दिल्ली के श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने श्रम आयुक्त और अन्य वरिष्ठ बोर्ड अधिकारियों के साथ दिल्ली भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (डीबीओसीडबल्यूडबल्यूबी) की अहम बैठक की। बैठक में श्रमिकों के बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए दी जाने वाली वित्तीय मदद को लेकर आए आवेदनों के शीघ्र सत्यापन समेत अन्य मुद्दों के समाधान को लेकर चर्चा हुई। श्रम मंत्री राजकुमार आनंद ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि निर्माण श्रमिकों व उनके बच्चों के कल्याण के लिए संचालियों योजनाओं तक उनकी आसान पहुंच हो। इसके लिए विभाग को श्रमिकों के अनुकूल एक एप विकसित करने के साथ-साथ लंबित मामलों के निस्तारण में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।
दिल्ली भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड निर्माण श्रमिकों के बच्चों को उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 2020 के बाद से आवेदन पत्रों के सत्यापन की कमी आई है। इसके चलते बड़ी संख्या में आवेदन लंबित हैं। पात्र श्रमिकों के बच्चों में वित्तीय सहायता वितरण में तेजी लाने के लिए श्रम मंत्री राजकुमार आनंद ने श्रमिक-अनुकूल मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के निर्देश दिए ताकि लंबित मामलों का त्वरित निपटान किया जा सके।
श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि श्रमिकों के बच्चों को वित्तीय सहायता बिना किसी दिक्कत के निर्धारित समय के भीतर आसानी से मिलनी चाहिए। दिल्ली सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सभी निर्माण स्थलों पर पैंपलेट्स आदि सामग्री वितरित की जानी चाहिए। मंत्री ने विभाग को निर्माण श्रमिकों की सुविधा के लिए एक उपयोगकर्ता-अनुकूल एप विकसित करने का भी निर्देश दिया। सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्रों को जमा करने की सुविधा के लिए सत्यापन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि लंबित मामलों की स्थिति का आकलन करने के लिए नियमित समीक्षा बैठक की जाएगी।
मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा कि केजरीवाल सरकार का लक्ष्य नागरिक-अनुकूल प्रशासन प्रदान कर यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं और सेवाओं का लाभ सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले व्यक्तियों तक अधिकतम पहुंचे।