने की जरुरत हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी संसाधनों का कुशलता से प्रयोग हो और दिल्ली में कही भी जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो|
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि, सभी अधिकारी मानसून से पूर्व होने वाली बारिश के तुरंत बाद की स्थिति का आकलन करने और उसमें जलभराव वाले इलाकों को चिन्हित करें| साथ ही अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि उस पॉइंट से जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए मानसून से पहले ही जरुरी तैयारियां पूरी कर ली जाये| उन्होंने साझा करते हुए कहा कि- मानसून की तैयारियों को लेकर पीडब्ल्यूडी नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा और विभाग का सेंट्रल कण्ट्रोल रूम गंभीर जलजमाव वाले स्थानों की 24 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी करेगा|
समीक्षा बैठक के दौरान शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सभी विभाग जलजमाव वाले स्थानों की कड़ी निगरानी करें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि जलजमाव से संबंधित समस्याओं के कारण किसी भी नागरिक को परेशानी का सामना न करना पड़े। विभागों के अधिकारी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जाकर वास्तविक स्थिति का जायजा लें। यदि जलजमाव वाले क्षेत्र चिन्हित हो तो उनपर तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान जलजमाव व यमुना नदी के जलस्तर बढ़ जाने के कारण खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न न हो इससे बचने के लिए सभी अधिकारी सतर्कता के साथ हर स्थिति पर पैनी नजर बनाए रखें।
आईओटी मॉनिटरिंग डिवाइस के जरिये की जाएगी सीवर पंपिंग स्टेशनों की निगरानी
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने डीजेबी के अधिकारियों को मानसून से पहले डीजेबी के सभी सीवर लाइनों व नालों की डिसिल्टिंग का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा दिल्ली के विभिन्न इलाकों में बनाए गए सीवेज पपिंग स्टेशनों (एसपीएस) में पानी ओवरफ्लो होने या किसी तरह की खराबी के बारे में चेतावनी देने के लिए अलार्म लगाए गए है। इससे दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को तुरंत चेतावनी मिल जाएगी कि सीवेज ओवरफ्लो का खतरा बढ़ गया है, ताकि समय रहते उचित कदम उठाया जा सके। सीवर पंपिंग स्टेशनों की निगरानी आईओटी मॉनिटरिंग डिवाइस के जरिये की जाएगी। इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगा सेंसर यह सुनिश्चित करेगा कि पपिंग स्टेशन में सीवर का गंदा पानी एक तय लेवल तक भरते ही वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट चला जाए। जिससे सीवेज पंपिंग स्टेशन पर मौजूद ऑपरेटर की जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों तय की जा सकें। बता दें कि एसपीएस के समय पर चालू न हो पाने की वजह से सीवर का पानी सड़कों, कॉलोनियों व आसपास के इलाकों में ऑवरफ्लो होना शुरू हो जाता था, जिससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। खासकर मानसून के दौरान समस्या ज्यादा बढ़ जाती थी। लेकिन इस समस्या से दिल्ली के लोगों को राहत देने के लिए सभी एसपीएस पर ऑटोमेशन एसपीएस डिवाइस लगाए गए हैं।
इस मौके पर डिप्टी मेयर मोहम्मद आले इकबाल ने कहा कि,एमसीडी में भी अब एक जिम्मेदार सरकार है जो लोगों की बेहतरी के लिए काम कर रही है न की लोगों के काम रोक रही है| तो इस मानसून एमसीडी भी शहर से जलजमाव को दूर करने के लिए हर जरुरी कदम उठाएगी और सभी विभागों के साथ मिलाकर काम करेगी|
जलजमाव को दूर करने के लिए क्या है विभागों की तैयारियां
पीडब्ल्यूडी
-दिल्ली में पीडब्ल्यूडी ने 128 पंप हाउस स्थापित किए है, जिनमें 700 से अधिक पंप है|
-11 पंप हाउस पूरी तरह से आटोमेटिक है जो सेंसर के माध्यम से पानी के स्तर के बढ़ते ही स्वत शुरू हो जाते है|
-मानसून में जरुरत पड़ने पर पीडब्ल्यूडी अपने मोबाइल पंप यूनिट भी तैनात करेगी|
-पीडब्ल्यूडी के नालों की डी-सिल्टिंग का काम जारी है और 31 मई तक पहले फेज की डी-सिल्टिंग का काम पूरा हो जायेगा| और मानसून के बाद दोबारा डी-सिल्टिंग का काम किया जायेगा|
- मानसून के दौरान पीडब्ल्यूडी का सेंट्रल कण्ट्रोल रूम गंभीर जलजमाव वाले स्थानों की 24 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी करेगा|
-इसके अतिरिक्त पीडब्ल्यूडी 10 अन्य स्थानों में कण्ट्रोल रूप स्थापित करेगी|
-लोग जलजमाव संबंधित शिकायतें दर्ज कर सकें इसके लिए पीडब्ल्यूडी मानसून के दौरान हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी|
-पीडब्ल्यूडी ने 165 जलजमाव वाले क्षेत्र चिन्हित किए, यहाँ की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जलजमाव से निपटने की तैयारी की जा रही है|
बाढ़ और सिंचाई नियंत्रण विभाग
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के तहत कुल 57 ड्रेन है, जिनकी कुल लंबाई करीब 382 किमी है। इन नालों की सफाई के लिए 53 विभागीय मशीनें तैनात है। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से 30 अप्रैल 2023 तक 5,65,371 मीट्रिक टन की डी-सिल्टिंग की जा चुकी है। जल्द ही बचे हुए शेष नालों की डी-सिल्टिंग का कार्य भी पूरा हो जाएगा। दिल्ली में एस्केप ड्रेन नंबर 1, बिहारीपुर नाला, बंद नाला, रिलिफ ड्रेन, किराड़ी सुलेमान नगर नाला, पंखा रोड नाला और नसीरपुर आदि मानसून में परेशानी पैदा करने वाले प्रमुख नाले हैं। ऐसे में लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसी को ध्यान में रखते हुए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा नालियों से गाद निकालने, विशेष रूप से पुलियों के नीचे से गाद हटाने का कार्य किया जा चुका है। साथ ही फ्लोटिंग सामग्री को नियमित रूप से नालों से निकाला जा रहा है। चिन्हित स्थानों पर बार स्क्रीन और पंप लगाए गए है। यहां जलभराव की समस्या न पनपनें पाए, इसे लेकर सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों द्वारा निगरानी की जा रही है।
एमसीडी
-15 जून तक एमसीडी के हर छोटे-बड़े नाले की डी-सिल्टिंग पूरी होगी|
-जलजमाव वाले स्थानों पर स्थायी व मोबाइल पंप तैनात किये गए है|
-12 जोनल कण्ट्रोल रूम पूरे मानसून जलजमाव की स्थिति पर निगरानी रखेंगे|
एनडीएमसी
-सभी मुख्य नालों की सफाई की जा चुकी है|
-जलजमाव वाले स्थानों पर ऑटोमैटिक पंप तैनात किए गए है| साथ ही जरुरत पड़ने पर मोबाइल पंप यूनिट का इस्तेमाल किया जायेगा|
डीडीए
- पहले फेज के डी-सिल्टिंग का काम पूरा हो चूका है|
- 31 मई तक दूसरे फेज के डी-सिल्टिंग का काम पूरा हो जायेगा|
- जलजमाव वाले स्थानों के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत पंप तैनात किये जायेंगे|