- हमारा मकसद लोगों के आपसी विवाद का निपटारा बगैर पैसा खर्च हुए व समय बर्बाद हुए हो – अरविंद केजरीवाल
- देश के अन्य राज्यों में खुले मेडिटेशन सेंटर हुए बंद, दिल्ली में आज 6 नए सेंटर का उद्घाटन – अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली –
जिस तरह से दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक दुनिया के लिए माँडल बन गए हैं, उसे तरह दिल्ली के मीडिएशन सेंटर को भी दुनिया में रोल माँडल बनाएंगे। जिससे लोगों के आपसी विवाद का निपटारा बगैर पैसा खर्च हुए व समय बर्बाद हुए हो सके। पूरे भारत में मीडिएशन सेंटर खोले गए लेकिन हर जगह सेंटर एक-दो साल चलकर बंद हो गए। जबकि दिल्ली में मीडिएशन सेंटर ने दस साल पूरे कर लिए। साथ ही लोगों का विश्वास इसमें इतना बढ़ा कि आज हम 6 नए मीडिएशन का उद्घाटन कर रहे हैं। यह बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली डिस्प्यूट रिज्योल्यूशन सोसायटी(DDRS) के स्थापना के दस साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं। साथ ही उन्होंने छह नए सेंटर का उद्घाटन भी किया। इस दौरान कानून मंत्री कैलाश गहलोत। जस्टिस मदन लाल मेहता (चेयरमैनDDRS), जस्टिस मदन डी लोकूर व मुख्य सचिव विजय कुमार देव भी मौजूद थें।
मीडिएशन सेंटर में न कोई हारता है, न कोई जीतता है, यहां दोनों जीतते हैं – अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि DDRS ने दस साल में काफी कुछ किया है। दस साल में देश में मीडिएशन सेंटर खोलने की कई कोशिश हुई लेकिन अन्य राज्यों में मीडिएशन सेंटर सब बंद हो गए। लेकिन दिल्ली में इसने कई सफलता प्राप्त की। दिल्ली के लोगों को इसके लिए बधाई। आज हम छह सेंटर खुल रहे हैं। दिल्ली में सेंटर बंद नहीं हो रहे, सेंटर खुल रहे हैं। सीएम ने कहा मीडिएशन सेंटर से मुझे गांधी जी के जीवन की एक घटना याद आती है। वह वकील थें। साउथ अफ्रीका के फार्म में वह नौकरी कर रहे थें। उन्हें पहला केस मिला। केस बहुत बड़े आदमी का था। गांधी जी ने केस में दोनों पार्टी को बैठाकर समझौता करा दिया। फार्म नाराज हो गया, उसे केस चलने से बहुत पैसा मिलने वाला था। मीडिएशन सेंटर भी इसी कांसेप्ट पर हैं, यह बहुत पावरफूल आइडिया है। दिल्ली ने मोहल्ला क्लीनिक को दुनिया के लिए माडल बनाया। हम शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में माँडल बने हैंं। हम मीडिएशन में ऐसा काम करेंगे कि दुनिया में माडल बनेगा। इससे लोगों को तत्काल जस्टिस भी मिलेगा। इसको जितना बढ़ावा दें, उतना बेहतर है। कोर्ट में एक व्यक्ति केस हारता है, दूसरा जीतता है। मीडिएशन सेंटर में दोनों जीतते हैं। सालों केस नहीं चलता। खर्च नहीं होता। दिल्ली के मीडिएशन सेंटर में 33 हजार केस सुलझे हैं। यह बहुत बड़ी सफलता है। इसे अगले साल और प्रमोट भी करेंगे। हम अपना संस्थान बढ़ाएंगे। सोसायटी में आ रही समस्या को दूर करेंगे।
दिल्ली डिस्प्यूट रिज्योल्यूशन सोसायटी के स्थापना के दस साल
दिल्ली डिस्प्यूट रिज्योल्यूशन सोसायटी के स्थापना 27 नवंबर 2009 को हुई थी। अभी 10 मीडिएशन सेंटर है। आज 6 सेंटर खुल गए है। इसमें अब तक कुल 75 हजार केस आए, 33 हजार केस सुलझ गए। सफलता का प्रतिशत 44 है। दुनिया के हिसाब से यह आंकड़ा बहुत बेहतर है। कोर्ट में केस 3-7 साल में सुलझते हैं। डीडीआरएस में एक से सवा माह में सुलझ जाते हैं।
सरकार हर तरह से सहयोग करेगी – कैलाश गहलोत
कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा मजबूरी में ही कोई कोर्ट जाता है। बहुत पैसा और समय खर्च होने के कारण लोग कोर्ट नहीं जाना चाहते। किसी कोई यह बताया जाए कि कोर्ट के बगैर बिना किसी खर्च के निपटाया जा सकता है, वह भी रजामंदी से तो कोई भी तैयार हो जाएगा। जिस प्रकार हम स्वास्थ सेवा लोगों के घर लेकर गए, उसी तरह मीडिएशन सेंटर को हर क्षेत्र में खोलेंगे। जिससे आम आदमी को यह भरोसा हो कि उसे यहां से सहयोग मिलेगा। मीडिएशन सेंटर के लिए सरकार हर तरह के सहयोग को तैयार हैं। दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट बिल्डिंग को भारत में सबसे बेहतर है। दिल्ली सरकार हर समय सहयोग को तैयार है। इस दौरान जस्टिस एम एल मेहता ने सबका स्वागत किया और कहा कि मिडिएटर कानूनी प्रक्रिया की रीढ़ की हड्डी हैं।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन लोकुर ने कहा, “मध्यस्थता में, विवादों का सौहार्दपूर्ण रूप से निपटारा हो जाता है। इससे रिश्ते भी जीवित रहते हैं। मध्यस्थता विवादों के त्वरित समाधान की सुविधा भी प्रदान कर सकती है, लंबी न्यायिक प्रक्रियाओं से भी बचा जा सकता है। इसमें विवाद आमतौर पर 30 या 40 दिन में निपट जाते हैं। मध्यस्थता कम खर्चीली भी है। यह लगभग मुफ्त है। DDRS की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि “DDRS सामुदायिक मध्यस्थता शुरू करने वाली पहली और एकमात्र संस्था है , जो समाज में विकेंद्रीकृत और त्वरित न्याय प्रदान करने की पहल है। उन्होंने कहा कि डीडीआरएस के दायरे का विस्तार किया जाना चाहिए क्योंकि यह दिल्ली में शांति और सद्भाव सुनिश्चित कर सकता है। इसके अलावा, हमें डीडीआरएस की गतिविधियों से लोगों को अवगत कराना चाहिए।
DDRS के चेयरमैन न्यायमूर्ति एम.एल. मेहता ने कहा कि इसमें अब तक लगभग 75000 मामलों को आए हैं और जिसमें लगभग 33000 मामलों का निपटारा हो गया। यहां 44% प्रतिशत सफलता दर के साथ मामलों को निपटाया गया है। उन्होंने हर तरह का सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सराहना भी की।
