आम आदमी पार्टी ने तथाकथित शराब घोटाले को पूरी तरह से बयानबाजी पर आधारित करार दिया है। ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि ईडी की जांच और बयानों में कोई दम नहीं नहीं है और न तो अभी तक एक चवन्नी की बरामदगी की है। उन्होंने कहा कि इस मामलें में तीन फरवरी 2024 को कोर्ट में एक आरोपी की पेशी हुई। उसने पाया कि उसके द्वारा दिए गए बयानों के विपरित ईडी ने उसका लिखित बयान पेश किया है। उसने ईडी के लिखित बयान पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट से पूछताछ की वीडियो-ऑडियो मंगाकर उसकी जांच करने का अनुरोध किया है। वहीं, ईडी द्वारा कोर्ट में जो सीसीटीवी कैमरे का फुटेज प्रस्तुत किया गया है, उसमें से ऑडियो गायब है। इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए ईडी से सात फरवरी को जवाब मांगा है। इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है कि अगर इस मामले में इतना दम है तो ईडी को वीडियो-ऑडियो में छेड़छाड़ करने की क्यों जरूरत पड़ रही है और वो क्यों ‘‘आप’’ को झूठे बयानों के आधार पर फंसा रही है?
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेन्स में कहा कि कभी ऐसा घोटाला नहीं सुना गया, जिसमें सरकार का राजस्व बढ़ा हो। कभी ऐसा भी घोटाला नहीं सुना गया होगा, जिसमें दो साल हो गए और भाजपा की प्रमुख सहयोगी ईडी करीब एक हजार रेड मार चुकी हो, लेकिन अब तक एक चवन्नी भी नहीं बरामद कर पाई है। तथाकथित शराब घोटाले में ईडी का पूरा केस ही बयानबाजी पर आधारित है। उसका पूरा केस ‘‘ही सेड-सी सेड’’ पर आधारित है। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2020 में एक महत्वपूर्ण जजमेंट में कहा था कि गवाहों के सारे बयान सीसीटीवी में रिकॉर्ड होने चाहिए। पुलिस स्टेशन या एजेंसी जहां भी कोई बयान लेती है तो उनकी ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग होनी अनिवार्य है। ईडी को इस कानून का अनुपालन करना चाहिए। तथाकथित आबकारी मामले में सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन होने और भी जरूरी हो जाता है। क्योंकि ईडी को अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है और सारा केस बयानबाजी पर आधारित है।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि 19 जुलाई 2023 को तथाकथित शराब घोटाले मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पुनः दोहराया था कि सरकारी गवाह और आरोपियों के बीच का हर बयान कैमरे में ऑडियो और वीडियो फॉर्म के रूप में होना अनिवार्य है। ‘‘ही सेड-सी सेड’’ बयानबाजी पर आधारित मामलों में ऑडियो-वीडियो की रिकॉर्डिंग इसलिए भी जरूरी हो जाती है, क्योंकि सरकारी गवाह और आरोपी को आमने-सामने बैठाकर प्रश्न पूछे जाते हैं। तीन फरवरी 2024 को जब एक आरोपी ने कोर्ट में देखा कि उनकी ऑडियो-वीडियो के तहत जो रिकॉर्डिंग हुई थी, उसके ठीक विपरीत ईडी ने कोर्ट में लिखित बयान पेश किया है। उस आरोपी ने ईडी द्वारा पेश लिखित बयान का खंडन किया और कहा कि उसने तो यह बोला ही नहीं है, ईडी गलत बयान पेश कर रही है। आरोपी ने कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा कि कोर्ट ईडी से ऑडियो और वीडियो दोनों मंगाकर जांच करे। यह हैरानी की बात है कि जब कोर्ट के समक्ष जब आरोपी के बयान का वीडियो रखा गया तो उसमें से ऑडियो गायब थी और ईडी अपनी मर्जी से उसका बयान रख रही थी। इसके बाद कोर्ट ने ईडी को खूब फटकार लगाई और 7 फरवरी 2024 को इस मामले में जवाब भी मांगा है।
‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि आखिर ईडी ऐसा क्यों और किसके कहने पर कर रही है? अगर ईडी के केस में इतना दम है तो उनको ऑडियो-वीडियो से छेड़छाड़ करने की जरूरत क्यों पड़ रही है। ईडी किसको बचाना चाहती है और क्यों आम आदमी पार्टी को झूठे बयानों के आधार पर फंसाना चाहती है, यह बहुत संगीन मामला है और सारा का सारा केस ही फर्जी है। ईडी की जांच और बयानों में कोई दम नहीं है और न तो आज तक एक चवन्नी की कोई बरामदगी हुई है। ईडी का केवल यही काम रह गया है कि भाजपा का सहयोगी बनकर चुनाव से पहले सक्रिय हो जाना। ईडी को इसका जवाब देना होगा। हमने कोर्ट में सोमवार को एक अर्जी देकर सभी गवाहों के बयानों की ऑडियो और वीडियो की मांग की है।