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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब खुद दिल्ली में उपलब्ध पानी और उसकी आपूर्ति पर नजर रखेंगे। मुख्यमंत्री का उद्देश्य है कि पानी की बर्बादी रोक कर एक-एक बूंद बचाया जाए, ताकि दिल्ली वालों को साफ और पर्याप्त पेयजल मुहैया कराया जा सके। मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड को रोजाना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से उत्पादित पानी और डब्ल्यूटीपी से टैपिंग व प्राइमरी यूजीआर तक पहुंचने वाले पानी का डेटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अनधिकृत कालोनियों समेत पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ट्यूबवेल के साथ पहले चरण में 500 आरओ प्लांट लगाए जाएंगे। डीजेबी ने अब तक 471 आरओ प्लांट के लिए जमीन चिंहित कर ली है। योजना है कि आरओ प्लांट से पानी लेने के लिए लोगों को आरएफ आईडी कार्ड जारी किया जाएगा। सीएम केजरीवाल ने अधिकारियों को ट्यूबवेल्स और आरओ प्लांट्स लगाने के लिए जमीन संबंधित लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण करने का निर्देश दिया है। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता को भरपूर और साफ पानी उपलब्ध कराना हमारी पहली प्राथमिकता है। हमें एक-एक बूंद पानी का इस्तेमाल करना है।

दिल्ली वालों को पर्याप्त स्वच्छ जल उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक बार फिर दिल्ली जल बोर्ड समेत सभी संबंधित विभागों के साथ मैराथन बैठक की। पिछले डेढ़ महीने में सीएम केजरीवाल की यह चौथी समीक्षा बैठक थी। इस दौरान दिल्ली में प्रतिदिन उत्पादित होने वाले पानी की निगरानी, ट्रीटेड पानी को पार्कों तक पहुंचाने, आरओ प्लांट लगाने और ट्यूबवेल्स व आरओ प्लांट्स के लिए जमीन संबंधित मुद्दों पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई और मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज, दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ, डिसुब, एमसीडी, वन विभाग समेत सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

समीक्षा बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में उत्पादित किए रहे पानी और उसकी आपूर्ति पर सबसे ज्यादा बल दिया। सीएम ने दिल्ली जल बोर्ड से दिल्ली में उत्पादित होने वाले कुल पानी और उसकी आपूर्ति की पूरी जानकारी ली और कहा कि अब वे स्वयं पानी के उत्पादन और आपूर्ति पर रोजाना नजर रखेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड से कहा कि कल से मुझे रोजाना पानी के उत्पादन और आपूर्ति का डेटा चाहिए। सीएम ने डीजेबी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से उत्पादित होने वाले पानी, डब्ल्यूटीपी से टैपिंग तक और टैपिंग से प्राइमरी यूजीआर तक पहुंचने वाले पानी का डेटा रोजाना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। दिल्ली जल बोर्ड को यह सारा डेटा रोजाना मुख्यमंत्री को उनके वाट्सएप पर उपलब्ध कराना होगा। मुख्यमंत्री खुद रोजाना देखेंगे कि रोजाना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से कितना पानी का उत्पादन हो रहा है और प्राइमरी यूजीआर तक पहुंचने तक कितना पानी बच रहा है। अगर कहीं पर लीकेज हो रहा है या पानी की चोरी हो रही है तो मुख्यमंत्री खुद संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारी को आवश्यक निर्देश दे सकेंगे।

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड द्वारा विभिन्न स्थानों पर लगाए जा रहे ट्यूबवेल्स और आरओ प्लांट्स के लिए जमीन उपलब्ध कराने को लेकर की जा रही कार्रवाई की प्रगति भी जानी। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए कुछ विभाग से जमीन मिल चुकी है, जबकि जिन विभागों से अभी जमीन नहीं मिली है, उनसे बातचीत की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही जमीन मिल जाएगी। इस पर सीएम ने जमीन के लंबित सभी मामलों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर निपटाने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड के जितने भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) हैं, उनकी क्षमता बढ़ाने पर तेजी से काम चल रहा है। अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि अगले साल तक एसटीपी की क्षमता बढ़कर 950 एमजीडी तक हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड को प्रत्येक एसटीपी से ट्रीटेड पानी का कैसे इस्तेमाल करेंगे, इसका प्लान बनाकर देने का निर्देश दिया है। हालांकि दिल्ली जल बोर्ड ने एसटीपी से ट्रीटेड पानी के इस्तेमाल को लेकर एक प्लान बनाया है, लेकिन अब इसमें और सुधार करेगा, ताकि 100 फीसद ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल हो सके। इस दौरान सीएम ने निर्देश दिया कि एसटीपी के आसपास के जितने भी पार्क हैं, उनको पाइप लाइन के जरिए पानी दिया जाए। वहीं, एसटीपी से दूर स्थित पार्क और ग्रीन लैंड को लेकर स्टडी की जाएगी। अगर संभव होगा तो वहां पर भी पाइप लाइन डालकर ट्रीटेड पानी दिया जाएगा।

वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को डीडीए से ट्यूबवेल्स के लंबित अनुमति को लेकर बात करने का निर्देश दिया है। साथ ही, डीडीए से वाटर बॉडी और झीलों के लंबित अनुमति भी जल्द लेने का निर्देश दिया है। दिल्ली में जहां पर भी बड़े स्तर पर ट्यूबवेल्स लगाए जा रहे हैं और लेक बनाई जा रही हैं, वहां जरूरत के अनुसार बड़े आरओ प्लांट लगाए जाएंगे। इसके अलावा आवश्यकतानुसार छोटे आरओ प्लांट भी लगाए जाएंगे। इसे कम्युनिटी आरओ प्लांट भी कहते हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने बताया कि छोटे आरओ लगाने के लिए पहले चरण के तहत अभी तक 471 स्थान चिंहित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए निर्देश दिया कि चिंहित की गई जमीन जिस विभाग की है, उससे अनुमति लेकर जल्द से जल्द आरओ प्लांट लगाया जाए। सीएम ने इन आरओ प्लांट के वित्तीय मॉडल की भी समीक्षा की और पानी की आपूर्ति में भ्रष्टाचार मुक्त तंत्र सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सीएम ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पर्याप्त जांच और संतुलन बनाया जाए ताकि पानी की चोरी न हो। टेंडर प्रक्रिया पर सीएम ने कहा कि अगर 1000 उपभोक्ता हैं तो 10 हजार की जगह 1200 की क्षमता का टेंडर निकालें।

इस दौरान डीजेबी के अधिकारियों ने बताया कि अनधिकृत कॉलोनियों समेत पानी की कमी वाले क्षेत्रों में ट्यूबवेल्स के साथ पहले चरण में 500 आरओ प्लांट लगाने की योजना बनाई है। इन जगहों पर अभी पाइप से पानी की आपूर्ति उपलब्ध नहीं है और टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है। दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत 50 केएलडी क्षमता के 30 आरओ प्लांट लगाए जा रहे हैं। जबकि झरोदा सरकारी स्कूल व शकूर बस्ती में दो आरओ प्लांट लगाए जा चुके हैं। वहीं, हरि नगर विधानसभा क्षेत्र में 2 आरओ प्लांट का कार्य प्रगति पर है। भूमि की उपलब्धता के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों के समन्वय से शेष आरओ प्लांट के लिए जमीन के सर्वे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आरओ प्लांट लगने के बाद स्थानीय लोगों को आरएफ आईडी कार्ड जारी किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि सबको भरपूर साफ पानी मिल सके।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर समीक्षा बैठक की जानकारी साझा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली जल बोर्ड के साथ एक और महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। जिसमें कुछ अहम बिंदुओं पर बात हुई। दिल्ली जल बोर्ड को अब दिल्ली में पानी की कुल उपलब्धता और सप्लाई की दैनिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी होगी। एसटीपी के पानी के पुनः उपयोग का पूरा प्लान बनाया जाएगा और आसपास के पार्कों को भी पानी दिया जाएगा। दिल्ली में कुल 450 से ज्यादा जगहों को चिन्हित किया गया है जहां आरओ सिस्टम लगाकर जनता को साफ और स्वच्छ पानी देने का प्रबंध किया जाएगा। डीजेबी की सभी योजनाओं को सरकार के अलग-अलग विभागों से जल्द स्वीकृति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज एवं दिल्ली जल बोर्ड के साथ अन्य विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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