इस दौरान मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसका श्रेय हमारे संविधान और संविधान के निर्माताओं की दूरदर्शिता को जाता है। संविधान की प्रस्तावना ही न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व है। DDRS न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सामंजस्यपूर्ण इंटरफ़ेस का एक अच्छा उदाहरण है। ऐसे संस्था से सार्वजनिक संस्थानों में लोगों का भरोसा स्थापित होता है। “
यह हैं 6 नए सेंटर
- बपरौला
- द्वारका
- कालका जी
- ओल्ड समयपुरी
- विवेक विहार
- राजीव गांधी पार्क
OFFICE OF THE CHIEF MINISTER
Government of NCT of Delhi
Press Release
27 November 2019
Chief Minister Arvind Kejriwal inaugurates six mediation centers of the Delhi Dispute Resolution Society
“Mediation is the best way for dispute resolution. In mediation, both the parties win and the disputes get settled cordially”, says Chief Minister Kejriwal.
Chief Minister inaugurates six new mediation centers of the Delhi Dispute Resolution Society (DDRS), marking the completion of 10 years of the Society.
“Delhi Dispute Resolution Society will be made a model initiative for the country similar to Mohalla Clinics. We’ll aggressively promote this initiative.”: Arvind Kejriwal
Out of nearly 75000 cases brought to DDRS, around 33000 cases settled with a highly commendable 44% percent success rate.
New Delhi: Chief Minister Arvind Kejriwal inaugurated six mediation centers of the Delhi Dispute Resolution Society (DDRS), in an event to mark the tenth anniversary of the Society held at the Delhi Secretariat on Wednesday in the presence of Delhi’s Law Minister Kailash Gahlot, Former Supreme Court Judge Justice Madan B. Lokur, Justice M.L. Mehta, Chairman of DDRS and Vijay Kumar Dev IAS, Chief Secretary of Delhi.
While congratulating the DDRS for the completion of glorious 10 years and its spectacular achievements, Chief Minister Arvind Kejriwal said, “Mediation is a powerful idea. It is the best way for dispute resolution. In mediation, both the parties win and the disputes get settled cordially. Delhi Dispute Resolution Society will be made a model initiative for the country similar to Mohalla Clinics. We’ll aggressively promote this initiative”. He also quoted Mahatma Gandhi’s efforts to settle the disputes amicable through mediation, when he started his legal profession in South Africa.
In the event, Kailash Gahlot Delhi’s Law Minister said, “Usually, people prefer to get into litigation as the last resort. Litigation is very expensive and time-consuming. As a government working for the common people, Delhi government is committed to ensure an affordable and accessible justice system in the city. We need to take justice to the doorstep of the people. For this, we’ll set up more mediation centers of DDRS across the city”.
Chief Secretary Shri Vijay Kumar Dev (IAS) said, “India continues to be the largest democracy in the world. The credit goes to our great constitution and the vision and the farsightedness of the founding fathers of the constitution, as envisioned in the principles of the preamble – Justice, Liberty, Equality and Fraternity. DDRS is a good example of the harmonious interface between the judiciary and executive. Such ventures can establish people’s trust in the public institutions.”
Former Supreme Court Judge Justice Madan Lokur said, “In mediation, disputes get amicably settled. The relationships also will survive between the parties. Mediation can also facilitate quick resolution of the disputes, comparing to the lengthy judicial processes. Disputes get settled usually within 30 -60 days. Mediation is less expensive. It is almost free”. While appreciating the achievements of DDRS, he added “DDRS is the first and the only institution to introduce community mediation – an initiative to deliver decentralized and speedy justice in society. The scope of DDRS needs to be expanded as it can ensure peace and harmony in Delhi. Further, we should make people aware of the activities of DDRS”, he added.
“Since its inception, nearly 75000 cases were brought to DDRS and around 33000 cases have been settled with a highly commendable 44% percent success rate”, said Justice M.L. Mehta, Chairman of Delhi Dispute Resolution Society.
Chief Minister also distributed certificates to the mediators who successfully completed the training program conducted by DDRS.
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