नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2024
दिल्ली को शुक्रवार को दलित समाज से मेयर मिल जाता, लेकिन भाजपा के एलजी ने ऐन वक्त पर दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव रद्द कर दिया। जबकि चुनाव आयोग ने चुनाव कराने की अनुमति दे दी थी। इसकी जानकारी साझा करते हुए एमसीडी के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि मेयर का चुनाव कैंसिल करवाकर भाजपा ने दलित समाज का अपमान किया है।दलित समाज को पांच साल में केवल एक साल दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है। भाजपा इसे भी छीन रही है। उन्होंने कहा कि एलजी साहब चुनाव रद्द करने का कारण बता रहे हैं कि वो मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करते हैं। इसमें सीएम की इजाजत नहीं मिली है। इससे पहले सीएम ने दिल्ली के हक में हजारों सलाह दिए हैं, पर एलजी साहब ने आज तक उस पर काम नहीं किया। वहीं विशेष रवि का कहना है कि भाजपा को डर है कि एमसीडी में “आप” का दलित मेयर बन गया तो वो लोकसभा चुनाव बुरी तरह से हार जाएगी। “आप” के मेयर प्रत्याशी महेश खिंची का कहना है कि हमारे पास 135 पार्षदों के साथ कांग्रेस का भी समर्थन था। हम चुनाव जीत रहे थे, लेकिन भाजपा नहीं चाहती कि दलित दिल्ली का मेयर बने।
पार्टी मुख्यमय में प्रेस को संबोधित करते हुए एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भारत के इतिहास में आज का दिन बहुत ही काले अक्षरों में लिखा जाएगा। पहली बार ऐसा हुआ है कि चुनाव आयोग ने दिल्ली के अंदर मेयर का चुनाव कराने की परमिशन दे दी। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने इलेक्शन रद्द कर दिया। भाजपा द्वारा नियुक्त एलजी साहब ने चुनाव कैंसल कर दिया है। मुझे लग नहीं लगता है कि इससे ज्यादा भारत के संविधान के साथ खिलवाड़ कभी हो सकता है। भारत का संविधान यह अधिकार देता है कि दिल्ली के अंदर जो भी मेयर बनेंगे, उसमे तीसरी बार दलित समाज का व्यक्ति दिल्ली का मेयर बनेगा। इस बार एक दलित समाज के व्यक्ति को दिल्ली का मेयर बनना था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने यह इलेक्शन कैंसल करा दिया और कह दिया कि यह इलेक्शन नहीं हो सकता, जबकि इलेक्शन कमीशन ने परमिशन दी हुई है कि आप इलेक्शन करा सकते हैं।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि इसी तरह जब 2019 में चुनाव होने थे। उस समय भी पूरे देश के अंदर इलेक्शन हो रहे थे, तब भी दिल्ली के अंदर मेयर चुनाव हुआ था। लेकिन इस बार इन्होंने संविधान को तार-तार करते हुए इलेक्शन को कैंसल कर दिया। एलजी साहब यह कारण बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करते हैं। अभी सीएम ने इसकी इजाजत नहीं दी है। यह कितना मजाकिया तर्क है। मुख्यमंत्री ने दिल्लीवालों के हक में हजारों सलाह दिए, लेकिन एलजी साहब ने आज तक उस पर एक भी काम नहीं किया। पिछली बार मेयर चुनाव के दौरान बहुत लड़ाई झगड़े हुए थे। तब दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि मुकेश गोयल सबसे वरिष्ठ है, उनको पीठासीन अधिकारी बनना चाहिए। इसके बाद भी एलजी साहब ने उनकी नहीं सुनी और भारतीय जानता पार्टी के कार्यकर्ता को पीठासीन अधिकारी बना दिया। उस भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ने संविधान की हत्या करने की कोशिश की। हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट से परमिशन ली और पीठासीन अधिकारी को हटाया गया।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता को पीठासीन अधिकारी बनाया गया। उसने भी मेयर चुनाव की प्रक्रिया को बाधित की और खुलेआम गड़बड़ी की। कल दिल्ली के अंदर 11 बजे मेयर का चुनाव होना था, लेकिन इन्होंने मेयर चुनाव कैंसिल कर दिया। भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में घूम-घूम कर कह रही है कि हमको 400 सीटें दो, क्योंकि वो बाबा साहब के संविधान को बदलना चाहती है। अगर ये लोग दिल्ली मेयर का चुनाव कैंसिल कर सकते हैं तो कल को कुछ भी कर सकते हैं। दिल्ली के अंदर अब कोई मेयर नहीं होगा जो मेयर 26 अप्रैल को बनना था, वह मेयर अब नहीं होगा। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रक्रिया को बाधित कर दिया है। पूरा देश देख रहा है कि भारतीय जनता पार्टी किस तरह से संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। अगर ये लोग लोकसभा चुनाव जीत गए तो संविधान को खत्म कर देंगे। दलित समाज को 5 साल में केवल एक साल दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है। भाजपा उस अधिकार को भी छीन रही है। इससे ज्यादा गलत और असंवैधानिक कार्य कुछ भी नहीं हो सकता।
