- परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने DMRC के एमडी से कहा, निदेशक मंडल में दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने पर तत्काल निर्णय ले। साथ ही गैरकानूनी तरीके से बोर्ड बैठक में निर्णय लेने से परहेज करें।
नई दिल्ली, 11 नवंबर 2019:
दिल्ली के परिवहन मंत्री श्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने डीएमआरसी के एमडी से कहा है कि वह दिल्ली सरकार की ओर से नामित निदेशक मंडल पर निर्णय लेने में तेजी दिखाए। साथ ही दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि के बगैर महत्वपूर्ण मुद्दों पर गैर-कानूनी तरीके से बोर्ड बैठक में निर्णय लेने से बचें।
उन्होंने कहा कि “दिल्ली सरकार ने 13 जुलाई 2019 को DMRC के स्वतंत्र निदेशक बोर्ड में तीन लोगों को नामित किया। चार महीने बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। हमें 26 सितंबर को आयोजित निर्देशक बोर्ड के मिनट्स से पता चला कि यह एजेंडा का हिस्सा था, लेकिन निर्णय नहीं लिया गया। इसके अलावा बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण फैसले पर निर्णय लिए और दिल्ली सरकार के किसी प्रतिनिधि के बिना ही इसे पारित किया। बैठक में लिए गए निर्णय अवैध और अव्यवहारिक हैं। डीएमआरसी में दिल्ली सरकार का 50% शेयर है। वह निदेशकों की संख्या के बराबर की हिस्सेदारी रखती है। इसलिए डीएमआरसी को दिल्ली सरकार के प्रतिनिधित्व के बिना निर्णय लेना बंद कर देना चाहिए। कैलाश गहलोत ने कहा, “बोर्ड की बैठक में फैसला किए बिना दिल्ली सरकार की सिफारिशों पर कानूनी राय लेना गैरकानूनी है। कैलाश गहलोत ने कहा कि मैं डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर इस फैसले में तेजी लाने और सरकार के नामितों को नियुक्त करने के लिए लिख रहा हूं।
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