नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2024
पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि कुछ दिनों पहले पूरे देश ने देखा था, कि किस प्रकार से चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में वोटों में गड़बड़ी करके भारतीय जनता पार्टी ने अपना मेयर बनाने की कोशिश की थी और उस पूरे षड्यंत्र के अंदर जो मुख्य किरदार निकलकर सामने आया वह थे उस चुनाव के प्रिसाईडिंग ऑफिसर अनिल मसीह I उन्होने कहा कि सब इस बात को भली भांति जानते हैं कि वोटों की चोरी में जो मुख्य सूत्रधार होता है, वह होता है प्रिसाईडिंग ऑफिसर, जो उस पूरे के पूरे चुनाव को कराता है I सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि हमने यह भी देखा है, कि जब दिल्ली में नगर निगम का चुनाव हुआ और आम आदमी पार्टी 134 निगम पार्षदों के साथ सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनकर आई थी, एवं भारतीय जनता पार्टी 105 निगम पार्षदों के साथ आम आदमी पार्टी से बहुत पीछे थी, उसके बावजूद भी भाजपा ने बेईमानी करके दिल्ली में किस प्रकार से अपना मेयर बनाने की कोशिश की थी I उन्होंने कहा की शुरू से यह नियम रहा है, कि जो सबसे वरिष्ठ निगम पार्षद होता है, उसको ही मेयर चुनाव के लिए प्रिसाईडिंग ऑफिसर बनाया जाता रहा है I परंतु दिल्ली के इस चुनाव में दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय ने भारतीय जनता पार्टी की एक निगम पार्षद को प्रिसाईडिंग ऑफिसर नियुक्त कर दिया और दिल्ली मेयर के चुनाव में गड़बड़ी करने की कोशिश की थी I
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कल एक बार फिर से दिल्ली में मेयर के चुनाव होने हैं I उन्होंने कहा कि यह एक तय प्रक्रिया है, कि जो वर्तमान में अभी मेयर है, वही व्यक्ति आने वाले मेयर चुनाव के लिए प्रिसाईडिंग ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा I उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया दशकों से चली आ रही संवैधानिक परंपरा है I परंतु मुझे बड़े दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है, कि भाजपा शासित केंद्र सरकार के द्वारा लगाए गए दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय दशकों पुरानी इस संवैधानिक परंपरा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं I उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार प्रिसाईडिंग ऑफिसर को नियुक्त करने की जो फाइल मुख्य सचिव के द्वारा शहरी विकास मंत्री को भेजी जाती है और शहरी विकास मंत्री के कार्यालय से फिर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाती है और मुख्यमंत्री कार्यालय से फिर उपराज्यपाल महोदय के कार्यालय जाती है, इस बार उस प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए शहरी विकास मंत्री की अनुमति के बिना मुख्य सचिव द्वारा वह फाइल सीधे उपराज्यपाल महोदय के कार्यालय को भेज दी गई है I सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं भाजपा शासित केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय से पूछना चाहता हूं, कि आखिर यह चोरी क्यों की जा रही है? पर्दे के पीछे क्या षड्यंत्र रचा जा रहा है?
पत्रकारों के साथ एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 30 अप्रैल 2024 को मैंने उपराज्यपाल महोदय को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी, कि यह फाइल मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा चोरी छिपे उपराज्यपाल महोदय के कार्यालय भेजी गई है, यह फाइल मुझे वापस लौटाई जाए, परंतु उपराज्यपाल महोदय के कार्यालय द्वारा अभी तक मुझे वह फाइल नहीं लौटाई गई है I उन्होंने कहा कि कल यानी 24 अप्रैल 2024 को मैंने मुख्य सचिव नरेश कुमार को भी पत्र लिखकर पूछा की किस कानून के तहत आपको यह शक्ति मिली है, कि आप दिल्ली की चुनी हुई सरकार को बाईपास करके उपराज्यपाल महोदय को सीधे तौर पर फाइल भेज सकते हैं I इस पत्र की एक प्रति मैंने उपराज्यपाल महोदय को भी भेजी है I सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस पत्र के जवाब में मुख्य सचिव ने कहा है, कि यह मामला अब हमने उपराज्यपाल महोदय को भेज दिया है, अब उपराज्यपाल महोदय इसके ऊपर निर्णय लेंगे I उन्होंने कहा की मुख्य सचिव कोई ऐसा नियम कानून नहीं बता सके, कि जिसके तहत उन्होंने चुनी हुई सरकार को बाईपास करके यह फाइल सीधे तौर पर उपराज्यपाल महोदय के कार्यालय भेज दी I
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज 25 अप्रैल 2024 है और दोपहर के तीन बज चुके हैं, परंतु अभी तक प्रिसाईडिंग ऑफीसर के संबंध में कोई भी फाइल हमारे पास नहीं आई है I उन्होंने कहा कि मैंने सुना है उपराज्यपाल महोदय केरल गए हुए हैं I उन्होंने कहा कि दिल्ली में कल बहुत महत्वपूर्ण चुनाव होने हैं और ऐसे में उपराज्यपाल महोदय का केरला जाना, ऐसा प्रतीत हो रहा है भाजपा शासित केंद्र सरकार फिर से इस मेयर चुनाव में गड़बड़ी करने के लिए कोई नई साजिश कर रही है, ताकि या तो दिल्ली में मेयर के चुनाव हो ही ना सके । चुनाव माँ हार के डर से फाइल रोकी है है ताकि चुनाव ही ना हो सके