दिल्ली सरकार ने मैथिली भाषा को वैकल्पिक विषय के रूप में दिल्ली के स्कूलों में लागू कर दिल्ली में रहने वाले लाखों पूर्वांचलियों की भावनाओं का सम्मान किया है : राघव चड्ढा
दिल्ली सरकार का यह कदम न केवल मैथिली भाषा को आगे बढ़ाएगा बल्कि हमारी संस्कृति को भी आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है : संजीव झा
भाजपा सांसद मनोज तिवारी एवं रवि किशन को भोजपुरी भाषा को अष्टम सूची में शामिल करने हेतु संसद में आवाज उठानी चाहिए : ऋतुराज झा
नई दिल्ली, 16 जुलाई 2019
मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने बताया कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया है कि अब दिल्ली सरकार के स्कूलों में उर्दू, संस्कृत और पंजाबी भाषा की तरह मैथिली भाषा भी वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाई जाएगी।
दिल्ली की सरकार ने दिल्ली में रहने वाले लाखों पूर्वांचलियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए यह बड़ा फैसला लिया है। जिस प्रकार से दिल्ली के स्कूलों में बच्चे अपनी मर्जी से वैकल्पिक विषय के तौर पर संस्कृत, उर्दू और पंजाबी भाषा का अध्ययन करते थे, उसी तरह अब विद्यार्थी मैथिली भाषा का भी अध्ययन कर सकेंगे, और मैथिली भाषा के बारे में जान सकेंगे।
दिल्ली सरकार ने इस फैसले के साथ साथ ऐसे कई बड़े और अहम फैसले लिए हैं। दिल्ली सरकार ने तय किया है कि जो बच्चे मैथिली भाषा को सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ेंगे, उन बच्चों को दिल्ली सरकार IAS एवं सिविल सर्विसेज के इम्तिहान की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसी के साथ साथ मैथिली और भोजपुरी भाषा को सम्मान देने के लिए दिल्ली सरकार प्रतिवर्ष दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में पांच दिवसीय मैथिली एवं भोजपुरी उत्सव कार्यक्रम का आयोजन भी करेगी। इस कार्यक्रम में ऐसे लोग जिन्होंने मैथिली और भोजपुरी भाषा को समाज में उनका स्थान दिलाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया, दिल्ली सरकार उनको सम्मानित करेगी और ढाई लाख रुपए की राशि प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को सम्मान के तौर पर दिल्ली सरकार की ओर से दी जाएगी।
राघव चड्ढा ने बताया कि मैथिली भाषा को एक विकल्प विषय के रूप में लाने के साथ-साथ भोजपुरी भाषा को भी दिल्ली सरकार वैकल्पिक विषय के रूप में लाने पर विचार कर रही है। लेकिन भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में भोजपुरी भाषा एक भाषा के तौर पर नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार पहले भी केंद्र सरकार पर इस बाबत दबाव बनाती रही है, और कल भी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि वह केंद्र सरकार से अपील करेंगे कि जो वादा उन्हें 2014 में किया था, उस वादे को पूरा करते हुए भोजपुरी भाषा को भी अन्य 22 भाषाओं की तरह देश के संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह दी जाए।
राघव चढ़ा ने बताया कि स्कूली शिक्षा में मैथिली भाषा को जगह देने के साथ-साथ दिल्ली सरकार ने एक और बड़ी घोषणा इस संबंध में की है। क्योंकि आजकल टेक्नोलॉजी का जमाना है। ज्यादातर लोग अपना समय कंप्यूटर और मोबाइल फोन पर बिताते हैं। दिल्ली सरकार ने मैथिली भाषा को औपचारिक तौर पर एक कम्प्यूटर की भाषा बनाने का फैसला लिया है। यह अपने आप में पहली ऐसी घोषणा है जो किसी राज्य सरकार ने की है।
राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए इन अहम कदमों से दिल्ली में रहने वाले लाखों पूर्वांचली भाइयों के बीच खुशी कि एक लहर सी है। पूर्वांचल समाज के लोगों में एक सम्मान का माहौल सा बना है और पूरा पूर्वांचल समाज इस सम्मान के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का आभारी है।
उन्होंने कहा कि यह बड़े ही दुख की बात है कि मैथिली भाषा को प्रबल बनाने के लिए, सम्मान देने के लिए जहां दिल्ली सरकार इतने सारे कदम उठा रही है, वहीं दिल्ली में एक ऐसा राजनीतिक दल है जो अरविंद केजरीवाल जी के इस सराहनीय कदम का भी विरोध कर रहा है। जहां सभी लोग दिल्ली सरकार के इस सराहनीय कदम की सराहना कर रहे हैं वहीं भाजपा पूरी बेशर्मी के साथ इसका विरोध कर रही है। भाजपा के नेता अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। पत्रकारों के माध्यम से और व्हाट्सएप के माध्यम से सूचनाएं मिल रही है कि भाजपा दिल्ली सरकार के इस कदम का भी विरोध करने जा रही है।
