Scrollup

दिल्ली के अंदर काम करने के मामले में भाजपा के सातों सांसद कामचोर निकले हैं। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ सैटेटिस्टिक एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन विभाग से मिले आंकड़ों के जरिए भाजपा सांसदों की पोल खोलते हुए कहा कि सातों सांसदों को पिछले 5 साल में सांसद निधि के तहत 124 करोड़ रुपए मिले थे और ये 66 फीसद से ज्यादा बजट खर्च ही नही कर पाए। इस तरह, इन्होंने 81 करोड़ रुपए बर्बाद कर दिए। 124 करोड़ रुपए में से भाजपा सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने 7.5, गौतम गंभीर, मनोज तिवारी, रमेश बिधुड़ी व मिनाक्षी लेखी ने 7-7 रुपए खर्च किया है, जबकि प्रवेश वर्मा और हंसराज हंस ने मात्र 5-5 करोड़ खर्च किया है। जबकि 81 करोड़ का इस्तेमाल सीसीटीवी, कानून-व्यवस्था, सड़क व नाली बनाने में हो सकता था। इसीलिए चुनाव की घोषणा के दो महीने बाद भी भाजपा जनता के बीच अपने सांसदों के काम नहीं बता पा रही है और केवल हिन्दू-मुस्लिम, मंगलसूत्र कर लोगों को भटका रही है। वहीं, देश में केवल आम आदमी पार्टी काम की राजनीति करती है। हम हमेशा कहते हैं कि अगर हमने काम किया है, तो हमें वोट देना।

पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी काम की राजनीति के लिए जाने जाते हैं। इस देश में जब-जब चुनाव होते हैं और आम आदमी पार्टी वोट मांगती है तो हम लोगों से कहते हैं कि अगर हमने काम किए हैं तो हमें वोट दीजिए। अगर काम नहीं किया है तो वोट मत दीजिए। पूरे देश में आम आदमी पार्टी इकलौती ऐसी पार्टी है जो अपने काम गिनाती है और काम के बलबूते पर वोट मांगती है। लोकसभा चुनाव की घोषणा हुए 2 महीने से ज्यादा हो गए हैं। 15 मार्च को चुनाव की घोषणा हुई थी। 25 मई को दिल्ली में चुनाव हैं। चुनाव की घोषणा हुए 2 महीने बीत चुके हैं, लेकिन आज तक बीजेपी ने ये नहीं बताया कि 10 साल में बीजेपी के सातों सांसदों ने दिल्ली के लोगों के लिए क्या काम किए। 2 महीने हो गए, लेकिन इतने समय से बीजेपी केवल गाली-गलौंच, हिंदू मुसलमान, गाय-भैंस, मंगलसूत्र जैसी चीजों पर दिल्ली के लोंगों का ध्यान भटका रही है।

जस्मीन शाह ने कहा कि आज दिल्ली के 7 सांसद और बीजेपी ये नहीं बता पा रही है कि इन्होंने दिल्ली के लोगों के लिए क्या काम किए हैं। इससे पता चलता है कि इन्होंने काम नहीं किए हैं। इसलिए कुछ बता भी नहीं पा रहे हैं। इन्होंने दिल्ली में कोई काम नहीं किए। इसलिए 7 में से 6 सांसद बदल लिए। क्या दिल्ली के लोग बता सकते हैं कि बीजेपी के सांसदों ने दिल्ली में एक भी सरकार स्कूल बनाया है? उनके पास भी सरकार के बजट का बहुत पैसा आता है। क्या उन्होंने एक भी मोहल्ला क्लीनिक या सरकारी अस्पताल बनाया? बीजेपी दिल्ली के लोगों के लिए अपना एक भी काम गिनाने मे असफल रही है। कानून व्यवस्था दिल्ली से प्रति केंद्र सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। ये दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है। आज दिल्ली के किसी भी कोने में चले जाएं, लोगों का यही रोना है कि दिल्ली में बेलाम अपराध बढ़ता जा रहा है। मर्डर और खून-खराबे के वारदात हो रहे हैं और दिल्ली देश की क्राइम कैपिटल बन गई है, फिर भी इस मुद्दे पर बीजेपी और उसके सारे सांसद चुप हैं।

जस्मीन शाह ने कहा कि हमारे पास ऐसे कई आंकड़ें हैं जिसे देखकर आप दंग रह जाएंगे। इन आंकड़ों से पता चलता है कि बीजेपी ने दिल्लीवालों को ऐसे सांसद दिए हैं, जिन्होंने दिल्ली के लोगों के लिए को काम नहीं किया। दिल्ली के लोगों के ऊपर खर्च करने के लिए मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट (सांसद निधि) के तहत हर साल हर लोकसभा के सांसद को कई करोंड़ो रुपए मिलते हैं। ये उनका पैसा नहीं है, वो कोई उपकार नहीं कर रहे हैं। ये दिल्ली के लोगों का हक है कि उनके चुने हुए एमपी उनकी छोटी-छोटी समस्याओं का हल करने के लिए इस बजट से जहां खर्च करना चाहें कर सकते हैं। वो चाहें तो स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक, सड़क या नालियां बनवा लें।

