दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने भारतीय जनता पार्टी के विधायकों द्वारा विधानसभा में दूषित जल लाने और इसे यमुना का पानी होने का दावा करने के मुद्दे को सोमवार को ‘‘गंभीर’’ करार दिया। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने मामला विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजते हुए एक माह के अंदर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की एक रिपोर्ट में बीजेपी विधायकों के दावों को खारिज किया गया है। साथ ही कहा गया है कि उनके द्वारा लाया गया पानी यमुना नदी का नहीं है। विपक्ष के सदस्यों ने अनावश्यक सनसनी फैलाई और सदन को गुमराह किया। साथ ही दिल्ली के लोगों में दहशत फैलाने का प्रयास किया है। विशेषाधिकार समिति जांच कर रिपोर्ट पेश करें कि इस मामले में कौन-कौन शामिल थे, पानी कहां से लाया गया? समिति को एक माह के अंदर रिपोर्ट पेश करनी होगी।
बता दें कि जनवरी में दिल्ली विधानसभा के सत्र के दौरान भाजपा विधायक दिल्ली सरकार को पानी की आपूर्ति के मुद्दे पर घेरने के अपने प्रयास के तहत सदन में बोतल में दूषित पानी लेकर आए थे। उन्होंने कहा था कि यह दूषित पानी यमुना का है। इन बोतलों को दिखाकर दिल्ली में जल आपूर्ति के मुद्दे पर भाजपा विधायकों ने फर्जी आरोप लगाए थे। जिस पर विधानसभा के अध्यक्ष ने पानी के सैंपल की जांच का आदेश दिया था। लेकिन अब जल बोर्ड की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि वो पानी यमुना का नहीं था।
बजट सत्र में विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट में यह स्पष्ट ढंग से बताया गया है कि बोतलों का पानी यमुना नदी का नहीं था। बल्कि यह पीने का पानी था और उसमें कुछ काला प्रदार्थ मिलाया हुआ था। यह बहुत ही गंभीर मामला है। मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि विपक्ष के सदस्यों को अनावश्यक सनसनी फैलाने और सदन को गुमराह करने से आखिर क्या हासिल हुआ? विपक्ष के लोगों ने दिल्ली के लोगों में दहशत और अशांति फैलाने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि मुझे बेहद दुख है कि इस कार्य के लिए इस प्रतिष्ठित सदन का दुरूपयोग किया गया। सदन में नियमों का उल्लंघन करके दिनांक 18 जनवरी 2023 को पानी की बोतले लाने और प्रदर्शित करने वाले के आचरण के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए इस पूरे मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंपता हूं। समिति इस बारे में रिपोर्ट दें कि इस मामले में कौन-कौन शामिल थे और पानी कहां से लाया गया? वहीं, दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट में देरी को लेकर भी एक माह के अंदर रिपोर्ट दें।