दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष का परिवार ही सुरक्षित नहीं तो आम जनता क्या सुरक्षित होगी : आतिशी
क्या भाजपा के सांसद, उप राज्यपाल महोदय, केंद्रीय गृह मंत्रालय में से कोई भी दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेगा : आतिशी
भाजपा के सांसदों ने 5 साल के कार्यकाल में एक बार भी लोकसभा में दिल्ली की सुरक्षा को लेकर आवाज नहीं उठाई : सौरव भारद्वाज
नई दिल्ली 25 जून 2019
मंगलवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता आतिशी ने कहा कि अगर भाजपा के विधायक एवं नेता विपक्ष विजेंदर गुप्ता जी की धर्मपत्नी जो कि खुद निगम पार्षद रह चुकी हैं, उनके साथ दिल्ली के बीचो-बीच सरेआम लूटमार की घटना हो सकती है, तो दिल्ली की आम जनता का क्या हाल होगा।
आतिशी ने बताया कि कल मंडी हाउस इलाके में विजेंद्र गुप्ता जी की धर्मपत्नी की गाड़ी कुछ अज्ञात लोगों ने रुकवाई और जैसे ही वह गाड़ी के बाहर निकल कर आई, तो एक व्यक्ति उनका बैग लेकर भाग गया। यह घटना दिल्ली शहर के बीचोबीच मंडी हाउस क्षेत्र में घटित हुई। एक ऐसी महिला जो खुद एक संवैधानिक पद पर रह चुकी हैं, वही आज दिल्ली में सुरक्षित नहीं है, तो आम महिलाएं कैसे सुरक्षित होंगी।
दिल्ली की कानून व्यवस्था आज दिल्ली की जनता के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। पिछले 1 महीने में दिल्ली के अंदर 220 राउंड फायरिंग, 43 शूटिंग और 16 हत्याओं की घटना हो चुकी हैं।
एक और दिल्ली में अपराधिक घटनाओं का स्तर बढ़ता जा रहा है और दूसरी ओर दिल्ली की पुलिस, जिनकी जिम्मेदारी है दिल्ली की जनता को सुरक्षा देना, उन्हें राजनीति करने से फुर्सत नहीं मिल रही है। जब दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हैं, तो दिल्ली की पुलिस, जो जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं कर रही है, जनता की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम बात नहीं कर रही है, वह ट्विटर के माध्यम से दिल्ली के मुख्यमंत्री को सिलसिलेवार तरीके से जवाब पर जवाब दिए जा रही है।
दिल्ली की पुलिस से प्रश्न पूछते हुए आतिशी ने कहा कि जो सुरक्षा के इंतजाम की बातें आप ट्विटर पर कर रहे हैं, क्या दिल्ली की जनता के बीच जाकर आपने मालूम किया कि वह सुरक्षित है या नहीं? साथ ही साथ वह सभी संवैधानिक व्यक्ति एवं संस्थाएं जो दिल्ली की सुरक्षा से जुड़े हुए हैं, जैसे कि दिल्ली के सांसद, उप राज्यपाल महोदय और गृह मंत्रालय सभी से प्रश्न पूछते हुए कहा कि दिल्ली में बढ़ती हुई आपराधिक समस्याओं की जिम्मेदारी कौन लेगा?
भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के पास दिल्ली की जनता के संबंध में मात्र एक जिम्मेदारी है जनता की सुरक्षा, उसको भी भाजपा की केंद्र सरकार ठीक से नहीं निभा पा रही। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी कि दिल्ली सरकार ने कई बार जनता की सुरक्षा के मद्देनजर, केंद्र सरकार को हर संभव सहायता, हर सहयोग का आश्वासन दिया है। इस बाबत दिल्ली में डेढ़ लाख सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम चल रहा है। इन सीसीटीवी कैमरो का एक्सेस इलाके की लोकल आरडब्ल्यूएस के पास होगा। साथ ही साथ दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इन सभी कैमरों का सीधा एक्सेस दिल्ली की पुलिस के पास भी हो, ताकि दिल्ली की जनता की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक ना हो। दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता की सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। परंतु भाजपा को दिल्ली की जनता से कोई सरोकार नहीं है।
प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बेहद ही चौंकाने वाली घटना है, कि भाजपा के विधायक और दिल्ली के नेता विपक्ष विजेंदर गुप्ता जी की धर्मपत्नी के साथ दिल्ली के बीचो-बीच दिनदहाड़े लूटपाट की घटना हुई।
उन्होंने कहा कि जब कभी भी दिल्ली की जनता ने, दिल्ली की सरकार ने या हम विधायकों ने विधानसभा के अंदर दिल्ली पुलिस की नाकामियों पर सवाल उठाया है, तो विजेंद्र गुप्ता जी ने हमेशा दिल्ली पुलिस की वकालत की है। जब जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी पर हमले हुए और हमने दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया, तो विजेंद्र गुप्ता जी ने ट्वीट के माध्यम से और प्रेस वार्ता के माध्यम से दिल्ली पुलिस की वकालत की।
पिछली बार भी दिल्ली की सातों सीटों पर भाजपा के सांसद थे और इस बार भी सातों सीटों पर भाजपा के ही सांसद जीते हैं। क्या पिछले 5 सालों में एक बार भी भाजपा के सांसदों ने लोकसभा के भीतर दिल्ली की सुरक्षा के संबंध में प्रश्न उठाए? किसी प्रकार की चिंता जताई? विजेंद्र गुप्ता जी जो हर छोटे-छोटे मुद्दे पर उपराज्यपाल महोदय के पास ज्ञापन लेकर जाते हैं, क्या दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कभी कोई ज्ञापन दिया? क्या भाजपा के सातों सांसदों ने दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर उपराज्यपाल के साथ कोई बैठक की?
आज दिल्ली की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था के लिए कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। ना ही भाजपा के सातों सांसद, ना ही उप राज्यपाल महोदय और ना ही गृह मंत्रालय। किसी की तो जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी। किसी को तो जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। यदि किसी क्षेत्र में पानी की कमी होती है तो उसकी जिम्मेदारी मौजूदा सरकार की होती है। यदि किसी अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर नहीं है, तो उसकी जिम्मेदारी मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री की होती है। परंतु भाजपा की केंद्र सरकार में कोई भी दिल्ली की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। दिल्ली की पुलिस, दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर झूठे सच्चे आंकड़े प्रस्तुत कर देती है, जिसका कोई आधार ही नहीं होता।
दिल्ली की पुलिस से जुड़े सारे अधिकार केंद्र सरकार के पास हैं। मात्र एक थाना स्तर की कमेटी होती थी, जिसमें विधायक भी सदस्य होता था। हर महीने थाने के एसएचओ के साथ स्थानीय कानून व्यवस्था को लेकर बैठक के होती थी। पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय होती थी। परंतु जब से भाजपा की सरकार बनी है, थाना कमेटी का गठन ही नहीं किया गया है, और बड़ी ही बेशर्मी के साथ भाजपा कहती है कि हमें काम नहीं करने दे रहे। यदि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार से दिल्ली की पुलिस नहीं संभाली जा रही तो पुलिस का अधिकार दिल्ली की सरकार को दे दें। हम दिल्ली की कानून व्यवस्था को बेहतर करके दिखाएंगे।
जब किसी महिला या बुजुर्ग से राह चलते मोबाइल छीन लिया जाता है, गले से चेन झपट ली जाती है, तो यह हादसा बेहद ही खौफनाक होता है। जनता घर से बाहर निकलने में भी डरती है। कल विजेंद्र गुप्ता जी की पत्नी के साथ जो हादसा हुआ, मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि विजेंदर गुप्ता जी की पत्नी के साथ यह हादसा हुआ। कम से कम भाजपा के लोगों को एहसास तो होगा कि दिल्ली की जनता किस माहौल में जी रही है। यह हादसा एक खतरे की घंटी है। विजेंद्र गुप्ता जी और भाजपा को इस हादसे से सीख लेनी चाहिए और समझना चाहिए कि दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।
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