नई दिल्ली, 8 अप्रेल 2024
दिल्ली विधानसभा में सदन के पटल पर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में दवाईयों की स्थिति को रखते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि लगभग 2 महीने पहले जनवरी के अंत में दिल्ली के अस्पतालों से इस प्रकार की खबरें प्राप्त होने लगी थी कि दिल्ली के अस्पतालों में दवाइयां की कमी हो रही है, और मोहल्ला क्लीनिकों में सारी जांचे बंद कर दी गई हैं I उन्होंने कहा कि इस बारे में मैंने कई बार विभाग में भी बातचीत की, साथ ही साथ स्वास्थ्य सचिव से भी इस मामले में कई बार चर्चा हुई, कई बार लिखित में निर्देश भी जारी किए गए I परंतु किसी प्रकार की कोई ठोस कार्यवाही न होने के कारण मजबूरन 12 फरवरी 2024 को मैंने मुख्य सचिव नरेश कुमार जी को लिखित निर्देश जारी किए I उन्होंने कहा कि मैंने मुख्य सचिव से लिखित में प्रश्न पूछे कि क्या दिल्ली के अस्पतालों में सचमुच दवाइयों की कमी है और यदि है तो इस ठीक करने का आपका क्या प्लान है? क्या मोहल्ला क्लिनिको में सभी जांच बंद कर दी गई हैं और यदि कर दी गई है तो इसको दोबारा शुरू करने के लिए क्या प्लान है , उसे टाइमलाइन के साथ लिखित रूप में मुझे दिया जाए I उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव की ओर से इस पर कोई संतोषजनक जवाब मुझे प्राप्त नहीं हुआ I
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कोई संतोषजनक जवाब प्राप्त न होने के कारण मैंने 4 मार्च को एक बार फिर मुख्य सचिव को लिखित रूप में यह सभी जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए निर्देश जारी किए I इसके बावजूद भी उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया तो 18 मार्च को मैंने लिखित रूप में उन्हें यह निर्देश जारी किए कि इस पर जल्द से जल्द कोई सख्त कार्यवाही की जाए I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जनप्रतिनिधि होने के नाते सीमापुरी विधानसभा से विधायक राजेंद्र पाल गौतम जी ने नियम 54 के तहत इस मामले पर चर्चा का निवेदन किया और आज विधानसभा में नियम 54 के तहत इस मामले पर चर्चा हुई I उन्होंने बताया कि मैंने मुख्य सचिव को इस बात की लिखित जानकारी दी थी, कि 8 अप्रैल को सदन में नियम 54 के तहत दिल्ली के अस्पतालों में जो वर्तमान स्थिति है, उस पर चर्चा है, आप वहां मौजूद रहना, परंतु यह बड़ी दुख की बात है कि मेरे कहने के बावजूद भी वह आज यहां इस सदन में उपस्थित नहीं है I
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक सोची समझी साजिश के तहत दिल्ली के अस्पतालों, डिस्पेंसरीयों और मोहल्ला क्लिनिको में दवाइयां की कमी बनाई जा रही है I उन्होंने कहा कि सेंट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी CPA के द्वारा दिल्ली के अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिको में दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं I उन्होंने कहा कि अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए सीपीए के द्वारा टेंडर जारी किया जाता है और आप सभी को जानकर बेहद हैरानी होगी, कि 2023 में सीपीए के द्वारा जो टेंडर जारी किया गया उसको 1 साल तक फाइनल नहीं किया गया, जबकि उस टेंडर के लिए कंपनियों की ओर से बिड भी आई थी, परंतु उसके बावजूद भी उस टेंडर को जानबूझकर एक साल तक रोका गया I इसी स्थिति में उस टेंडर का 1 साल समाप्त हो गया और अब मार्च में दोबारा से उस टेंडर को जारी किया गया है I उन्होंने कहा कि सभी इस बात को भली भांति जानते हैं कि जब सीपीए का टेंडर फाइनल ही नहीं होगा तो अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध ही नहीं होगी I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस संबंध में भी मैंने लिखित रूप में निर्देश जारी किया, कि जो भी अधिकारी इस टेंडर के पूर्ण न होने के लिए दोषी हैं, उन सभी लोगों की जानकारी मुझे उपलब्ध कराई जाए, परंतु अभी तक उन दोषी अधिकारियों की या जिम्मेदार लोगों की सूची मुझे उपलब्ध नहीं कराई गई है I
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यदि CPA के द्वारा दवाइयां की उपलब्धता नहीं हो रही है तो दवाइयां की उपलब्धि के लिए एक अन्य विधि होती है लोकल परचेज उन्होंने बताया कि इस संबंध में मैंने 1 मार्च 2024 को सभी अस्पतालों के एमएस और एमडी की एक बैठक बुलाई, इसके बाद 11 मार्च 2024 को इन सभी अधिकारियों की दूसरी बैठक बुलाई I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बैठक में आए अस्पताल के अधिकारियों ने बताया, कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुछ इस प्रकार के सर्कुलर निकाले गए हैं, कि अब लोकल परचेज के द्वारा या लोकल रेट कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा भी अस्पताल दवाइयां नहीं खरीद पा रहा है I और सभी अस्पतालों में दवाइयों की भारी कमी है ।इन सभी बातों से साबित होता है कि एक सोची समझी साजिश के तहत दिल्ली के अस्पतालों में एक आपातकाल की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है I
