सफ़ाई के काम से जुड़े कर्मचारी कर सकेंगे आवेदन
दिल्ली सरकार 100 और स्वचलित जेट सीवर सकिंग मशीनों की करेगी तैनाती। स्वचलित जेट सीवर सकिंग मशीन के लिए सफ़ाई के काम से जुड़े कर्मचारी या उनके परिवार वाले आवेदन कर सकेंगे, जो दिल्ली जल बोर्ड के साथ मिलकर काम करेंगे और उन्हें सरकार वित्तीय मदद देगी।
दिल्ली SC/ST/OBC/Minorities Handicapped Financial and Development Corporation (DSFDC) अनुसूचित जाती, अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को वित्तीय सहायता देने की योजना चला रही है, सफ़ाई कर्मचारियों और दिव्यांग लोगों को राष्ट्रीय सर्वोच्च निगम के साथ मिलकर ५,००,००० तक की आर्थिक मदद मुहैय्या कराती है।
दिल्ली सरकार ने 100 और स्वचलित जेट सीवर सकिंग मशीनों को लेने का निर्णय लिया है। यह मशीने ओपन बिड के माध्यम से पहले से तैनात 200 मशीनों के साथ जुड़ेंगी।
दिल्ली सरकार की सीवर सफाई के मशीनीकरण की ऐतिहासिक योजना पिछले साल शुरू की गई, जो सफलतापूर्वक दिल्ली की सीवर सफाई की समस्याओं का निदान कर रही है। उसी जरूरत को देखते हुए सौ और सीवर जेटिंग मशीनों को लाने का फैसला लिया गया। पिछले कुछ दिनों में सीवर बंद होने की समस्याओं में कमी आईं है।
इन मशीनों को उन जगहों में भी ले जाया जा सकता है जहाँ बड़ी मशीने नही जा सकती।
प्रष्ठभूमि
लगातार यह महसूस किया जा रहा था कि सीवर को साफ करने से इस अमानवीय तरीके से कई जाने गई हैं और सदियों से ही सफाई कर्मचारी सीवर के अंदर घुसने को मजबूत था। क्यूंकि अभी तक कोई तकनीक नहीं इस्तेमाल में लाई गई थी। जहरीली गैसों की वजह से सीवर के अंदर कई मजदूरों की मौत हो जाती थी। इस काम को एक वर्ग ही करने को मजबूत है, जो अपने आप में अमानवीय है।
इस अमानवीय काम से छुटकारा पाने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा एक पायलट परियोजना शुरू की गई, जिसका समझने के लिए समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आंध्र प्रदेश का दौरा किया और उपयुक्त पाया गया। इसके बाद सीवर सफ़ाई के मशीनीकरण की यह योजना दिल्ली में अमल में लाई गई।
इसके सफल और सन्तोषजनक परिणामो के बाद, सरकार ने दिल्ली की जरूरत को देखते हुए कुछ और मशीनों को तैनात करने का निर्णय लिया।
मशीन की कुल लागत 40.16 लाख रुपये है।
Leave a Comment