भाजपा का दिल्ली सरकार के इस कदम का विरोध करना लाजमी है। क्योंकि इनकी पार्टी में कई सारे ऐसे नेता है जो पूर्वांचल विरोधी हैं। कुछ ही महीने पहले दक्षिणी दिल्ली से भाजपा के एक बड़े नेता और उनके साथियों ने अपनी ही पार्टी के पूर्वांचल प्रकोष्ठ के अध्यक्ष को सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था। भाजपा नेता ने एक सभा में जनता को संबोधित करते हुए यहां तक कह डाला कि यूपी बिहार से आए लोगों की दिल्ली में कोई जगह नहीं है, इनसे केवल मजदूरी के काम करवाना चाहिए और फिर उनको दिल्ली से खदेड़ देना चाहिए। ऐसी मानसिकता वाले लोगों पर भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है। ऐसी मानसिकता को भाजपा ने चंद वोटो की खातिर देश की राजधानी में पनपने दिया है और केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए समाज को क्षेत्रवाद के नाम पर बांटा है।
राघव चड्ढा ने कहा कि मीडिया के माध्यम से मैं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि यदि कोई राज्य सरकार मैथिली और भोजपुरी जैसी मीठी भाषाओं को स्कूली शिक्षा में लाना चाहती है, उसका उत्सव मनाना चाहती है, उसका कंप्यूटरीकरण करना चाहती है, तो ऐसे सराहनीय कदम का भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता कैसे विरोध कर सकते हैं?
प्रेस वार्ता में मौजूद आप विधायक संजीव झा ने कहा कि जब से मैथिली भाषा संविधान की अष्टम सूची में आई है, तब से आज तक भोजपुरी भाषा के अनुयाई दर-दर भटक रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का जो यह कदम है, यह न केवल मैथिली भाषा को आगे बढ़ाएगा बल्कि हमारी संस्कृति को भी आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति अपना शहर छोड़कर दूसरी जगह जाता है तो अपनी संस्कृति अपने रीति रिवाज भी साथ लेकर जाता है। दिल्ली सरकार जो पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन कर रही है वह एक प्रकार से हमारी संस्कृति, हमारी रीति-रिवाजों को संरक्षण देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते और साथ ही साथ एक पूर्वांचली होने के नाते इस सराहनीय कदम के लिए मैं अरविंद केजरीवाल जी और दिल्ली सरकार को धन्यवाद देता हूं। मैं अन्य राज्य की सरकारों से भी अनुरोध करता हूं कि दिल्ली सरकार के इस सराहनीय कदम की तर्ज पर वह सरकारी भी अपने अपने राज्य में मैथिली भाषा को वैकल्पिक विषय के तौर पर लागू करें।
प्रेस वार्ता में मौजूद आप विधायक ऋतुराज झा ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद किसी सरकार ने मैथिली भाषा को सम्मान दिया है, इसके लिए मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का दिल से धन्यवाद करता हूं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और इस राजधानी में लगभग 60 से 70 लाख पूर्वांचली लोग रहते हैं। पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने पूर्वांचल के बारे में सोचा पूर्वांचलियों को सम्मान देने के बारे में सोचा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने मैथिली भाषा को आठवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक विषय बनाया है, पूरे पूर्वांचल समाज के लिए यह एक गौरव का विषय है।
ऋतुराज झा ने कहा कि आज लोकसभा के अंदर भारतीय जनता पार्टी के कई सारे भोजपुरी कलाकार जीतकर संसद में पहुंचे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भोजपुरी भाषा को संविधान की अष्टम सूची में जगह देने का वादा तो किया परंतु इस वादे को पूरा नहीं किया। यही कारण है कि भाजपा के भोजपुरी कलाकार जीतकर जब संसद में पहुंचे तो वह अपनी भाषा में शपथ तक नहीं ले सके।
ऋतुराज झा ने कहा कि पूर्वांचली लोग अपनी संस्कृति को नहीं छोड़ते हैं। सैकड़ों वर्ष पहले अंग्रेज भारत से लगभग 10 लाख लोगों को डेवलपमेंट कार्य के लिए लेकर गए थे। सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बावजूद आज भी वह लोग जो वहां गए थे, भोजपुरी और मैथिली भाषा का प्रयोग करते हैं। मैथिली और भोजपुरी भाषा इंटरनेशनल भाषा है। जमायका मे, मोरिशियस में, फिजी में आज भी भोजपुरी भाषा का उपयोग किया जाता है, भोजपुरी भाषा बोली जाती है।
भोजपुरी भाषा को अष्टम सूची में नहीं लाना, यह अपने आप में एक अपमान की बात है। आज देश में भाजपा की बहुमत की सरकार है। उनके कई सारे सांसद जो पूर्वांचल से आते हैं, कई सारे विधायक जो पूर्वांचल से आते हैं। तो क्या कारण है कि भाजपा, भोजपुरी भाषा को संविधान की अष्टम सूची में नहीं ला रही है? भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी जी को घेरते हुए ऋतुराज झा ने कहा कि मनोज तिवारी जी को शर्म आनी चाहिए, कि जिस समाज से वह आते हैं, जिस समाज की बदौलत वह आज संसद तक पहुंचे हैं, आज देश में उनकी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है, उसके बावजूद वह भोजपुरी भाषा को आज तक संविधान की अष्टम सूची में जगह नहीं दिला पाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा के सांसद और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी एवं हाल ही में भाजपा से जीते पूर्वांचल के लोकप्रिय चेहरे रवि किशन जी को मिलकर अपनी पार्टी पर दबाव बनाना चाहिए और संसद में यह आवाज उठानी चाहिए कि भोजपुरी भाषा को संविधान की अष्टम सूची में जगह मिलनी चाहिए और जो भी व्यक्ति आने वाले समय में भोजपुरी भाषा में शपथ लेना चाहे तो उसको यह सम्मान हासिल हो सके।
