06 अक्टूबर, नई दिल्ली
शिक्षा मंत्री आतिशी ने औचक निरीक्षण की श्रृंखला को जारी रखते हुए जहाँगीरपुरी जी-ब्लॉक स्थित एमसीडी स्कूल का दौरा किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने पाया कि स्कूल शुरू होने का समय होने के बावजूद 15 में से 13 शिक्षक स्कूल नहीं पहुँचे है जिनमें स्कूल इंचार्ज भी शामिल है। साथ ही स्कूल में चारों ओर गंदगी का अंबार है, लंबे समय से सफ़ाई नहीं हुई है, क्लासरूम की दीवारें और फ़र्श पर धूल भरी पड़ी है, शौचालय भी बदत्तर स्थिति में है। स्कूल में डेस्क होने के बावजूद बच्चे फ़र्श पर बैठने को मजबूर है। और स्कूल प्रमुख को इसकी कोई सुध-बुध नहीं है। इस बाबत शिक्षा मंत्री आतिशी ने कड़े शब्दों में डीडीई को निर्देश देते हुए कहा कि स्कूल के मामले में लापरवाही बरतने वाले सभी शिक्षकों और स्कूल प्रमुख के ख़िलाफ़ कड़ा एक्शन लिया जाए। साथ ही डीडीई को चेतावनी देते हुए कहा कि वे एक सप्ताह के भीतर दोबारा उस ज़िले के किसी एक एमसीडी स्कूल में औचक निरीक्षण करेंगी, यदि सप्ताह भर में उनके अन्तर्गत आने वाले सभी स्कूलों में साफ़-सफ़ाई और शिक्षकों के लेट-लतीफ़ी की समस्याओं को दूर नहीं किया गया तो डीडीई के ख़िलाफ़ एक्शन लिया जाएगा।
सुबह 8 बजे जब शिक्षा मंत्री जहाँगीरपुरी जी-ब्लॉक स्थित एमसीडी स्कूल पहुँची तो उन्होंने पाया कि स्कूल में केवल 15 में से 2 शिक्षक मौजूद है। गेट पर गार्ड मौजूद नहीं है और पूरे स्कूल में गंदगी फैली हुई है। स्कूल शुरू होने का समय निकालने के काफ़ी बाद बाक़ी शिक्षकों ने स्कूल आना शुरू किया जिसमें स्वयं स्कूल प्रमुख भी शामिल थी। इस लेट-लतीफ़ी पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को फटकार लगाई। साथ ही स्कूल में शिक्षकों के अटेंडेंस रजिस्टर को चेक करने पर पाया गया कि 2 शिक्षक ऐसे है जो स्कूल प्रमुख को बिना बताए छुट्टी पर है।
शिक्षा मंत्री ने जब क्लासरूम का निरीक्षण किया तो पाया कि बहुत से क्लास में बच्चे ज़मीन पर बैठने को मजबूर है जबकि कई बंद क्लासरूम में डेस्क मौजूद है। इसपर सवाल करने पर स्कूल प्रमुख की ओर से जबाव न मिल सका। शिक्षा मंत्री ने पाया कि स्कूल परिसर, क्लासरूम, दीवारें, शौचालय गंदगी से अटी पड़ी है। कई कमरे ऐसे है जहां स्टोर रूम के नाम पर टूटी डेस्कें और कबाड़ पड़ा है।
स्कूल की इन सभी समस्याओं पर शिक्षा मंत्री ने सख़्त शब्दों में कहा कि, अब दिल्ली नगर निगम में शिक्षा को महत्व देने वाली सरकार है। शिक्षा को लेकर हमारा जीरो टॉलरेंस है इसलिए एमसीडी स्कूलों में जिन शिक्षकों का पढ़ने-पढ़ाने को लेकर ढुलमूल रवैया है वो अपनी इस आदत की बदल दे और ज़िम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निभाए।
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि ये स्कूल, इसकी बदहाल हालत और यहाँ का वातावरण 15 सालों के भाजपा के कुशासन की कहानी बया करता है और दिखाता है कि भाजपा के लिए शिक्षा कभी भी प्राथमिकता नहीं बनी। लेकिन अब आप सरकार में ये सब बर्दाश्त नहीं होगा। एमसीडी स्कूलों में ग़रीब परिवार के बच्चे आ रहे इसका ये मतलब नहीं कि उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया जाएगा। एमसीडी स्कूलों में भी हर बच्चे के लिये बेहतर शिक्षा की व्यवस्था करना हमारी प्राथमिकता है और इस दिशा में कोई भी लापरवाही और लचर व्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्कूल निरीक्षण के दौरान कई पैरेंट्स ने भी शिक्षा मंत्री से शिकायत करते हुए बताया कि स्कूल में शिक्षकों का लेट आना आम बात है साथ ही यहाँ साफ़-सफ़ाई भी बदहाल है।
निरीक्षण के दौरान पाई गई सभी समस्याओं पर तुरंत संज्ञान लेते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने डीडीई को निर्देश दिए कि स्कूल में मौजूद समस्याओं तो दूर करने के लिए तुरंत काम किया जाए। स्कूल प्रमुख को उनकी लापरवाही के लिए कारण बटाओं नोटिस दिया जाए साथ ही लेट आने वाले सभी शिक्षकों पर भी सख़्त एक्शन लिया जाए। साथ ही इससे संबंधित रिपोर्ट आज शाम तक उन्हें पेश की जाए।
उन्होंने डीडीई को भी कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि सप्ताह भर के भीतर उनके अन्तर्गत आने वाले सभी स्कूलों में साफ़-सफ़ाई और शिक्षकों की लेट लतीफ़ी की समस्या को दूर कर दिया जाए। वो अगले सप्ताह दोबारा उस ज़ोन के किसी स्कूल में औचक निरीक्षण करेंगी और उस दौरान ऐसी कोई समस्या पाई जाती है तो फिर डीडीई ख़ुद के ख़िलाफ़ एक्शन के लिए तैयार रहे।