जस्मीन शाह ने केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ सैटेटिस्टिक एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन विभाग से मिले पिछले 5 साल के आंकड़े रखते हुए बताया कि 2019 से 2024 के बीच में दिल्ली के सातों सांसदों को कुल 124 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। जिसमें बीजेपी के सांसदों से 124 करोड़ रुपए में से 81 करोड़ रुपए खर्च नहीं किए। यानि 66 फीसद या दो तिहाई पैसा बीजेपी के सांसदों ने बर्बाद किया। इन सातों सांसदों में से किसी एक का भी ट्रेक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। डॉ. हर्षवर्धन चांदनी चौक से सांसद थे, पिछले 5 सालो में उन्हें 22 करोड़ रुपए का बजट उन्हें लोगों की समस्याओं पर खर्च करने के लिए मिले थे, लेकिन उन्होंने केवल 7.5 करोड़ रुपए खर्च किए। पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर को 17 करोड़ रुपए का बजट मिला था, जिसमें से उन्होंने केवल 7 करोड़ रुपए खर्च किए। मनोजी तिवारी जिसे बीजेपी ने इस बार दोबारा टिकट दिया है, उनको भी 17 करोड़ रुपए का बजट मिला था जिसमें से उन्होंने केवल 7 करोड़ रुपए खर्च किए। पश्चिमी दिल्ली से प्रवेश साहिब वर्मा को 17 करोड़ रुपए का बजट मिला लेकिन उन्होंने सिर्फ 5 करोड़ रुपए खर्च किए। हंस राज हंस, जो उत्तर पश्चिमी दिल्ली से सांसद थे, उन्हें भी 17 करोड़ रुपए का बजट मिला लेकिन उन्होंने भी केवल 5 करेड़ रुपए खर्च किए। रमेश बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली से सांसद थे, उन्हें भी 17 करोड़ रुपए का बजट मिला लेकिन उन्होनेक केवल 7 करोड़ रुपए खर्च किए। मिनाक्षी लेखी जो केंद्र में मंत्री भी रहीं, वो नई दिल्ली की सांसद थी। 17 करोड़ रुपए में से उन्होंने भी केवल 7 करोड़ रुपए ही खर्च किए।

जस्मीन शाह ने कहा कि बीजेपी से इन सांसदों ने कुल 124 करोड़ में से 81 करोड़ रुपए का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया। इन 81 करोड़ रुपयों में जनता के कई काम हो सकते थे। कई क्लीनिक बन सकते थे, सीसीटीवी कैनरे लग सकते थे, कानून व्यवस्था की समस्याओं का हल निकाला जा सकता था, सड़क और नालियों का काम हो सकता था। मुझे नहीं लगता कि दिल्ली या पूरे में देश में कभी किसी को इतने निठ्ठले और कामचोर सांसद मिले होंगे। बजट का इस्तेमाल करने में बीजेपी के इन सांसदों का 33 फीसद ट्रैक रिकॉर्ट पूरे देश में सबसे कम रहा है। भाजपा ने अन्य राज्यों में भी कोई ज्यादा अच्छा काम नहीं किया है। गुजरात में बीजेपी के सारे सांसदों ने केवल 50 फीसद खर्च किया है, उन्होंने भी अपना आधा बजट ऐसे ही जाने दिया और ये सोचा कि हमें लोगों के काम करने की कोई जरूरत नहीं है। राजस्थान में भी जनता ने बहुमत से बीजेपी के सारे सांसद जिताए लेकिन वहां इन्होंने केवल 43 फीसद बजट खर्च किया। हरियाणा में आंकड़ा 46 फीसद का है। दिल्ली के सांसद आज पीछे से पहले नंबर पर आए हैं, ये दिल्ली के लोगों के भी संदेश देता है कि बीजेपी ने ठान लिया कि हमें दिल्ली के लोगों के लिए एक काम भी नहीं करना है। दिल्ली के लोग जीए या मरें उनके साथ जो भी हो हमें कोई परवाह नहीं है। अगर 124 करोड़ रुपए भी आएं तो वो भले ही व्यर्थ जाएं लेकिन हम केजरीवाल की तरह मोहल्ला क्लीनिक, स्कूल नहीं बनवाएंगे, सीसीटीवी कैमरे नहीं लगवाएं। वोट तो आ ही रहे हैं काम करने की क्या जरूरत है, हम तो सरकारी गाड़ी और सरकारी बंगले में ऐश करेंगे। यह दिल्ली के लोगों के लिए जानना बहुत जरूरी है कि बीजेपी के सांसद कभी भी उनके नहीं हैं, अगर बीजेपी के सांसद को जिताओगे तो वो केवल ऐश करेंगे, सुबह शाम गाली गलौच करेंगे, अनर्गल आरोप लगाएगें। लेकिन काम करने वाले केवल अरविंद केजरीवाल और उनके सांसद हैं।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

socialmedia