इस दौरान दलित समाज से आने वाले “आप” विधायक विशेष रवि ने कहा कि एमसीडी मेयर चुनाव में कांग्रेस के पार्षदों में भी आम आदमी पार्टी को समर्थन दे दिया था। इस बार पूरी तरह से साफ था कि दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी का मेयर बनेगा। लेकिन भाजपा हर रोज बेईमानी का नया कीर्तिमान स्थापित करती जा रही है। भाजपा संविधान में स्थापित नियमों कानून को तोड़ रही है। अब भाजपा ने देश में एक और नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। इस समय सबसे बड़ी चुनौती चुनाव आयोग से अनुमति लेने की थी, क्योंकि देश में चुनाव चल रहे हैं और आचार संहिता लगी हुई है। फिर भी चुनाव आयोग ने मेयर चुनाव कराने की अनुमति दे दी। लेकिन भाजपा ने चुनाव रद्द करा दिया। इससे यह साफ है कि भाजपा पूरी तरह से घबराई और भयभीत है। इसलिए वो चाहती है कि दिल्ली के अंदर मेयर का चुनाव न हो। भाजपा को लगता है कि एमसीडी में “आप” का दलित मेयर बन गया तो वो लोकसभा चुनाव बुरी तरह से हार जायेगी। इसीलिए भाजपा ने चुनाव कराने से मना कर दिया।
विशेष रवि ने कहा कि संविधान में स्थापित नियमों के अनुसार इस साल एमसीडी का मेयर दलित समाज से बनना था। आम आदमी पार्टी ने अपना प्रत्याशी भी चुन लिया था। हमारे प्रत्याशी महेश खिंची ने नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया था। चुनाव की मात्र औपचारिकता भर रह गई थी। कल इसके परिणाम भी आ जाते हैं और दिल्ली को अपना नया दलित मेयर मिल जाता, लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं होने दिया। भाजपा संविधान में विश्वास नहीं करती है और दलित समाज के लोगों से भी उसे दिक्कत है। भाजपा को अच्छा नहीं लग रहा था कि दिल्ली को एक दलित समाज का मेयर मिले। यह बहुत दुखद है। दलित समाज के लोग देख रहे हैं कि कैसे भारतीय जनता पार्टी ने एक दलित समाज के व्यक्ति को मेयर बनने से रोक दिया। 25 मई को दिल्ली में होने वाले लोकसभा का चुनाव में दलित समाज भाजपा को हराकर इसका बदला लेगा।
त्रिलोकपुरी से आम आदमी पार्टी के विधायक रोहित मेहरौलिया ने कहा कि मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत है। जानबूझकर एक साजिश के तहत भाजपा के एलजी ने यह चुनाव रोकने का दुस्साहस किया है। यह दिल्ली और देश के लोग देख रहे हैं। एलजी साहब की इस हरकत से भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता आज फिर उजागर हुई है। इस बार दलित समाज के व्यक्ति को मेयर के रूप में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता। भाजपा को पता है कि आम आदमी पार्टी का मेयर चुनकर आ जाएगा तो इससे दिल्ली के लोगों में आम आदमी पार्टी के प्रति भरोसा बढ़ेगा। इसी को देखकर के भाजपा ने चुनाव रद्द करा दिया। बाबा साहब ने संविधान में दलितों को प्रतिनिधित्व का मौका देने का प्रावधान किया है, भाजपा ने उसे रोकने का प्रयास किया है। ऐसा लगता है कि भाजपा ने तय कर लिया है कि न वो सुप्रीम कोर्ट को मानेगी और न चुनाव आयोग को कुछ समझेगी। चुनाव आयोग ने मेयर चुनाव कराने की अनुमति दे दी थी। इसके बावजूद एलजी साहब ने चुनाव को रद्द कर दिया। दिल्ली और देश के दलित समाज के लोग इस बार भाजपा को इसका जवाब देंगे।
वहीं, आम आदमी पार्टी से मेयर प्रत्याशी महेश खिंची ने कहा कि मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के पास 135 पार्षद है और कांग्रेस का भी हमें समर्थन मिल रहा था। कल हम मेयर का चुनाव जीतने जा रहे थे। चुनाव आयोग ने भी चुनाव कराने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था, लेकिन भाजपा के लोग तानाशाही दिखाते हुए संविधान के खिलाफ जा रहे हैं। भाजपा के एलजी ने चुनाव को टाल दिया। भाजपा नहीं चाहती है कि दिल्ली को दलित मेयर मिले। बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है और दलितों के विरोध में काम कर रही है। चंडीगढ़ के चुनाव में भी भाजपा ने आम आदमी पार्टी के दलित प्रत्याशी को मेयर बनने से रोकने का प्रयास किया। जिसे पूरे देश ने देखा। अब 26 अप्रैल को दिल्ली में मेयर चुनाव होने वाले थे। इसको भी रोक दिया है। भाजपा चाहती है कि आम आदमी पार्टी जनता की भलाई का कोई भी काम न करें। दिल्ली की जनता भाजपा को लोकसभा चुनाव में इसका जवाब देगी