Teaching Maithili in Delhi govt schools shows Delhi govt’s respect for Purvanchalis in Delhi: Raghav Chadha
Addressing a press conference in the Aam Aadmi Party headquarters on Tuesday, senior leader of the party Raghav Chadha said that Delhi’s Arvind Kejriwal government had decided to include the Maithili language as an optional subject in Delhi government schools, like Urdu, Sanskrit and Punjabi.
“The Delhi government’s decision shows the respect the government has for the feelings of millions of Purvanchalis living in Delhi. The AAP government has also decided that free coaching facilities will be provided to the students who are preparing for IAS and Civil Services exams in Maithili. A five-day Maithili and Bhojpuri festival in Connaught Place will also start from this year onwards. During the festival, individuals who have dedicated their lives to the Maithili and Bhojpuri languages will be given an honorarium of Rs 2.5 lakh rupees for their service to the languages,” said Chadha.
Raghav Chadha said that besides Maithili, the government was even considering including Bhojpuri as an optional subject, but has not done so yet since Bhojpuri is not an official language under the eighth schedule of the Constitution of India. He said, “The Delhi government has been pressing the central government earlier in this regard, and yesterday even the Deputy Chief Minister of Delhi Manish Sisodia said that he would appeal to the Central Government to fulfill the promise made by them in 2014.”
“Most people spend their time on computer and mobile phones. The Delhi government has decided to formalize the Maithili language as a computer language. This is the first such announcement by any state government,” added Chadha.
Raghav Chadha said, “The Delhi government’s work for Purvanchalis who have made Delhi their home has created an atmosphere of respect and belonging for them in the city. The Purvanchali society is grateful to Chief Minister Arvind Kejriwal for this.”
Questioning the Bharatiya Janata Party’s politics of opposing such important and progressive steps being taken by the AAP government, Chadha said, “The leaders of the BJP have proved themselves to be anti-Purvanchali. A few months ago, a senior BJP leader and his associates from south Delhi had beaten the President of his own party’s Purvanchal Cell on the streets. While addressing the public in a meeting, the BJP leader also said that people coming from UP Bihar have no place in Delhi, they should only work for wages and then they should disperse from Delhi. The Bharatiya Janata Party has not taken any action so far on people with such mentality. Such a mentality has been allowed by the BJP to flourish in the country’s capital for the sake of voting and only for the sake of political gain.”
During the press conference, MLA Sanjeev Jha said, “When a person leaves their town and goes to another place, his culture also brings his customs along with it. The Delhi government, which is organizing a five-day program for Maithili and Bhojpuri, is working to protect our culture, our customs. As a public representative and as a Purvanchali, I thank Arvind Kejriwal and the Government of Delhi for this commendable step.”
MLA Rituraj Jha said, “Delhi is the capital of the country and 60-70 lakh Purvanchalis live here. For the first time a Chief Minister has thought of honoring Purvanchal. Hundreds of years ago, the British took about 10 lakh people from India to places like Mauritius, Fiji to work. Even after hundreds of years have passed, the people who went there still speak in Bhojpuri and Maithili. Maithili and Bhojpuri languages are international languages. They deserve to be preserved and promoted.”
Leave a Comment