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस दिल्ली और आस पास के राज्यों में लाखों ऐसे गरीब लोग हैं जो अपने इलाज और दवाइयां के लिए केवल और केवल सरकारी अस्पतालों, डिस्पेंसरियों और मोहल्ला क्लीनिक पर निर्भर हैं I उन्होंने कहा कि यदि अस्पतालों में, डिस्पेंसरी में दवाइयां नहीं होगी, तो इन लोगों का क्या होगा? मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लाखों ऐसे लोग हैं जो अपने परिवार को चलाने वाले हैं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं और दिल्ली सरकार के अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिको में मिलने वाली दवाइयां पर जिंदा है I उन्होंने सदन के पटल से चेतावनी देते हुए कहा, कि यदि दिल्ली में दवाइयां की कमी के कारण किसी व्यक्ति की मौत हुई, तो इसके लिए मैं मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव पर मुकदमा दर्ज कराऊंगा I
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 27 मार्च को दिल्ली विधानसभा में ही उन्होंने मुख्य सचिव को और स्वास्थ्य सचिव के साथ इस संबंध में एक बैठक की और उसे बैठक में मुख्य सचिव की और स्वास्थ्य सचिव ओर से यह जानकारी दी गई, कि दिल्ली के अस्पतालों में किसी भी दवाई की कोई कमी नहीं है I उन्होंने कहा कि मैंने इस संबंध में उपराज्यपाल महोदय को चिट्ठी लिखकर कहा, कि मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव मुझे और दिल्ली सरकार को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दवाइयां की कोई कमी नहीं है, जबकि लगातार शिकायतें मिल रही है, कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दवाइयों की बहुत कमी है, लिहाजा गुमराह करने के लिए इन लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए I उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल महोदय की ओर से इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो ऐसा प्रतीत होता है की मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव यह सब काम उपराज्यपाल महोदय की सहमति और उनकी मिली भगत से कर रहे हैं I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज सदन में बुराड़ी से विधायक संजीव झा और रिठाला से विधायक महेंद्र गोयल जी ने अपने-अपने क्षेत्र में स्थित दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आज आए मरीजों के पर्चों की प्रति दिखाई है, जिससे साफ तौर पर यह साबित हो जाता है, कि अस्पतालों में मरीजों को पूरी दवाई नहीं मिल रही है, अस्पतालों में दवाई की भारी कमी है I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा क्योंकि 27 मार्च को मुख्य सचिव द्वारा मुझे यह जानकारी दी गई कि सभी दवाइयां उपलब्ध हैं, जबकि ऐसा नहीं है और मैंने उपराज्यपाल महोदय को उनके खिलाफ जाँच और सख्त कार्रवाई करने के आवेदन किया है, तो अब अस्पतालों में डॉक्टर को ऐसे निर्देश दिए जा रहे हैं, कि जो दवाइयां अस्पतालों में मौजूद नहीं है, उनको पर्ची में ना लिखा जाए ताकि इस बात का पता ना चल सके कि अस्पतालों में दवाइयों की कमी है I साथ ही साथ मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मदन मोहन मालवीय अस्पताल, लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल और पंत अस्पताल में आज ही आए मरीजों के कुछ पर्चों कि प्रति दिखाते हुए कहा, कि इन पर्चों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि इन सभी मरीजों को पूरी दवाइयां नहीं दी गई है, इन्हें कहा गया कि यह दवाइयां उपलब्ध नहीं है, तो किस आधार पर मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव इस बात का दावा कर रहे हैं, कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दवाइयां की कोई कमी नहीं है I
इंडियन एक्सप्रेस अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि इस खबर में कई अस्पतालों का जिक्र किया गया है, जहां पर दवाइयां की कमी बताई गई है I उन्होंने कहां की तानाशाही की पराकाष्ठा तो यह है कि इन अस्पतालों में और दिल्ली के बाकी सभी अस्पतालों में दवाइयां की और अन्य उपयोग में आने वाले वस्तुओं की व्यवस्था करने के बजाय मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिए कि इंडियन एक्सप्रेस अखबार को इस संबंध में नोटिस जारी किया जाए I उन्होंने कहा कि इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर में इस बात का दावा किया कि उन्होंने दिल्ली सरकार के तीन अस्पतालों में दौरा किया और वहां पाया कि दवाइयों की भारी कमी है I इसको लेकर व्यवस्थाओं को सुधारने के बजाय मुख्य सचिव स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दे रहे हैं कि इंडियन एक्सप्रेस अखबार को नोटिस जारी किया जाए I उन्होंने कहा कि मैंने भी आज कुछ अस्पतालों में आए मरीजों के पर्चे यहां दिखाए हैं, विधायक संजीव झा ने, विधायक महेंद्र गोयल ने और विधायक राखी बिड़ला ने अपने-अपने क्षेत्र के अस्पतालों में आए लोगों के आज के पर्चे यहां दिखाए हैं, जिसमें साफ तौर पर देखा गया कि अस्पतालों में दवाइयां की कमी है, तो मैं मुख्य सचिव महोदय से आग्रह करता हूं कि वह हम सभी लोगों के खिलाफ भी नोटिस जारी करें I